फेसबुक का ये टूल इंडिया में भी जित्ती जल्दी आ जाए, उत्ता अच्छा है
ये टूल फेसबुक के लिए ज़रूरी है, क्योंकि उसपर अभी बड़ा फर्जीवाड़ा है.
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नमक ख़त्म हो रहा है. जल्दी खरीद कर रख लो दंगा हुआ, और ख़बरें फैला दीं कि फलां कम्युनिटी ने इतने मार दिए. इसे शेयर करो या फिर नेताओं, सरकारों के लिए फर्जी प्रचार और दुष्प्रचार की ख़बरें
ऐसी भड़काऊ और फर्जी ख़बरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जाती हैं. लोग इनका सच जांचे बिना ही शेयर कर देते हैं. लेकिन अब फेसबुक अब कोशिश करने जा रहा है. ऐसी अफवाहों को छांटने का काम करेगा. ताकि फर्जी ख़बरों को फैलने से रोक सके. लेकिन ये अभी इंडिया में नहीं होगा. इसकी शुरुआत जर्मनी से हो रही है. फेसबुक जर्मनी में ऐसा टूल जल्दी ला रहा है, जो फेक न्यूज़ को फ़िल्टर करेगा. ये टूल तो इंडिया में जितनी जल्दी आ जाए उतना अच्छा है.फेसबुक के इस टूल के आने के बाद यूजर फर्जी खबरों की निशानदेही कर सकेंगे. इसके बाद ख़बरों को जांच के लिए भेजा जाएगा और अगर इस बात की तस्दीक हो जाती है कि ये खबर फर्जी है है तो उसे न्यूज़ फीड में फर्जी करार दिया जाएगा. जर्मन लैंग्वेज में इस टूल को लाने का ऐलान पिछले महीने हुआ था. खबर है कि इस हफ्ते ये टूल जर्मनी में आ जाएगा.
अमेरिका के प्रेसिडेंट चुनाव में ये खबर थी कि फेसबुक गलत ख़बरों को प्रचारित कर रहा है. जिससे प्रेसिडेंट को चुनने में असर डाल सकता है. शिकायतें भी आईं कि चुनाव से संबंधित गलत ख़बरें फेसबुक पर फैलाई जा रही हैं.
जर्मनी की हुकूमत ने भी ये आशंका ज़ाहिर की है कि गलत ख़बरों की वजह से आने वाले चुनाव में गलत असर पड़ सकता है.
अमेरिकी चुनाव के दौरान जब उस वक्त के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डॉनल्ड ट्रंप के फेवर वाली फेक खबरों को फैलाने का इल्ज़ाम फेसबुक पर लगाया था. तब से ही फेसबुक को इसके लिए आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था. तब जुकरबर्ग ने फेक खबरों के वायरल होने को लेकर टेक्निकल हल ढूंढने का फैसला किया था.फेसबुक पर उन्होंने अपनी पोस्ट पर जुकरबर्ग ने लिखा था, 'हम गलत खबर को बहुत गंभीरता से ले लेते हैं. हम इस समस्या पर लंबे समय से काम करते आए हैं. हमने कुछ सफलता भी हासिल कर ली है लेकिन अब भी बहुत काम करना बाकी है.
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ मार्क जुकरबर्ग. source AP
तो भय्या बात ऐसी है. अपने यहां भी बड़ा ही व्हाट्सएप और फेसबुक वाला माहौल है. धड़ाधड़ शेयर कर दिया जाता है. ऐसे टूल की सख्त ज़रुरत है. मार्क जुकरबर्ग को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए. और अभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव आ गए हैं. फर्जी ख़बरें भी चलेंगी. और पेड ख़बरें भी. तो जुकरबर्ग जी जल्दी से इंडिया में भी ये टूल ले आईए, ताकि फर्जी ख़बरें किसी को गलत फायदा न पहुंचा सकें.