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जानिए फ़क़ीर चंद कोहली के बारे में, जिन्हें भारतीय आईटी इंडस्ट्री का पितामह कहा जाता था

फ़क़ीर चंद कोहली का निधन हो गया है

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फकीर चंद कोहली मशहूर आईटी कंपनी TCS के पहले CEO थे. 96 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. (फोटो - इंडिया टुडे)
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मयंक
27 नवंबर 2020 (Updated: 27 नवंबर 2020, 03:04 PM IST) कॉमेंट्स
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फ़क़ीर चंद कोहली का निधन हो गया. नामचीन आईटी कंपनी TCS के को-फाउंडर थे. भारतीय आईटी सेक्टर के पितामह कहलाते थे. 96 साल की उम्र में उन्होंने गुरुवार 26 नवंबर को अंतिम सांस ली. आइये उनकी जिंदगी को थोड़ा और करीब से जानते हैं.

पेशावर में हुआ था जन्म

19 मार्च, 1924 को पेशावर, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है, वहां जन्मे थे फ़क़ीर चंद कोहली. अपनी शुरूआती पढ़ाई लाहौर से की. इसके बाद इंजीनियरिंग पढ़ने कनाडा चले गए. इंजीनियरिंग के बाद कुछ साल अमेरिका के प्रतिष्ठित MIT में भी पढ़ाई की. और 1951 में ब्रिटेन की ग़ुलामी से आज़ाद हो चुके भारत में लौटकर आए.

1969 में टीसीएस का ज़िम्मा संभाला

भारत लौटने के बाद फ़क़ीर चंद ने टाटा कम्पनी ज्वाइन की. 1970 तक कंपनी के डायरेक्टर के पद तक पहुंच गए थे. 1969 में उन्हें टीसीएस का जनरल मैनेजर बनाया गया. एयर इंडिया की बिल्डिंग से उन्होंने टीसीएस की शुरुआत की. कंपनी को उस मुक़ाम पर पहुंचाया, जहां हर साल हम उसे सबसे ज़्यादा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को नौकरी देते देखते हैं.

ऐसा काम किया कि पीढ़ियां याद करें

70 के दशक की शुरुआत से ही फ़क़ीर चंद ने टीसीएस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी. उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर उनके यहां कंप्यूटर साइंस का डिपार्टमेंट तैयार करवाने पर काम किया. साथ ही साथ, भारत सरकार को भी लेटेस्ट कम्प्यूटरों के आयात के लिए मनाया. 70 के दशक में ही फ़क़ीर चंद कोहली ने भारत में टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर से जुड़ा ऐसा माहौल तैयार कर दिया था, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद करने वाली थीं.
1991 में उन्होंने लगकर IBM के साथ काम किया, ताकि उसे भारत आने के लिए मना सकें. उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि IBM जैसी बड़ी विदेशी कंपनी भारत आई, और टाटा-IBM ने साथ मिलकर काम किया. 1994 में फ़क़ीर चंद कोहली को टीसीएस का डिप्टी चेयरमैन बना दिया गया. इतने शानदार करियर के बाद उन्होंने 75 की उम्र में 1999 में अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी. हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी कंपनी से जुड़े रहे.

पद्मभूषण से भी नवाजा गया

अपने पूरे करियर के दौरान उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिताब मिले. रिटायरमेंट के बाद 2002 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से नवाजा.  उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी श्रद्धांजलि दी. आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ट्वीट करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए.


तकनीक जगत के महारथियों ने भी कोहली को याद किया. टेक महिंद्रा के सीईओ सी.पी. गुरनानी ने अपने ट्वीट में लिखा,
"भारत के आईटी जगत के लिए ये एक दुखभरा दिन है. वो (फ़क़ीर चंद कोहली) सिर्फ टीसीएस के पहले सीईओ नहीं बल्कि भारत की सबसे महान ग्रोथ स्टोरी की नींव रखने वाले भी थे."
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फोटो - ट्विटर

फ़क़ीर चंद कोहली का जाना भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए नुकसान तो है ही. लेकिन एक चुनौती भी है कि जिस इंडस्ट्री को उन्होंने अपने बूते खड़ा किया, वो उनकी अनुपस्थिति में किन ऊंचाइयों तक जाता है.

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