राजस्थान में पंचायत चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने नगर परिषद और नगरपालिका चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है. हालांकि ये चुनाव बीजेपी के लिए खास अच्छे नहीं रहे. कांग्रेस ने दावा किया कि ये नतीजे लोगों के मन से बीजेपी के दूर होने का संकेत हैं. बीजेपी के लिए ये चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि जीते हुए निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या भी बीजेपी के आंकड़ों से अधिक है.
राजस्थान के 12 जिलों के 50 नगर निकायों के नतीजे आ चुके हैं. 43 नगरपालिका और 7 नगर परिषद के 1775 वार्डों के ये नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे. कांग्रेस ने जहां 620 वार्डों में जीत हासिल की वहीं निर्दलीयों ने 595 वार्डों पर कब्जा जमाया. बीजेपी के हिस्से में 548 वार्ड आए. इसके अलावा बीएसपी को 7, सीपीआई को 2, सीपीआईएम को 2 और आरएलपी को एक सीट पर कामयाबी हासिल हुई.
आंकड़ों का खेल समझिए-कुल वार्ड- 1775
कांग्रेस- 620 (वोट प्रतिशत: 29.42%, कुल वोट: 3,37,920)
निर्दलीय- 595 (वोट प्रतिशत: 39.67%, कुल वोट: 4,55,737)
BJP- 548 (वोट प्रतिशत: 29.17%, कुल वोट: 3,35,022)
BSP- 7 (वोट प्रतिशत: 0.66%, कुल वोट: 7,627)
CPI- 2 (वोट प्रतिशत: 0.05%, कुल वोट: 579)
CPIM- 2 (वोट प्रतिशत: 0.10%, कुल वोट: 1136)
RLP- 1 (वोट प्रतिशत: 0.26%, कुल वोट: 3,017)
कुल निकाय- 50बीजेपी को बहुमत- 4
कांग्रेस को पूर्ण बहुमत- 16
सिर्फ निर्दलीयों को बहुमत- 11
कांग्रेस और निर्दलीय मिलाकर बहुमत- 19
क्या थे पुराने आंकड़े
अब यहां पर खास बात ये है कि साल 2015 में इन 50 निकायों में से 34 पर बीजेपी का झंड़ा फहराया था. कांग्रेस 14 निकायों में अपने अध्यक्ष बना पाई थी. अब 16 निकायों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है लेकिन बीजेपी केवल 4 पर पूर्ण बहुमत जुटा पाई है. यानि 30 निकायों को बीजेपी ने गवां दिया. अब इन 30 निकायों में निर्दलीय बड़ी भूमिका में नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस के दावे
राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तो 30 निकायों पर अपने अध्यक्ष बनाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक नई रणनीति के तहत कई उम्मीदवारों को बिना सिंबल के मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने दावा किया कि जिन जगहों पर निर्दलीय बहुमत में हैं वह सभी कांग्रेस समर्थित ही हैं. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी का तीसरे स्थान पर खिसकना ये दिखाता है कि बीजेपी लोगों के मन से दूर होती जा रही है.
https://twitter.com/GovindDotasra/status/1338168682699137025
बीजेपी का क्या कहना है?
राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता आलोक भारद्वाज ने कहा कि पार्टी हार के कारणों की समीक्षा करेगी लेकिन ये कहना गलत है कि पार्टी केवल शहरी क्षेत्र की पार्टी है या फिर लोगों ने नकार दिया है. हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में पार्टी को राज्य में बड़ी जीत मिली है और वो भी ग्रामीण क्षेत्र में ही. हमारी पार्टी फिलहाल निर्दलीयों को देख रही है कि वो क्या करेंगे. अगर हमारी विचारधारा से सहमत होकर कोई आना चाहेगा तो उसका स्वागत किया जाएगा.
कांग्रेस आलाकमान उत्साहित
कांग्रेस इन नतीजों से खासी उत्साहित है. पार्टी ने कहा कि किसान आंदोलन को फीका करने के लिए जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के परिणाम को लेकर बीजेपी की ओर से झूठ फैलाया गया. पार्टी ने कहा कि 21 जिलों की 222 पंचायत समितियों पर जो मतदान हुआ था उसमें कांग्रेस को अधिक वोट मिले हैं. कांग्रेस को जहां 40.87 प्रतिशत वोट मिले वहीं बीजेपी को 40.58 प्रतिशत ही वोट मिल पाए. कांग्रेस के प्रधानों की संख्या 31 बढ़ी है वहीं बीजेपी के प्रधानों की संख्या 14 कम हुई है.
कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव से जिला परिषद चुनावों के 18 महीनों में बीजेपी का वोट करीब 18 प्रतिशत कम हुआ है. 2019 के लोकसभा चुनावों में इन जिलों में बीजेपी को 61.05 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार 43.81 प्रतिशत वोट मिले हैं और ये भी 2015 से 5 प्रतिशत कम हैं.
चुनाव नतीजों के मायने क्या हैं?
राजस्थान पत्रिका के न्यूज़ एडिटर रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक बताते हैं कि दो लोकल चुनावों में हार के बाद कांग्रेस के लिए ये जीत काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वैसे लोकल चुनावों में सत्ताधारी पार्टी जीतती रही है. वैसे भी यहां (राजस्थान) कांग्रेस का लोकल चुनावों में प्रदर्शन अच्छा रहा है. लोकल चुनावों के मुद्दे भी अलग होते हैं. लेकिन जब विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव होते हैं तब वोटर का मिजाज थोड़ा अलग होता है.