19 जनवरी 2016 (Updated: 19 जनवरी 2016, 06:52 AM IST) कॉमेंट्स
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गंगटोक में बोलते हुए सेंटी हो गए. कह गए कि मुझे फूल जैसा नाजुक मत बनने देना, मैं तो कांटों के बीच रहा हूं और उन्हीं के बीच रहूंगा.
सिक्किम की राजधानी में कृषि मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री के भीतर का कवि फूट पड़ा. आप जानते हैं कि वह कवि भी हैं. किताबें लिख चुके हैं.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा, 'लेकिन जहां जरूरत, वहां फूल जैसी कोमलता के साथ दुखी के आंसू पोंछने के काम ये जिंदगी आ जाए, इससे बड़ा क्या सौभाग्य होगा.'
प्रधानमंत्री यूं ही फूलों को याद नहीं कर रहे थे. उन्होंने ऑर्किड की दो किस्मों का नामकरण किया. एक का नाम सरदार पटेल के नाम पर 'सिंबिडियम सरदार' और दूसरे का दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर 'सिबिंडियम दीनदयाल'.
एक फूल का नाम सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने खुद मोदी के नाम पर रखा गया, 'सिंबिडियम नमो.' प्रधानमंत्री दो दिनों के नॉर्थ ईस्ट दौरे पर हैं. मंगलवार को उनका असम में आईआईटी, एनआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट से बातचीत का प्रोग्राम है.