ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन को देश में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है. लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण इतना ज्यादा है कि उसे रोकने के लिए अगले तीन से छह महीने में भी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिल सकेगी.
WHO के टॉप इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रियान ने एक सोशल मीडिया इवेंट में कहा,
वैक्सीन की इतनी मात्रा उपलब्ध नहीं होगी कि सभी को टीके लगाए जा सकें. ऐसे में कोरोना का खतरा वैक्सीन बनने के बाद भी बरकरार रहेगा. हमें कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए मौजूदा उपायों को जारी रखना होगा.
उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहने को कहा. उनका कहना था कि वैक्सीन तैयार होने के बाद भी हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि कोरोना का खतरा कम हो जाएगा, क्योंकि शुरुआत में सभी के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर पाना मुश्किल है. तमाम एक्सपर्ट्स भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वैक्सीन आने के बाद भी मास्क, सैनेटाइजर और डिस्टेंसिंग को जीवन का हिस्सा बनाए रखना होगा.
वन-डोज वैक्सीन की जरूरत
WHO ने नवंबर के मध्य तक ह्यूमन ट्रायल स्टेज में 49 संभावित वैक्सीनों की पहचान की है. ब्रिटेन की ओर से फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को हरी झंडी देने पर खुशी जाहिर करते हुए रेयान ने कहा कि ये बहुत अच्छी खबर है, लेकिन हमें रुकना नहीं हैं. हमें 3-4 वैक्सीन और चाहिए. वैक्सीन की कीमत के बारे में उन्होंने कहा कि हमें उत्पादन बढ़ाने और कीमतें कम रखने की ज़रूरत है. हमें वन-डोज वैक्सीन चाहिए.
ब्रिटेन में अगले हफ्ते से लगेगी वैक्सीन
कोरोना वायरस की जो वैक्सीन फाइजर और बायोएनटेक कंपनी ने मिलकर बनाई है, उसे अगले हफ्ते से ब्रिटेन में उपलब्ध कराया जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि ये वैक्सीन 95 फीसदी तक सुरक्षित है. ब्रिटेन के इस कदम से भारत में जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद बढ़ गई है.
यूके ने इस वैक्सीन की 40 मिलियन यानी चार करोड़ डोज़ के लिए पहले ही ऑर्डर दे दिया है. इतनी डोज़ करीब दो करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए पर्याप्त होगी. इनमें से लगभग एक करोड़ वैक्सीन जल्द से जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद जताई जा रही है. ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैन्कॉक ने बताया कि वैक्सीन की पहली 8 लाख डोज अगले हफ्ते उपलब्ध हो जाएंगी. बीबीसी की खबर के मुताबिक, जिन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, उनसे NHS यानी नैशनल हेल्थ सर्विस के लोग संपर्क करेंगे. वैक्सीन लगाने के लिए केयर होम्स में रहने वाले और वहां के स्टाफ को प्राथमिकता दी जाएगी. उसके बाद 80 साल से ऊपर के लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी.