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किसान नेता भारत बंद को लेकर क्या कह रहे हैं?

अमित शाह ने तय बैठक से एक दिन पहले किसानों को मुलाकात के लिए बुलाया.

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बाएं से दाएं: सिंघु बॉर्डर पर धरना देते किसान. गृह मंत्री अमित शाह से आज शाम बात होगी. (फोटो- PTI)
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8 दिसंबर 2020 (Updated: 8 दिसंबर 2020, 01:57 PM IST) कॉमेंट्स
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भारत बंद, इसे कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने बुलाया. 8 दिसंबर 2020 यानी आज के दिन. किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार का कहना है कि इसे वापस नहीं लिया जा सकता. सरकार कानूनों में कुछ संसोधन के पक्ष में तो दिख रही है, लेकिन वापसी के खिलाफ है. दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर डटे हुए हैं. इसी के चलते किसान पिछले 12-13 दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं और मंगलवार यानी 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया. कई विपक्षी पार्टियों ने भी इस बंद का सपोर्ट किया.

अब इस बंद में वाकई क्या-क्या बंद रहा, किस हिस्से में क्या हुआ, एक-एक करके जानते हैं. 

# गृह मंत्री के साथ होगी मीटिंग

देश के कई हिस्सों में बंद के सपोर्ट में प्रदर्शन हुए. अलग-अलग तरीकों से. इस भारी विरोध के बीच शाम होते-होते खबर आई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसानों से शाम सात बजे मुलाकात करेंगे. सरकार से बातचीत वैसे कल प्रस्तावित थी, लेकिन अमित शाह ने आज ही बुला लिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश तिकैत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा-

शाम सात बजे हमारी गृह मंत्री से मीटिंग है. हम अभी सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं और फिर वहां से हम मीटिंग के लिए जाएंगे. 


# भारत बंद सफल रहा या नहीं?

किसान लीडर्स के मुताबिक, भारत बंद सफल रहा. समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता रुदरु सिंह मनसा ने कहा-

"केंद्र सरकार हमारे भारत बंद के सामने झुकी. कोई बीच का रास्ता नहीं है. हम आज की मीटिंग में गृह मंत्री से 'हां' या 'न' में जवाब मांगेंगे."


किसान नेता गुरनाम सिंह चाधुनी ने कहा-

"गृह मंत्री अमित शाह ने हमें मीटिंग के लिए बुलाया है आज, हम लोग हिस्सा लेंगे. भारत बंद सफल रहा. सरकार अब जानती है कि उनके पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है."


किसान नेताओं का कहना है कि वो दिल्ली या हरियाणा में किसी की दिक्कत की वजह नहीं बनना चाहते, वो चाहते हैं कि दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में प्रोटेस्ट की परमिशन मिल जाए.

भारत बंद के दौरान कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन तो हुआ ही, लेकिन साथ ही कुछ विवाद भी हुए. जैसे-

# अरविंद केजरीवाल का 'हाउस अरेस्ट'

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, AAP का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने BJP की मदद से सीएम अरविंद केजरीवाल को घर में ही नज़रबंद कर दिया है. पार्टी का आरोप है कि भारत बंद के चलते गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने ऐसा किया. AAP का कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयरों को सीएम के घर के मेन गेट के बाहर धरने पर बैठा दिया है और इसी का बहाना बनाकर सीएम के घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी है, जिससे न केजरीवाल से कोई मिलने आ सकता है और न ही वो कहीं बाहर जा सकते हैं. साथ ही केजरीवाल की सभी बैठकरें भी रद्द हुई हैं. AAP ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया. कहा-

"BJP की दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल को हाउस अरेस्ट कर दिया है, सिंघु बॉर्डर से लौटने के बाद ऐसा किया."


पुलिस ने कहा- सब गलत है!

AAP के आरोपों को दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खारिज किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्थ ज़िले के DCP अंटो अल्फोंस ने कहा है कि ये आरोप झूठे हैं और बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा-

हमारी फोर्स वहां तैनात है. अरविंद केजरीवाल कल शाम आठ बजे भी कहीं निकले थे और रात 10 बजे के लगभग वापस लौटे. दिल्ली के सीएम होने के नाते वो जहां जाना चाहते हैं, जा सकते हैं.


