'मुझे फूल सा नाजुक न बनने देना, मैं कांटों में पला हूं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया फूल का नाम. तो फूटा उनके भीतर का कवि.
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फोटो - thelallantop
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गंगटोक में बोलते हुए सेंटी हो गए. कह गए कि मुझे फूल जैसा नाजुक मत बनने देना, मैं तो कांटों के बीच रहा हूं और उन्हीं के बीच रहूंगा.
सिक्किम की राजधानी में कृषि मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री के भीतर का कवि फूट पड़ा. आप जानते हैं कि वह कवि भी हैं. किताबें लिख चुके हैं.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा, 'लेकिन जहां जरूरत, वहां फूल जैसी कोमलता के साथ दुखी के आंसू पोंछने के काम ये जिंदगी आ जाए, इससे बड़ा क्या सौभाग्य होगा.'
