'राजनाथ जी, पाकिस्तान से लौटते हुए सोहन लाल को ले आना'
गेहूं काटने गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस के कॉन्स्टेबल पिछले 2 सालों से पाकिस्तान की जेल में हैं.
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सोहन लाल की बच्चियां और पत्नी
कॉन्स्टेबल सोहन लाल चौधरी जम्मू के गुलाबगढ़ गांव के रहने वाले हैं. करीब दस-बारह साल वो जम्मू-कश्मीर पुलिस में भर्ती थे. पिछले कुछ समय से उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. परिवार के मुताबिक 11 मई 2014 को वो रणबीरसिंहपुरा सेक्टर के बॉर्डर पर लगे तारों के उस पार अपनी ज़मीन पर गेहूं काटने गए थे. वो जब तक वापस आ पाते, उससे पहले बीएसएफ ने बॉर्डर पर लगे गेट बंद कर दिए. सोहन लाल बॉर्डर के उस पार ही रह गए.

कांस्टेबल सोहन लाल चौधरी
सोहन लाल की पत्नी सुखविंदर कौर ने कहा कि परिवार ने बहुत दिनों तक उनकी तलाश की. पुलिस के पास उनके लापता होने की रिपोर्ट भी लिखवाई. लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. काफी दिनों के बाद ये खबर आई कि 11 मई 2014 को वो गलती से बॉर्डर के उस पार चले गए थे. उसके बाद से उनको लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है. सुखविंदर कौर ने कहा कि एक साल पहले पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को सोहन लाल चौधरी के लाहौर जेल में बंद होने की खबर दी थी. भारत सरकार और परिवार ने पहचान भी की थी कि जो जेल में बंद हैं, वो सोहन लाल चौधरी ही हैं.
सोहन लाल चौधरी की दो बेटियां है. अंजलि और मानसी. अपने पापा के अचानक से गायब हो जाने की वजह से बच्चियां भी बहुत सहमी सी रहती हैं. सुखविंदर कौर को फिलहाल पुलिस ने बतौर स्पेशल पुलिस अफसर लगा लिया है. लेकिन उनकी महीने की सैलरी सिर्फ तीन हज़ार रुपए है. इस वजह से घर की हालत भी काफी ख़राब है.
सुखविंदर का कहना है कि सोहन लाल मानसिक रूप से बीमार थे. वो गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे. अब जब राजनाथ सिंह पाकिस्तान गए हैं. उनको पाकिस्तान सरकार के सामने ये मामला उठाना चाहिए. ताकि सोहन लाल को वापस लाया जा सके.
दोनों बेटियां मानसी और अंजलि ने भी राजनाथ सिंह से रिक्वेस्ट कर रही हैं कि वो उनके पापा को जल्दी से घर वापस ले आएं. ताकि इतने सालों बाद वो लोग अपने पापा को देख सकें. दो साल बाद ही सही अपने पापा से मिल सकें.
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