मनीष सिसोदिया ने पुलिस की तैनाती पर सवाल उठाए

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीएम केजरीवाल के घर के बाहर तैनात सुरक्षाबल को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सीएम ने किसानों के लिए स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने से मना कर दिया था. अब, जनता को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा. इसका क्या ये मतलब है कि वो हाउस अरेस्ट हैं? यहां इतने सारे सिक्योरिटी पर्सनल क्यों तैनात हैं?

इसके अलावा मनीष सिसोदिया सीएम आवास के सामने कथित 'हाउस अरेस्ट' के खिलाफ धरना दे रहे हैं.


पुलिस का क्या जवाब है?

DCP नॉर्थ का कहना है कि सीएम के आवास के बाहर जो तैनाती देखी जा रही है, वह उनकी सुरक्षा के लिए नियमित तैनाती है. आगे कहा- हम सीएम आवास से कॉर्डिनेट कर रहे हैं. जिस किसी को भी वो कहते हैं कि अंदर जाने देना चाहते हैं, हम अनुमति देंगे.


BJP ने कहा- हाउस 'रेस्ट' कर रहे हैं सीएम

AAP के आरोपों पर BJP का भी पलटवार आया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि भारत बंद दिल्ली में पूरी तरह से बेअसर है, सीएम केजरीवाल की अपील को लोगों ने ठुकरा दिया है, इसलिए वो घर के अंदर मुंह छिपाए बैठे हैं. आगे कहा कि सीएम को 'हाउस अरेस्ट' नहीं किया गया, बल्कि वो हाउस में 'रेस्ट' कर रहे हैं.

आगे कहा कि सीएम केजरीवाल पिछले सात महीने से घर पर ही आराम कर रहे हैं. वो घर से बाहर निकलते कब हैं? उनके हाउस अरेस्ट होने के दावे की तो खुद दिल्ली पुलिस ने हवा निकाल दी है. पुलिस ने बताया है कि सुरक्षा के मद्देनज़र घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं.

इसके अलावा आदेश गुप्ता ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि सीएम केजरीवाल रात में घर से बाहर गए थे-


दिल्ली सीएम किसानों के सपोर्ट में हैं. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा-

"जब गज़ट (राजपत्र) नोटिफाई किया गया था, तब अरविंद केजरीवाल ने कृषि बिलों पर समर्थन दिया था. जब सरकार किसी बिल को प्रशासनिक और राजनीतिक रूप से स्वीकार करती है, तब गज़ट अधिसूचित किया जाता है. तो उन्होंने (केजरीवाल) ने इस बिल पर अपनी स्वीकृति पहले ही दे दी थी. जब बिल संसद में पेश किए गए, तब विपक्ष ने ऐसा दिखाया कि सरकार MSP संचालन ही बंद कर देगी और APMC मंडियों को बंद कर देगी. सरकार ने ऐसा नहीं किया. जबकि सरकार ने आश्वासन दिया कि MSP ऑपरेशन में और सुधार किया जाएगा."

# राजस्थान में BJP ऑफिस के सामने झड़प

कृषि कानूनों के मुद्दे पर जयपुर में BJP ऑफिस के सामने BJP और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस इस झड़प को रोकने की कोशिश करती दिख रही है. भारी नीरेबाज़ी भी सुनाई दे रही है.


# 'भीम आर्मी प्रमुख हाउस अरेस्ट हुए'

- चंद्रशेखर आज़ाद. भीम आर्मी प्रमुख हैं. भीम आर्मी के एक मेंबर कुश अम्बेडकरवादी ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि पुलिस ने चंद्रशेखर आज़ाद को हाउस अरेस्ट कर लिया है. कुश ने ट्विटर पर लिखा,

"भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद को उनके घर सहारनपुर में पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है, ताकि किसान आंदोलन में शामिल न हो सकें. योगी सरकार की तानाशाही चरम पर है."


