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CAA के ख़िलाफ हुए प्रदर्शनों में दिखे महमूद प्राचा के दफ्तर क्यों पहुंची दिल्ली पुलिस?

हालांकि गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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बाईं तस्वीर 24 दिसंबर की है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से अपने दफ्तर में बात करते प्राचा. दाईं तस्वीर 20 दिसंबर 2019 की है. जामा मस्जिद के बाहर अंबेडकर की फोटो लहराते प्राचा (लाल घेरे में) (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट्स)
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अभिषेक त्रिपाठी
25 दिसंबर 2020 (Updated: 25 दिसंबर 2020, 07:10 AM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली के वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर 24 दिसंबर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने छापेमारी की. वही महमूद प्राचा, जो 2019 में CAA के ख़िलाफ हुए प्रदर्शन में जामा मस्जिद के बाहर अंबेडकर की फोटो लहराकर चर्चा में आए थे. उन पर कथित रूप से एक फर्ज़ी हलफनामा देने और दंगा पीड़ितों को झूठे बयान देने के लिए मजबूर करने का आरोप है. प्राचा पर ये आरोप भी है कि उन्होंने एक अन्य वकील के हस्ताक्षर वाला शपथ पत्र आगे बढ़ाया था, जबकि वो वकील तीन साल पहले मर चुका था. स्पेशल सेल के सीपी नीरज ठाकुर का इस मामले में कहना है कि –
“अदालत ने FIR करने का आदेश दिया है. हम अदालत द्वारा जारी किए गए सर्च वारंट को ही अमल में ला रहे हैं.”
इस बीच प्राचा का एक वीडियो भी सामने आ रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि प्राचा के लैपटॉप, कम्प्यूटर सीज होंगे. प्राचा कह रहे हैं कि ये ऑर्डर के ख़िलाफ है. उनका कहना है कि पुलिस उनके लैपटॉप, कंप्यूटर देख सकती है, लेकिन सीज नहीं कर सकती. दिल्ली पुलिस का कहना है कि जब दिल्ली दंगों की जांच की जा रही थी, तभी ये फर्ज़ी हलफनामे वाला मामला भी सामने आ गया. जांच की गई. जांच के लिए ही अदालत से ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सर्च वॉरंट लिए गए थे. कौन हैं महमूद प्राचा? 20 दिसंबर 2019 को जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन तेज़ हो गया. नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ. हज़ारों की संख्या में लोग जुटे थे. टीवी स्क्रीन्स पर दिख रही भीड़ की तस्वीरों के बीच एक शख्स नज़र आया. काले कोट में. हाथ में अंबेडकर की फोटो लहराता हुआ. बॉडी लैंग्वेज से लग रहा है कि बेहद गुस्से में कोई बात कह रहा है. कौन था ये शख़्स? महमूद प्राचा. सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया कैंपस में 15 दिसंबर 2019 को पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले वकीलों में से एक थे. दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के वकील रहे हैं. उनकी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी है. CAA के खिलाफ मुखर हैं और कई टीवी डिबेट्स का हिस्सा बनते रहे हैं.

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