24 जनवरी 2022 (Updated: 24 जनवरी 2022, 12:43 PM IST) कॉमेंट्स
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जेएनयू छात्र शरजील इमाम पर राजद्रोह का मामला चलेगा. सोमवार 24 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय कर दिए. अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत ये आरोप तय किए हैं. आजतक की ख़बर के अनुसार कोर्ट ने कहा कि दिसंबर 2019 में दिए गए भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा.
शरजील इमाम पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपने भाषण में असम राज्य को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले चिकेन नेक इलाके को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था. वहीं बाद में शरजील ने कहा था कि उन्होंने केवल लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से चक्का जाम करने की बात कही थी.
इन धाराओं के तहत चलेगा केस
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने IPC की जिन धाराओं के तहत शरजील इमाम के ख़िलाफ़ आरोप तय किए हैं, उनमें धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) शामिल हैं. धारा 124ए राजद्रोह के आरोप से जुड़ी है. वहीं 153ए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और 153बी राष्ट्रीय एकता को खंडित करने की कोशिश के आरोप के चलते लगाई जाती है. इसके अलावा धारा 505(2) तब लगाई जाती है जब किसी व्यक्ति पर अपने बयान या भाषण के जरिये लोगों को राज्य या समूहों के खिलाफ भड़काने या अपराध करने के लिए प्रेरित करने का आरोप हो.
नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ चले आंदोलन के दौरान शरजील इमाम ने कुछ भाषण दिए थे. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया, बिहार के गया और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में ये भाषण दिए थे. इनमें दिल्ली के जामिया और यूपी के अलीगढ़ में दिए गए भाषण काफी चर्चा में रहे थे. बाद में इनके वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए. तब बड़ी संख्या में इन्हें शेयर किया गया था. इसके बाद 25 जनवरी 2020 को शरजील पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की गई थी. अब कोर्ट ने उनके खिलाफ ट्रायल चलाने का फैसला किया है.
क्या बोले शरजील के वकील?
दी लल्लनटॉप ने शरजील इमाम के वकील तालिब मुस्तफा से बात की. उन्होंने आरोपी छात्र के खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय होने की खबर की पुष्टि की है. हालांकि अभी पूरा आदेश आना बाकी है. तालिब मुस्तफा ने बताया कि शरजील इमाम को भाषणों से जुड़े मामले में ज़मानत मिल गई है. लेकिन वो अभी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं क्योंकि उन पर दिल्ली दंगों की साजिश और जामिया हिंसा मामले में भी आरोप लगाए गए हैं. वहीं स्क्रॉल से बातचीत में तालिब ने बताया कि राजद्रोह मामले में 3 महीने से रिजर्व बेल ऑर्डर 24 जनवरी को आने की उम्मीद है.
चलते-चलते बता दें कि शरजील इमाम के अलावा CAA-NRC प्रोटेस्ट में शामिल अन्य छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया था. उन पर UAPA जैसे कानूनों के तहत मुकदमे दायर किए गए थे. इन छात्रों में एक प्रमुख नाम JNU के ही पूर्व छात्र उमर खालिद का है.