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सिद्धारमैया CM, खुद डिप्टी CM, किस बड़ी वजह से फॉर्मूले पर राजी हो गए डीके शिवकुमार?

डीके शिवकुमार ने खुद वो वजह बताई है.

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DK Shivakumar agrees on Congress formula Karnataka Siddaramaiah
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार. (फोटो- ट्विटर)
18 मई 2023 (Updated: 18 मई 2023, 10:14 IST)
Updated: 18 मई 2023 10:14 IST
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कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार (Karnataka Congress) की जिम्मेदारी संभालने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने फैसला ले लिया है. सिद्धारमैया (Siddaramaiah) कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वहीं डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) उपमुख्यमंत्री पद संभालेंगे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक डीके शिवकुमार इस फॉर्मूले पर राजी हो गए हैं.

डीके शिवकुमार ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके ऊपर कर्नाटक की बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में डिलीवर करना होगा. पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी. लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. डीके शिवकुमार ने कहा कि वो पार्टी के हित में फॉर्मूले पर राजी हुए हैं.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में कर्नाटक में सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई. इसी में डीके शिवकुमार इस फॉर्मूले पर तैयार हुए. रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को बेंगलुरु में आयोजित किया जा सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 18 मई की शाम कांग्रेस के विधायक दल (CLP) की एक बैठक बेंगलुरु में बुलाई गई है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के केंद्रीय पर्यवेक्षकों को CLP की बैठक के लिए बेंगलुरु पहुंचने को कहा कहा गया है.

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी हुई चर्चा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर चर्चा हुई थी. इसे लेकर डीके शिवकुमार ने शर्त रखी थी. सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने कहा था कि अगर ये एक साझा समझौता है तो भी पहले ढाई साल का कार्यकाल उन्हें दिया जाए, जबकि दूसरा सिद्धारमैया को. डीके शिवकुमार ने कहा था कि उन्हें या तो पहला कार्यकाल चाहिेए या फिर कुछ नहीं.

डीके शिवकुमार ने उस दौरान उपमुख्यमंत्री पद लेने से भी मना कर दिया था. हालांकि, वो अब राजी हो गए हैं.

डीके पीछे हटने को तैयार नहीं थे

डीके शिवकुमार 17 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मुलाकात करने गए थे. सूत्रों के मुताबिक, डीके अपनी शर्त से पीछे हटने को तैयार नहीं थे. वहीं पार्टी का मानना था कि चुनाव में जीत एक सामूहिक नेतृत्व की वजह से हुई है. शीर्ष नेतृत्व किसी भी हाल में वन-मैन शो नहीं चाहता था. 

वीडियो: कर्नाटक की जयानगर सीट पर आधी रात बवाल हुआ, फिर कौन जीत गया?

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