Chandrashekhar
पुलिस से बात करते हुए चंद्रशेखर.

फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला. जैसे- 

# शिवसेना ने क्या कहा?

- शिवसेना नेता संजय राउत ने भी किसानों की मांग का समर्थन किया. बंद के मुद्दे पर कहा-

ये कोई राजनीतिक बंद नहीं है. ये हमारी भावना है. दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान संगठन कोई राजनीतिक झंडा नहीं रखे हुए हैं. ये हमारा कर्तव्य है कि हम किसानों के साथ एकता में खड़े रहें और उनकी भावनाओं से जुड़े रहें. यहां कोई राजनीति नहीं है और होनी भी नहीं चाहिए. अगर सरकार के पास दिल है, फिर चाहे वो होम मिनिस्टर हों या फिर प्रधानमंत्री, वो खुद किसानों के पास जाएंगे और उनसे बात करेंगे.

# सरकार को शरद यादव ने क्या जवाब दिया

7 दिसंबर को बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लिया था. कहा था-

शरद पवार भी नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन जब वो कृषि मंत्री थे, तब उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी, मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर में 'प्राइवेट सेक्टर पार्टिसिपेशन' के लिए.

रविशंकर प्रसाद की इस बात पर अब NCP चीफ शरद पवार ने जवाब दिया. उन्होंने कहा-

मैंने कहा था कि APMC में कुछ सुधारों की ज़रूरत है. APMC एक्ट रहना चाहिए, लेकिन सुधार के साथ. इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैंने लेटर लिखा था. लेकिन उनके तीन एक्ट्स APMC का ज़िक्र भी नहीं करते. वो बस ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अहमियत देने की ज़रूरत नहीं है. कल अलग-अलग राजनीतिक दलों के 5-6 लोग चर्चा करेंगे और एक कलेक्टिव स्टैंड लेंगे. कल शाम पांच बजे राष्ट्रपति के साथ अपॉइन्टमेंट है. हम हमारा कलेक्टिव स्टैंड उनके सामने रखेंगे.

प्रदर्शन के बीच कुछ ऐसे नज़ारे भी देखने मिले, जिनसे राहत मिली. जैसे-

# एंबुलेंस को रास्ता दिया गया

हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एक एंबुलेंस को भी रास्ता दिया. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. प्रदर्शनकारी अंबाला-हिसार हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे थे, उस दौरान एंबुलेंस को जाना था, बाकायदा रास्ता दिया गया.


# कहां-कहां किस तरह का प्रदर्शन हुआ?

वैसे तो जितनी तस्वीरें सामने आईं, वो प्रदर्शन की रहीं. लेकिन बंद जैसा कोई सीन ज्यादा देखने को नहीं मिला. दिल्ली में भी मार्केट दुकानें वगैरह सब खुली रहीं. गुजरात में भी बंद का असर देखने को नहीं मिला. लेकिन किसान लीडर्स का कहना है कि ये भारत बंद सफल रहा. वैसे, कई तरह से लोगों ने किसानों के सपोर्ट में प्रदर्शन किया, जैसे-

- काली पट्टी बांधकर किया भारत बंद का समर्थन. दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट के दुकानदारों ने भारत बंद का समर्थन किया. हालांकि दुकानें रोज़ की तरह खुली रहीं, लेकिन दुकानदारों ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर इस बंद को सपोर्ट किया.

- बेंगलुरु में भारत बंद के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के लोगों ने प्रदर्शन किया. और वो भी काफी अनोखे अंदाज़ में. किसी ने सिर पर सब्ज़ी रखा तो कोई बैल द्वारा खींची गई गाड़ी में बैठकर आया.


- तीस हज़ारी कोर्ट में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन भी भारत बंद के सपोर्ट में प्रदर्शन किया. वकीलों का कहना है,

"विरोध पर सरकार की प्रतिक्रिया चिंता का विषय है. कानूनी बिरादरी किसानों के साथ है. ये कानून न तो किसानों के पक्ष में हैं और न ही वकीलों के."

