चुनाव आयोग ने गृह सचिव हटाने के लिए कहा, UP सरकार बोली 'मत हटाओ कोई फायदा नहीं'
Election Comission of India ने छह राज्यों को अपने गृह सचिव हटाने के निर्देश दिए थे. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आपत्ति जताई गई थी. इसे लेकर ECI को पत्र भी लिखा गया था.
उत्तर प्रदेश ने अपने गृह सचिव ( Uttar Pradesh Home Secretary ) को हटाने वाले फैसले का विरोध किया है. भारतीय निर्वाचन आयोग ( Election Comission of India ) ने छह राज्यों के गृह सचिव को उनके पद से हटाने के निर्देश जारी किए थे. निर्देश जारी होने के कुछ ही देर बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने इस पर आपत्ति जताई. इसे लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा गया.
यूपी सरकार ने EC से क्या कहा?चुनाव आयोग के निर्देश जारी होने से पहले संजय प्रसाद उत्तर प्रदेश के गृह सचिव के पद पर पदस्थ थे. सोमवार 18 मार्च को भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को अपने गृह सचिव हटाने के निर्देश जारी किए थे. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि निर्देश जारी होने के कुछ ही घंटों बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले ही संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री कार्यालय का अतिरिक्त प्रभार छोड़ दिया था.
EC ने क्या जवाब दिया?दुर्गा शंकर मिश्रा के पत्र का जवाब देते हुए निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश को फिर से दोहराया. और संजय प्रसाद के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए तीन नामों का एक पैनल प्रस्तुत करने के लिए कहा. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राज्य सरकार के रुख पर निर्वाचन आयोग ने विचार किया था. इसके बाद ही आदेश दिया गया. सूत्रों के हवाले से ये भी बताया गया कि सभी राज्यों ने चुनाव आयोग के निर्देशों को मान लिया था. सिर्फ उत्तर प्रदेश ने उनके इस फैसले का विरोध किया. लेकिन आयोग के कड़े रुख के बाद यूपी सरकार ने भी हामी भर दीे.
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उत्तर प्रदेश के गृह सचिव संजय प्रसाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास लोगों में से एक माने जाते हैं. प्रसाद 1995 बैच के IAS अधिकारी है. सितंबर 2022 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव के तौर पर पदभार संभाला था.
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