दिल्ली महिला आयोग की टीम सोमवार 28 दिसंबर की रात राजधानी के पश्चिम विहार इलाके में पहुंची. एक महिला को उसके घर से रेस्क्यू कराया. जिस महिला को कथित तौर पर छुड़वाया गया, चार बार विधायक रहे राजकुमार चौहान की बेटी हैं. राजकुमार चौहान दिल्ली की पूर्व शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे हैं.
महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि राजकुमार चौहान की बेटी ने दिल्ली सरकार को एक पत्र भेजकर छुड़ाने की गुहार लगाई थी. उनका आरोप है कि उन्हें मायके में बांधकर रखा जाता है, बुरी तरह मारा-पीटा जाता है. मामले का संज्ञान लेते हुए महिला आयोग ने एक टीम बनाई. वह टीम दिल्ली पुलिस के साथ उस पते पर पहुंची, जो चिट्ठी में बताया गया था. टीम ने महिला से मुलाकात की. महिला ने बताया कि उसकी शादी साल 1999 में हुई थी. शादी के बाद दो बेटियां भी हुईं, लेकिन पिछले 10 सालों से वह मायके में ही रह रही है. पति के साथ मतभेद के बाद वह मायके आ गई थीं.
महिला ने आरोप लगाए कि उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है. चंडीगढ़ में तलाक का केस चल रहा है. लेकिन परिवारवाले केस खत्म नहीं होने दे रहे हैं. लड़की का आरोप है कि वह दूसरी शादी करना चाहती थी, लेकिन उसके पिता और भाई ने राजनैतिक छवि खराब होने के डर से उसे ऐसा नहीं करने दिया. महिला ने अपने पिता और भाई पर मारपीट करने और बांधकर रखने के आरोप लगाए. महिला की नाबालिग बेटी ने भी आयोग की टीम को मारपीट के बारे में बताया.
इसके बाद आयोग और पुलिस की टीम, महिला और उनकी बेटी को अपने साथ ले गई. उनकी काउंसलिंग कराई गई. बयान लिए गए, मेडिकल कराया गया. महिला ने कहा कि वह अपने मायके में नहीं रहना चाहती. इसके बाद आयोग ने उन्हें शेल्टर होम पहुंचा दिया. आयोग ने इस मामले में पुलिस को नोटिस जारी किया है और FIR दर्ज नहीं करने पर जवाब मांगा है. महिला और उसके बच्चों की सुरक्षा के बारे में भी जानकारी मांगी है. हालांकि खबर लिखे जाने तक इस मामले में पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान की ओर से कोई बयान नहीं आया था.