दीपिका पादुकोण की फिल्म 'पद्मावती' बनने नहीं देंगे राजस्थान के राजपूत!
राज्य के इसी समूह ने पहले ‘जोधा अकबर’ की रिलीज अटका दी थी.’ हार्दिक पटेल भी इस समूह के साथ हैं.
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दीपिका पादुकोण भंसाली की पिछली फिल्म में.
ये चितौड़ की रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलज़ी की कहानी पर आधारित बताई गई है. खिलज़ी का रोल इतिहास में तो आक्रांता का है लेकिन फिल्म में भंसाली किस स्वरूप में प्रस्तुत करेंगे ज्ञात नहीं. इसमें पद्मिनी का प्रमुख किरदार दीपिका पादुकोण अदा करेंगी. ये तय है लेकिन दीपिका ने खुलकर इस पर कुछ कहा नहीं है. हाल ही में उनसे पूछा गया तो फिल्म का नाम लिए बगैर कहा कि सितंबर से अगली हिंदी फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगी. इसे 'पद्मावती' ही माना जा रहा है क्योंकि ये भी सितंबर से शुरू होनी है. इससे पहले दीपिका अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म 'ट्रिपल एक्स: द रिटर्न ऑफ ज़ेडर केज' का शूट निपटा रही हैं.

संजय लीला भंसाली.
कयास हैं कि खिलज़ी का रोल रणवीर सिंह करेंगे और पद्मिनी के पति राजा रतन सिंह की भूमिका विकी कौशल (मसान, रमन राघव 2.0)
निभाएंगे. इनकी कास्टिंग की पुष्टि अभी होनी बाकी है. वैसे ताज़ा जानकारी ये है कि दीपिका के पति यानी पद्मिनी के पति का रोल शाहिद कपूर अदा करेंगे.
फिल्म बननी शुरू हुई भी नहीं है कि इसे रोकने की चेतावनी आ गई है. राजस्थान के उदयपुर में अगस्त में श्रीराजपूत करणी सेना का सम्मेलन हुआ जिसके प्रधान संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि संजय भंसाली की आगामी फिल्म पद्मावती
को वे बनने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि रानी पद्मिनी ने खिलज़ी से अपने मान-सम्मान और सतीत्व की रक्षा के लिए 16,000 रानियों के साथ जौहर किया था. जबकि राजस्थान के पर्यटन विभाग ने अपने ट्विटर खाते पर पद्मिनी को खिलजी की प्रेमिका बताया. बाद में इसे हटवाया गया. भंसाली की फिल्म में भी कहानी कुछ यूं ही है. इसमें पद्मिनी की ओर खिलजी के आकृष्ट होने की कहानी है और भंसाली आमतौर पर अपनी कहानियों में ऐतिहासिक तथ्य का बहुत ज्यादा ध्यान नहीं रखते हैं. वे सिनेमाई स्वतंत्रता ले लेते हैं. यहां भी कुछ ऐसा ही हो सकता है. कालवी ने कहा कि कुछ वर्षों से जोधाबाई, पद्मिनी, राणा कुंभा जैसे क्षत्रियों के महान वंशजों के इतिहास से छेड़खानी की जा रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन पर फिल्म नहीं बनने देंगे.
इससे पहले 2008 में राजस्थान में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की ऋतिक रोशन-ऐश्वर्या राय बच्चन स्टारर 'जोधा अकबर' को लेकर भी विरोध हुआ था. फिल्म के पोस्टर जलाए गए थे. वह भी तब जब बच्चन परिवार जयपुर के रामबाग़ पैलेस में अभिषेक का बर्थडे मनाने आया हुआ था. इसी समूह के कालवी ने तब भी कहा था कि फिल्मकार इतिहास को तोड़-मरोड़ रहे हैं. उनके मुताबिक मुग़ल बादशाह अकबर की 34 पत्नियों में से किसी का नाम भी जोधा नहीं था. उन्होंने अजमेर के महाराजा भारमल की बड़ी बेटी कर्कबाई उर्फ हीर से 6 फरवरी 1562 में फतेहपुर सीकरी में शादी की थी. इनकी संतान के रूप में 1569 में सलीम पैदा हुए. कालवी के मुताबिक, जोधाबाई मारवाड़ के मोटेराजा उदय सिंह की बेटी थीं और उनकी शादी सलीम से हुई थी, सलीम के पिता अकबर से नहीं. इसलिए अकबर की बहू को उसकी पत्नी की तरह दिखाना स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने इसके लिए पांच इतिहासकारों का हवाला दिया कि उनके मुताबिक फिल्म ऐतिहासिक रूप से गलत थी. अगस्त 2013 में भी करणी सेना ने एकता कपूर के टीवी सीरियल 'जोधा अकबर' को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

लोकेंद्र सिंह कालवी और एकता कपूर.
भंसाली को इस चेतावनी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. वो इसलिए क्योंकि आशुतोष को अपनी फिल्म राजस्थान में रिलीज करवाने में बड़ी दिक्कत हुई थी. एकता कपूर को तो समझौता करना पड़ा. उनके बैनर की अन्य फिल्म 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा' पूरे देश में रिलीज हुई लेकिन राजस्थान में नहीं. अंतत: उन्हें राज्य में आकर इस समूह के लोगों से बात करनी पड़ी. उन्होंने न सिर्फ माफी मांगी बल्कि अपने सीरियल का नाम भी 'जोधा अकबर' से बदलकर 'अकबर' कर दिया.
अब कालवी को अपने विरोध में हार्दिक पटेल का साथ भी मिल गया लगता है. गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण का आंदोलन करके चर्चा में आए पाटीदार नवनिर्माण सेना के नेता हार्दिक ने कहा है कि संजय भंसाली फिल्म शुरू करने से पहले राजपूत नेताओं से बात करें नहीं तो वे उनकी फिल्म की शूटिंग नहीं होने देंगे या रिलीज नहीं होने देंगे.

हार्दिक पटेल.
अहमदाबाद मिरर से बात करते हुए हार्दिक ने कहा हैः
हर इंसान को महारानी पद्मावती पर गर्व है जिन्होंने चितौड़गढ़ के आत्म सम्मान के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. जब अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़गढ़ पर आक्रमण किया तब 1600 अन्य रानियों के साथ उन्होंने जौहर किया था.
राजस्थान की राजपूत सेना के सदस्यों ने मुझसे मुलाकात की और बताया कि संजय लीला भंसाली ने इतिहास नहीं पढ़ा है और वो रानी पद्मावती की छवि खराब कर सकते हैं. तो हमने उन्हें सूचित किया है कि फिल्म का निर्माण रोक दें और शूटिंग शुरू करने से पहले राजपूत नेताओं के साथ चर्चा करे.
भंसाली को आश्वासन देना चाहिए कि वे रानी पद्मावती की छवि नहीं खराब करेंगे, नहीं तो पाटीदार नवनिर्माण सेना इस फिल्म के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन करेगी और इसे राजस्थान में रिलीज करने की इजाजत नहीं देगी.
किसी भी निर्देशक को मनोरंजन के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं है.