- पुडुचेरी की सड़कों पर कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला. भारत बंद के समर्थन में. सीएम वी. नारायणसामी भी मौजूद रहे इस दौरान.

- तेलंगाना के रंगा रेड्डी में भी भारत बंद के सपोर्ट में प्रदर्शन हुआ. TRS लीडर के. कविता और के.टी. रामा राओ ने अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रोटेस्ट किया.


- असम के गुवाहाटी में जनता भवन के सामने भारत बंद के सपोर्ट में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया.


- मुंबई डब्बेवाला एसोसिएशन भी किसान आंदोलन और भारत बंद के समर्थन में आया. एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुभाष तालेकर ने कहा,

"केंद्र जो कृषी कानून लेकर आया है वो देश के किसानों को खत्म कर देगा. उत्तर भारत में किसानों ने बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया है और भारत बंद आज के लिए बुलाया गया है. मुंबई डब्बेवाला एसोसिएशन इस बंद को सपोर्ट करता है."

- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भारत बंद के मुद्दे पर विपक्षी दलों को निशाने पर लिया. कहा कि-

हर चीज़ पर लोगों को गुमराह करना, देश की छवि को बदनाम करने की साजिश करना विपक्षी दलों का पुराना तरीका रहा है. अपने शासन काल में कांग्रेस, NCP, अकाली दल, लेफ्ट पार्टियां इस तरह के बिल का सीना ठोक कर समर्थन करती रही हैं.

- लखनऊ में समाजवादी पार्टी के MLC भारत बंद के सपोर्ट में विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैठे. मौन धरने पर.


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(फोटो- आशीष श्रीवास्तव)

- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में प्रदर्शनकारियों ने बंद के दौरान कबड्डी खेली, गाना गाया और डांस किया.

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- कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ हाईवे पर जाम भी लगाया.

Bharat Bandh (2)

- बिहार के दरभंगा के गंज चौक में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वर्कर्स ने टायर जलाकर कृषि कानूनों पर विरोध जताया. और भारत बंद का सपोर्ट किया.


- कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस के नेताओं ने भारत बंद का सपोर्ट किया. बंद के सपोर्ट में नेता लोग हाथ में तख्तियां लेकर बैठे. केंद्र के खिलाफ नारे लगाए, काले झंडे दिखाए. ये प्रदर्शन विधान सौदा के सामने बने गांधी स्टैच्यू के सामने हुआ.


- विभिन्न राज्यों की पुलिस ने जनता से अपील की थी कि भारत बंद के दौरान शांति व्यवस्था बनाई रखी जाए. तेलंगाना पुलिस ने ये भी कहा था कि जबरन बंद या रोक लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


- आंध्र प्रदेश में लेफ्ट पॉलिटिकल पार्टीयों ने विजयवाड़ा में प्रोटेस्ट दर्ज कराया. 'भारत बंद' के सपोर्ट में.


- कर्नाटक के कालबुर्गी में लेफ्ट संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाए.


- तेलंगाना के कामारेड्डी में रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन वर्कर्स ने भी भारत बंद को अपना समर्थन दिया. एक बस ड्राइवर ने कहा-

"सीएम ने कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज़ उठाई. हम उनके साथ हैं. हम RTC के वर्कर्स यहां प्रोटेस्ट कर रहे हैं. किसानों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए."


- पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पॉलिटिकल पार्टियों ने कोलकाता के जाधबपुर रेलवे स्टेशन में प्रोटेस्ट किया. ट्रेन रोकी. कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाए और पुतले भी जलाए. CPI(M) नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसान की मांग के समर्थन में पूरा बंद है.


- भारत बंद के तहत ओडिशा में लेफ्ट की पार्टियों, ट्रेड यूनियन और किसान यूनियन्स ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन में ट्रेनें रोकीं.


- हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने अपने तहत होने वाले उन सभी एग्ज़ाम्स जो 8 दिसंबर को होने वाले थे, उन्हें पोस्टपोन कर दिया है. यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्ज़ाम्स ने कहा है कि रिवाइज़्ड शेड्यूल जल्दी जारी किया जाएगा. और जो एग्ज़ाम्स 9 दिसंबर को होने वाले हैं, वो अपने तय शेड्यूल में ही होंगे, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा.


- महाराष्ट्र के बुलधाना ज़िले के मलकापुर में भारत बंद रेल रोको' प्रोटेस्ट भी किया गया. स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने कुछ देर के लिए एक ट्रेन रोककर विरोध दर्ज किया. हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें ट्रैक्स से हटाकर हिरासत में ले लिया.


- 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के DM ने अपने ज़िले के सभी ग्रामीण इलाकों में सेक्शन 144 लागू कर दी, ताकि कहीं पर भी पांच से ज्यादा लोग इकट्ठे न हों. ये ऑर्डर भारत बंद को देखते हुए DM अभिषेक प्रकाश ने जारी किया.

- मुंबई में कुछ APMC बंद रहे. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) ने 7 दिसंबर को फैसला लिया था कि भारत बंद के सपोर्ट में बंद रहेंगे.

- अहमदाबाद में भी ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स यूनियन ने अपना सपोर्ट भारत बंद को दिया. यूनियन ने कहा कि 8 दिसंबर को एक लाख से भी ज्यादा ऑटो सड़कों पर नहीं दौड़ेंगे.

अब एक दिन पहले का जानिए- किसानों ने क्या अपील की थी?

दिल्ली के पास सिंघु बॉर्डर पर किसान पिछले 12-13 दिनों से धरने पर हैं. ये खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हैं. किसानों ने शांतिपूर्ण भारत बंद की अपील की थी. 7 दिसंबर की शाम, किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, इसमें क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेसिडेंट डॉक्टर दर्शनपाल न कहा था-

"ये बंद सुबह से लेकर शाम तक है. इसमें चक्काजाम जो है दोपहर तीन बजे तक रहेगा. आप लोग अपनी-अपनी सहूलियत के ज़रिए 11 से तीन या दस से तीन इसे रख सकते हैं, तीन बजे चक्काजाम खत्म हो जाएगा. बंद पूरे दिन के लिए है. दूध, सब्ज़ी वगैरह के लिए भी हमने कॉल दिया है कि ये नहीं आएगा. अस्पताल के लिए एंबुलेंस सर्विसेज़, शादियों वाले जाएं, इस तरह के जो इमरजेंसी सर्विसेज़ हैं, वो जारी रहेंगी. भारत बंद जो है पूरी तरह शांतिपूर्ण है. हमारा कॉल है. कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती न करने की हमारे साथियों ने अपील की है, ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं होगी. जिन राजनीतिक दलों ने हमारा सपोर्ट किया है, हम उन्हें धन्यवाद कहते हैं. उनसे ये अपील है कि वो अपना झंडा घर में छोड़कर आएं और फिर किसानों के साथ आकर बंद में शामिल हों."

सरकार ने कहा- इंतज़ाम किए जाएं

केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि 'बंद' के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाए, शांति बनाए रखें. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 दिसंबर को एक एडवाइज़री भी जारी की थी. राज्य और केंद्र शासित राज्य की सरकारों से कहा था कि भारत बंद के दौरान कोविड-19 के नियमों का भी पालन किया जाए, सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए. किसी तरह की कोई दुखद घटना देश के किसी हिस्से में न हो, इसके लिए कड़ा इंतज़ाम किया जाए.

कौन-सी पार्टियां सपोर्ट में?

दिल्ली की सीमाओं के अलावा कई अहम जगहों पर भारी पुलिसबल तैनात किया गया. इस बंद को कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला था. जैसे- कांग्रेस, NCP, DMK, SP, TRS और लेफ्ट की पार्टियां. आम आदमी पार्टी (AAP) भी इसके सपोर्ट में है. आप प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिंघु बॉर्डर का दौरा भी किया था और कहा कि वो भारत बंद को सपोर्ट कर रहे हैं.

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार भारत बंद को सपोर्ट नहीं करती, लेकिन वो किसान आंदोलन के समर्थन में हैं.


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