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अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर आज फैसला नहीं, बिना जजमेंट सुनाए उठी सुप्रीम कोर्ट की बेंच

Supreme Court में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की याचिका पर अगली सुनवाई 9 मई को हो सकती है.

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Delhi CM Arvind Kejriwal petition in Supreme Court
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ED द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. (फाइल फोटो: PTI)
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कनु सारदा
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7 मई 2024 (Updated: 7 मई 2024, 15:43 IST)
Updated: 7 मई 2024 15:43 IST
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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार, 7 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका में CM केजरीवाल ने ED द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो CM केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार करेंगे. हालांकि, बेंच CM केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बिना कोई फैसला दिए ही उठ गई. इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को हो सकती है.

बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में CM अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया था. ED की गिरफ्तारी के खिलाफ CM केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की सिंगल बेंच ने कहा था कि CM केजरीवाल को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. ऐसे में किसी को विशेष अधिकार नहीं दिया जा सकता. इसके बाद CM केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 

SC ने की अंतरिम बेल की बात, ED विरोध में क्या बोली?

CM केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी सुनवाई हो चुकी है. आज यानी 7 मई को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा,

“हम (CM केजरीवाल की) अंतरिम जमानत पर विचार करेंगे. ये असाधारण परिस्थितियां हैं. वो दिल्ली के चुने हुए CM हैं. वो आदतन अपराधी नहीं हैं. उन्हें चुनाव प्रचार करना है.”

ED के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा,

"हम क्या उदाहरण सेट कर रहे हैं. क्या CM और आम लोगों में फर्क है. इस हिसाब से तो दूसरे MP और MLA भी जमानत लेने आ जाएंगे. क्या चुनाव प्रचार इतनी बड़ी दलील हो सकती है?"

इस पर कोर्ट की बेंच ने जवाब दिया,

"चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं. ये फसल नहीं है, जो हर साल उगाई जाए. हम तो नहीं चाहते कि आम लोगों और नेताओं में फर्क किया जाए."

CM केजरीवाल के वकील सिंघवी की दलील

ED ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ये भी दलील रखी कि CM केजरीवाल को 6 महीने पहले बुलाया गया था. ED ने कहा,

"उन्हें (केजरीवाल को) 9 समन भेजे गए थे, वो खुद ही जज बन गए. अगर सहयोग करते तो शायद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता. इससे गलत मैसेज जाएगा."

वहीं CM केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि केजरीवाल CM हैं, लेकिन उन्हें बेल नहीं मिल रही है. सिंघवी ने कहा,

“हमने ED को पांच बार जवाब भेजा. उन्होंने रिप्लाई नहीं दिया. 21 मार्च को की गई गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है. चंद्रबाबू नायडू.. और बाकी सबको भी शर्तों के साथ जमानत मिली है.”

कोर्ट ने कहा,

"मान लीजिए कि हम आपको जमानत देते हैं और चुनाव प्रचार करने की इजाजत भी. लेकिन अगर आप ऑफिशियल कामकाज करेंगे तो ये ठीक नहीं होगा. हम साफ करना चाहते हैं कि अगर जमानत मिली तो आप ऑफिशियल काम नहीं करेंगे. ये लोकहित का सवाल है. आप सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे."

इस पर सिंघवी ने कहा कि CM केजरीवाल कोई भी फाइल साइन नहीं करेंगे, बस शर्त यही है कि इस आधार पर LG कोई काम नहीं रोकेंगे. 

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर चुनाव का टाइम नहीं होता, तो अंतरिम जमानत का कोई सवाल ही नहीं उठता. हालांकि, तमाम दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले पर बिना कोई फैसला दिए उठ गई. जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की अगली तारीख 9 मई या फिर अगले हफ्ते देने की बात कही है.

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