डॉज मीम: हर कॉमेडी सिचुएशन में जिस कुत्ते का मीम इस्तेमाल होता है, वो आया कहां से है?
जानिए उस कुत्ते की दिलचस्प कहानी, जिसके नाम की करेंसी तक चलती है.
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डॉज मीम्स, Every dog has its day की ज़िंदा मिसाल.
Everywhere I go I see his face..
(जहां भी जाता हूं.. उसका चेहरा दिखता है)

'स्पाइडरमैन: फार फ्रॉम होम' का सीन.
'स्पाइडरमैन: फ़ार फ्रॉम होम' में ये डायलॉग पीटर पार्कर बोलता है टोनी स्टार्क के लिए. वी ऑल्सो लव हिम 3000, लेकिन हम ये बात टोनी स्टार्क के लिए नहीं बल्कि एक डॉगी स्टार के लिए बोल रहे हैं. वो डॉगी, जो सोशल मीडिया नामक शहर की फेसबुक कॉलोनी से लेकर ट्विटर टोले और इंस्टाग्राम सोसाइटी तक हर जगह चक्कर मारता दिख ही जाता है. गनीमत है कि ये डॉगी ना काटता है, ना भौंकता है. सिर्फ़ हंसाता है.
हम बात कर रहे हैं मीम्स में दिखने वाले उस डॉग की, जिसका नाम शायद आप ना जानते हों, लेकिन देखा तो ज़रूर होगा.

डॉग से डॉज बनने की कहानी.
ये हैं तो डॉग लेकिन इंटरनेट की दुनिया में इन्हें डॉज कहा जाता है. वर्तमान के सबसे पॉपुलर, ट्रेंडिंग मीम्स के सुपरस्टार. दुनिया भर में इनके फैन्स लाखों में नहीं, करोड़ों में हैं. और हां इस फैन लिस्ट में सिर्फ़ हमारे-आपके जैसे मैंगो मैन ही नहीं हैं, बल्कि एलन मस्क जैसे वड्डे-वड्डे लोग भी शामिल हैं. शेख़ीबाज़ लोगों को आपने अक्सर बोलते हुए सुना होगा,
"भाई मेरे नाम का सिक्का चलता है वहां".वो फेंकते हैं. लेकिन अपने डॉज भाई का सचमुच में सिक्का चलता है. क्रिप्टोकरेंसी है भाई के नाम से. जो आजकल खूब चल रही है. उदय भाई के अंदाज़ में कहूं तो बेसिकली भगवान का दिया सब कुछ है. दौलत है, शौहरत है, इज्ज़त है. लेकिन सवाल ये है कि डॉग से डॉज बनने की ये कहानी आखिर शुरू कहां से हुई? कैसे ये डॉग मीम वर्ल्ड का सुपरस्टार डॉज बना, चलिए बताते हैं.
#दास्तान-ए- डॉज
मीम वर्ल्ड में डॉज के नाम से फ़ेमस जिस डॉग को हम अब तक भाई कह कर संबोधित करते आए हैं, वो असल में बेन है. यानी फीमेल डॉग है. जिसका असली नाम है काबोसु. इंटरनेट डार्लिंग काबोसु अभी 5 नवंबर को ही स्वीट सिक्सटीन की हुई है. काबोसु जापान में पाई जाने वाली शीबा इनु ब्रीड की डॉग है.काबोसु की कहानी की शुरुआत होती है 2008 से. दो साल की काबोसु जिस फार्म पर बाकी डॉग्स के साथ रहती थी, वो बंद हो गया था. सभी डॉग्स को वहां से निकाला जा रहा था. ऐसे में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाली अतसुको सातो वहां पहुंचीं. उन्होंने दो साल की इस नन्ही डॉग को अडॉप्ट कर लिया. अतसुको को इस छोटी सी डॉगी की शक्ल जापान में पाए जाने वाले नींबू जैसे फ़ल से मिलती लगी. तो अतसुको ने इसका नाम भी उसी फल के नाम पर रख दिया. काबोसु.
#मीम कम ट्रू
13 फ़रवरी 2010. काबोसु की मालकिन अतसुको ने अपने पर्सनल ब्लॉग पर काबोसु के साथ अपनी कुछ फोटोज़ अपलोड कीं. इन कई तस्वीरों में से एक फ़ोटो में काबोसु की एक सोलो तस्वीर थी. जिसमें वो अपनी दोनों भौहें उठाए तिरछी निगाहों से कैमरे को देख रही थी.करीब आठ महीने बाद 28 अक्टूबर 2010 को काबोसु की ये तस्वीर रेडिट डॉट कॉम पर अपलोड की गई. अपलोडर ने काबोसु की फ़ोटो के साथ कैप्शन में पहली बार 'डॉज' शब्द का इस्तेमाल किया था. असल में ये 'डॉज' वर्ड 2005 में एयर हुए अमेरिकन एनिमेटेड टीवी शो 'होमस्टार रनर' के एक एपिसोड से निकला था. कुछ महीने बाद काबोसु की इस तस्वीर को टम्बलर पर भी अपलोड किया गया. सेम कैप्शन के साथ.
खैर, तीन साल ज़्यादा कुछ नहीं हुआ. लेकिन 2013 में अचानक से काबोसु की ये तस्वीर वायरल होने लगी. लोग काबोसु की तस्वीर को अलग-अलग तरीके से एडिट कर धड़ाधड़ शेयर किए जा रहे थे. जुलाई 2013 तक 'डॉज' कीवर्ड ऑनलाइन सर्च में टॉप पर आ गया. एक महीने बाद अगस्त में रेडिट जैसी साइट डॉज मीम्स से भरी पड़ी थीं.

डॉज... मीम तो देखा होगा. (यही तस्वीर से इस मीम ट्रेंड की शुरुआत हुई थी)
#जोक करके तूने मेरा कॉइन बना दिया
नवंबर 2013 आते-आते डॉज मीम वायरल सेंसेशन बन चुका था. इंटरनेट पर डॉज के मीम्स भारत समेत कई देशों में वायरल हुए पड़े थे. लेकिन ये तो बस शुरुआत थी. डॉज मीम हिस्टॉरिकल बनने जा रहा था.6 दिसंबर 2013. मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर हवा उड़ना शुरू हो गई थी. लेकिन सिडनी में बैठे बिली और जैक्सन नाम के दो सॉफ्टवेयर इंजीनीयर्स को क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर एकदम डार्क लग रहा था. दोनों को यकीन था कि ये सब कुछ दिनों के चोंचले हैं. जल्द ही सब बंद हो जाएगा.
एक दिन दोनों को खुराफ़ात सूझी. मज़े लेने के लिए दोनों ने एक पेमेंट सिस्टम बना दिया डॉजकॉइन. बनाया तो मज़े के लिए था लेकिन कुछ ही वक़्त में डॉजकॉइन की अपनी अलग एक ऑनलाइन कम्युनिटी बन गई. मात्र तीन दिन में ही डॉजकॉइन की वैल्यू में तीन सौ परसेंट का जंप आ गया. पहले ही महीने में डॉजकॉइन डॉट कॉम पर दस लाख से ज़्यादा लोगों ने विज़िट किया.
2014 में तो डॉजकॉइन ने ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में बिटकॉइन को भी पीछे छोड़ दिया था. हालांकि मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में डॉजकॉइन बिटकॉइन से पीछे ही रहा.

डॉजकॉइन.
#लो डॉजकॉइन.. एक स्पेस टिकट लाओ मस्क-आ मार के!
साल 2021. सात साल गुज़र गए लेकिन डॉजकॉइन की मार्केट वैल्यू में कुछ खास बढ़त नहीं आई थी. लेकिन सन 2021 डॉजकॉइन के लिए शुभ शगुन साबित हुआ. डॉजकॉइन की मार्केट में भयंकर बढ़त आई. जिसका क्रेडिट जाता है टेस्ला के CEO स्पेस एक्स के बॉस एलन मस्क को. लिविंग रिची रिच एलन मस्क ने साल की शुरुआत में लोगों से डॉजकॉइन में इन्वेस्ट करने की अपील की थी. उन्होंने कहा ये करेंसी का भविष्य है.मई 2021 को एलन मस्क की स्पेस एक्स कंपनी द्वारा ये ऐलान किया गया कि उनके चांद पर जाने वाले राइडशेयर मिशन को पूरे तरीके से डॉजकॉइन द्वारा फंड किया जाएगा. बीते दिसंबर में एलन मस्क ने अनाउंस किया की टेस्ला कंपनी अब डॉजकॉइन में भी पेमेंट एक्सेप्ट करेगी.

एलन मस्क के स्पेस मिशन का मैस्कॉट डॉज.
#डॉज वेरिएंट्स
मल्टीवर्स का ज़माना चल रहा है. सिर्फ़ मार्वल की फ़िल्मों में नहीं मीम जगत में भी. इंटरनेट पर आप ज़्यादातर काबोसु को ही देखते हैं. लेकिन अब ये अकेली डॉज नहीं है. और भी कई वेरिएंट्स मार्केट में घूम रहे हैं. जैसे कि चीम्स.चीम्स के मीम्स के बीच में एक एक्स्ट्रा M लगा रहता है. क्योंकि पहली बार जिसने चीम्स का मीम पोस्ट किया था, उसने साथ में कैप्शन में चीज़बर्गर की जगह 'चीम्सबर्गर' डाला था'. असल में चीम्स का नाम है बॉलज़े. ये होंगकोंग में अपने मालिक के साथ रहता है. इस मीम की शुरुआत 2017 में हुई थी. जब बॉलज़े की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली गई थी.

चीम्स विथ सॉफ्ट चीम्स.
दूसरी है सूकी. सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले फ़ोटोग्राफ़र जॉनाथन की पत्नी ने एक दिन उनका ऊनी स्कार्फ़ गर्म पानी में धुल दिया. जिस कारण वो श्रिंक हो गया. जॉनाथन की वाइफ ने वो स्कार्फ़ अपनी डॉग सूकी को पहना दिया. जॉनाथन ने सूकी की स्कार्फ़ पहने हुए तस्वीर खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी. जहां से सूकी भी डॉज बन गई.

सूकी.
तीसरे हैं वॉल्टर. ये 2018 में पॉपुलर हुआ जब उसकी मालकिन विक्टोरिया ने अपने कुत्ते के साथ ट्विटर पर फ़ोटो शेयर की थी.

वाल्टर.
एक तस्वीर ने ना सिर्फ काबोसु की बल्कि दुनिया के कई डॉग्स की किस्मत बदल दी. वो कैसे? वो ऐसे कि काबोसु की मालकिन अतसुको सातो काबोसु की पॉपुलैरिटी के बदौलत कई फंडरेज़र चलाती रहती हैं. जिसमें जुड़ने वाले पैसों से कुत्तों की देखभाल के डॉग फार्म खुलवाती हैं. आप भी अतसुको की तरह जानवरों का ख्याल रखें, उनकी मदद करें. क्या पता उनका भला करते-करते आपका भी भला हो जाए.