जाली डॉक्टर सर्जरी करता था, जाने कितने लोगों को मार डाला!
मामला ग्रेटर कैलाश के अग्रवाल मेडिकल सेंटर का है. पुलिस ने यहां काम करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इस मेडिकल सेंटर में हुई लापरवाही के कारण कई मरीजों की मौत हो गई. कुल कितनी मौतें? अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

दिल्ली के एक प्राइवेट मेडिकल सेंटर में गॉल ब्लैडर स्टोन के दो मरीजों की मौत के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इन चार आरोपियों में दो डॉक्टर हैं और दो फर्जी डॉक्टर हैं. फर्जी डॉक्टरों में एक डॉक्टर की पत्नी है और एक ऑपरेशन थिएटर टेक्निशियन है. आजतक के अमरदीप कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक मामला ग्रेटर कैलाश इलाके का है. यहां के अग्रवाल मेडिकल सेंटर में सर्जरी के बाद दो मरीजों की मौत हुई थी. इसकी शिकायत पुलिस से की गई. पुलिस को जांच में पता चला कि मरीजों की मौत सर्जरी के दौरान हुई जटिलताओं के कारण हुई. वहीं ये भी पता चला कि मरीजों की सर्जरी किसी सर्जन ने नहीं की थी.
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गॉल ब्लैडर स्टोन की सर्जरी हुई, अगले दिन मौत!पुलिस ने बताया कि ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन में पिछले साल सितंबर के महीने में एक शिकायत की गई थी. शिकायत एक महिला ने की थी. उनके पति को ग्रेटर कैलाश के एक मेडिकल सेंटर में गॉल ब्लैडर की पथरी निकालने के लिए भर्ती कराया गया था. गॉल ब्लैडर की सर्जरी हुई और एक दिन बाद मरीज की मौत हो गई.
मृतक मरीज की पत्नी ने जो शिकायत की थी, उसके आधार पर पुलिस ने शुरुआती जांच की. जांच में पता चला कि असली सर्जन ने ये सर्जरी नहीं की थी, बल्कि गैर आधिकारिक लोगों ने सर्जरी की. मतलब जो डॉक्टर नहीं हैं, उन्होंने सर्जरी की थी.
कानूनी सलाह के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच आगे बढ़ाई. इस मामले की जांच चल रही थी, हाल ही में पुलिस को एम्स के डॉक्टरों की दी रिपोर्ट से साफ हुआ कि मरीज की मौत का कारण सर्जरी के दौरान हुई जटिलताएं थीं.
पुलिस के पास पहले जैसी ही एक और शिकायत आईइस साल भी पुलिस को अक्टूबर में पिछले साल के मामले जैसी ही शिकायत मिली. इस मेडिकल सेंटर की जांच के लिए एम्स के एक्सपर्ट का एक मेडिकल बोर्ड बनाया गया. मेडिकल पैनल की जांच में बताया गया कि इस मेडिकल सेंटर का ऑपरेशन थिएटर और यहां इस्तेमाल होने वाली चीजें स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं थी.
इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और OT टेक्निशियन महेंद्र के तौर पर हुई है. अग्रवाल मेडिकल सेंटर MBBS डॉक्टर नीरज अग्रवाल का है.
बताया जा रहा है कि नीरज अग्रवाल ने अपना मेडिकल सेंटर खोलने से पहले सफदरजंग अस्पताल में काम किया था. इस अग्रवाल मेडिकल सेंटर में नीरज अग्रवाल की पत्नी पूजा अग्रवाल एक रिसेप्शनिस्ट और नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम कर रही थी.
रिसेप्शनिस्ट और टेक्नीशियन को डॉक्टर बताया जाता!अस्पताल में डॉक्टर जसप्रीत जो कि एक सर्जन हैं, उनका लेटर हेड रखा था. कोई भी मरीज यहां आता तो उसे ऑपरेशन के लिए बोला जाता. प्रिस्क्रिप्शन डॉक्टर जसप्रीत के नाम से बनती थी. जबकि, पुलिस के मुताबिक डॉक्टर जसप्रीत ने कभी यहां सर्जरी नहीं की.
आरोप है कि सर्जरी में डॉक्टर नीरज अग्रवाल, पूजा अग्रवाल और महेंद्र शामिल होते. पुलिस ने बताया कि रिसेप्शनिस्ट पूजा अग्रवाल और OT टेक्निशियन महेंद्र को यहां डॉक्टर बताया जाता था. इस मेडिकल सेंटर के खिलाफ और भी शिकायतें दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भी दी गई हैं, जिनकी जांच चल रही है.