The Lallantop
Advertisement

दलित बच्चे ने मूर्ति छुई, गांव ने घटिया काम किया, फिर परिवार ने आम्बेडकर की पूजा शुरू कर दी

दलितों को मंदिर में नहीं जाने देते थे गांववाले.

Advertisement
dalit family fined with rupees 60 thousand for touching idol in karnataka
मूर्ति छूने पर दलित परिवार पर लगा 60 हजार रुपये का जुर्माना.
22 सितंबर 2022 (Updated: 22 सितंबर 2022, 12:01 IST)
Updated: 22 सितंबर 2022 12:01 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कर्नाटक (Karnataka) में एक परिवार पर 60 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. क्यों? क्योंकि वो दलित (Dalit fined for touching Idol) हैं. खबर के मुताबिक 15 साल के किशोर ने गलती से एक खंभे को छू लिया, इस खंभे से भगवान की एक मूर्ति जुड़ी हुई थी. इस पर गांववालों ने पूरे परिवार पर जुर्माना ठोक दिया. कहा गया कि 1 अक्टूबर तक जुर्माना नहीं भरा तो परिवार को गांव से निकाल दिया जाएगा. इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना कोलार जिले में मलूर तालुक के उलरहल्ली गांव की है. यहां शोबा अपने पति राजेश और बेटे के साथ रहती है. रिपोर्ट के मुताबिक, 8 सितंबर को गांव के लोगों ने भूतयम्मा मेले का आयोजन किया. इस दौरान गांव के मंदिर में दलितों को आने की अनुमति नहीं थी. जूलूस के वक्त शोबा का बेटा बाहर था और उसने मूर्ति से लगे एक खंभे को छू दिया. बताया जा रहा है कि मूर्ति दक्षिण भारत के एक प्रमुख देवता सिदिरान्ना की थी. अगले दिन परिवार को 60 हज़ार रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा गया. 

घटना सोमवार, 19 सितंबर को तब सामने आई जब शोबा ने कोलार के कुछ दलित संगठनों को अपनी आपबीती सुनाई.  शोबा ने मस्ती थाने में आठ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. खबर है कि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार भी कर लिया है. स्थानीय निवासियों के मुताबिक, शोबा के पति रमेश ज्यादातर बीमार रहते हैं और वो अकेले ही घर चलाती हैं. घटना के बाद शोबा ने बुद्ध और डॉक्टर बीआर आम्बेडर की मूर्ति अपने घर में लगा ली और उनकी पूजा शुरू कर दी. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में शोबा ने कहा-

मैं एक घर में हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में काम करती हूं. मुझे 13,000 रुपये का वेतन मिलता है. उसमें घर चलाना होता है. 60 हज़ार रुपये का जुर्माना हमारे लिए बड़ा झटका है. अगर भगवान हमें पसंद नहीं करते हैं तो हम उनसे प्रार्थना नहीं करेंगे. हम बीआर आम्बेडकर की पूजा करेंगे.

आम्बेडकर सेवा समिति चलाने वाले स्थानीय कार्यकर्ता संदेश ने बताया-

जब इस बारे में पता चला तो मैं उनके घर गया और शिकायत दर्ज कराने में उनकी मदद की. आजादी के 75 साल बाद भी अगर ऐसी सामाजिक कुरीतियां चल रही हैं, तो गरीब लोग कहां जाएंगे?

कोलार के उपायुक्त वेंकट राजा ने बताया कि उन्होंने बुधवार, 21 सितंबर को गांव का दौरा किया और परिवार से मुलाकात की है. उन्होंने बताया कि शोबा और उनके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाई गई है. इसके साथ ही घर बनाने के लिए उन्हें एक प्लॉट भी दिया गया है. वेंकट राजा ने बताया कि शोबा को समाज कल्याण छात्रावास में नौकरी दी जाएगी. और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

देखें वीडियो- कर्नाटक के सबसे खूंखार सीरियल रेपिस्ट की कहानी

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement