बर्फ की चादर में घुटनों तक धंसे ये चीनी सैनिक बंदूक की बट से हमला करने वाले हैं.उनके निशाने पर सोवियत आर्मी है. ये तस्वीर जनवरी 1969 की है. दोनों देश बेकार पड़ेएक द्वीप के लिए झगड़ रहे हैं. उस समय तक सैनिकों को हाथापाई की ही इजाज़त थी.गोलियां चलाने की नौबत नहीं आई थी. इस झगड़े से कुछ समय पहले तक सोवियत संघ और चीनएक-दूसरे के पक्के वाले दोस्त थे. दोनों में कम्युनिस्ट सरकार चल रही थी. चीन नेसोवियत संघ के कहने पर कोरिया में अपनी सेना उतारी थी. सोवियत संघ भी उन्हें ख़ूबसारी मदद भेजता था. चीनी नेताओं का एक कान हमेशा मॉस्को में होता था. वे सोवियतसरकार की हर बात माना करते थे. फिर न्युक्लियर टेक्नोलॉजी और प्रभुत्व को लेकरउनमें तकरार हुई. आख़िरकार, मार्च 1969 में युद्ध शुरू हो गया. इसमें बड़ी संख्यामें सोवियत और चीनी सैनिक मारे गए.