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'संविधान के दायरे में रहकर बोलना चाहिए', राज्यपाल के बयान पर बोले सीएम शिंदे

फडणवीस ने कहा- "गवर्नर के बयान से सहमत नहीं हैं. मराठी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में बहुत योगदान है."

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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (बीच में) के बयान पर सीएम एकनाथ शिंदे (बाएं) और उप मुख्यमंत्री फड़नवीस (दाएं) ने दी प्रतिक्रिया (फोटो: आजतक)
30 जुलाई 2022 (Updated: 30 जुलाई 2022, 20:09 IST)
Updated: 30 जुलाई 2022 20:09 IST
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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के बयान पर सियासत जारी है. विपक्ष के विरोध के बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी राज्यपाल के बयान से किनारा कर लिया है. सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है कि ये राज्यपाल के निजी विचार हैं, और सरकार उनका समर्थन नहीं करती है. चारों ओर से विरोध होने के बाद अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. वहीं राज्यपाल के इस बयान के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं.

सीएम ने क्या कहा? 

आजतक के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने कहा, 

"ये राज्यपाल के विचार निजी हैं. हम उसका समर्थन नहीं करते हैं. राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है. उन्हें संविधान के दायरे में रहकर बोलना चाहिए. हम मुंबई के लिए मुंबईकर और मराठी लोगों के योगदान को कभी नहीं भूल सकते." 

वहीं उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा,

"राज्यपाल क्या बोले वो राज्यपाल ही बताएंगे, लेकिन हम उनके बयान से सहमत नहीं हैं. मराठी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में बहुत योगदान है."

इससे पहले शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल के विवादित बयान का ठीकरा उनके सचिवालय पर फोड़ा है. केसरकर ने कहा, 

"राज्यपाल के भाषण को उनके सचिव या उनकी तैयार करती है. मुंबई को बसाने में मराठी आदमियों का बहुमूल्य योगदान तो है ही, साथ ही गुजराती, राजस्थानी और पारसी लोगों के साथ-साथ सभी धर्मों के लोगों ने भी अपने-अपने स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है."  

बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया: राज्यपाल 

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उनकी टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के पर एक बयान जारी कर कहा कि वह केवल शहर के कारोबार और बिजनेस में गुजराती और राजस्थानी समुदायों के योगदान पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 

“ऐसा करते हुए, मेरी मंशा मराठी भाषी लोगों के अपमान की नहीं थी. मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. मुंबई महाराष्ट्र का गुरुर है और देश की वित्तीय राजधानी है.”

कोश्यारी ने कहा कि वह राज्यपाल के तौर पर महाराष्ट्र राज्य की सेवा कर गर्व महसूस करते हैं.

राज्यपाल ने क्या कहा था? 

शुक्रवार, 29 जुलाई को राज्यपाल एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने भाषण देते हुए कहा कि अगर मुंबई और खासकर ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दिया जाए तो महाराष्ट्र में पैसा ही नहीं बचेगा. जिस मुंबई को आर्थिक राजधानी कहते हैं वो फिर आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी. इसी बयान पर राज्य में घमासान हो रहा है.

वीडियो: एकनाथ शिंदे गुट को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले में क्या कह दिया?

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