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'देश के युवाओं के सपने 4 साल में मत बांधो', 'अग्निपथ' पर केजरीवाल की केंद्र से अपील

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी को पूरा मौका मिले, जो दो साल भर्तियां ना होने से ओवरएज हो गए, उन्हें भी मौका मिले

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Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
16 जून 2022 (Updated: 16 जून 2022, 04:51 PM IST) कॉमेंट्स
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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme). 14 जून को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) ने इस योजना का ऐलान किया. लेकिन, सेना में भर्ती की इस अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर बवाल शुरू हो गया है. बिहार, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में युवा इसका विरोध कर रहे हैं.

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं की मांग को सही ठहराया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश के युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए.

‘अग्निपथ’ योजना पर अरविंद केजरीवाल का ट्वीट

अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं की मांग को सही ठहराते हुए सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया,

सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ विरोध हो रहा है. युवा बहुत नाराज़ हैं. उनकी मांग एकदम सही हैं. सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए.

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने केंद्र से अपील करते हुए आगे लिखा, 

केंद्र सरकार से अपील- युवाओं को 4 साल नहीं, पूरी ज़िंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में भर्तियां ना होने की वजह से जो युवा ओवरएज हो गए, उन्हें भी मौका दिया जाए.

‘अग्निपथ’ योजना का विरोध क्यों?

अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा. इस योजना के लिए साढ़े 17 से 21 साल के युवा पात्र होंगे और 4 साल के बाद 25 फीसद को ही सेना में स्थाई जॉइनिंग मिलेगी. 

प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि इस योजना से न तो उन्हें और न ही देश को फायदा होगा. प्रदर्शन कर रहे युवाओं की चिंता यह है कि वे चार साल की सीमित अवधि में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और इस अवधि के बाद वे फिर बिना पेंशन और बिना रिटायरमेंट लाभों के बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं ओवरएज हो चुके युवा भी इसका विरोध कर रहे हैं. इनका कहना है कि कोरोना के चलते दो साल तक सेना में भर्ती नहीं हुई जिससे वे ओवरएज हो गए.

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