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यूपी में जाकर 'पंडित राहुल गांधी' भी बाम्हन हो गए हैं

सालों से सत्ता में नहीं आई कांग्रेस और उनके नेता जीतने के लिए कुछ भी कर रहे हैं.

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आशीष मिश्रा
17 सितंबर 2016 (Updated: 17 सितंबर 2016, 06:11 AM IST) कॉमेंट्स
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इस मुल्क में दो सवाल सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं, कहां जात हो, कौन जात हो.

कांग्रेस का नारा था. न जात पर न पात पर, बटन दबाओ हाथ पर. LOL. कांग्रेस कतई प्रोग्रेसिव पार्टी है, (ये अलग बात है कि कांग्रेस के साथ प्रोग्रेस सुनकर हर अर्थ में हंसी छूट जाती है!) ऐसा दावा करती है, वो जाति और धर्म की राजनीति नहीं करती. लेकिन अब उसकी हालत ऐसी है, जैसी आपकी तब हो जाती है, जब कोई दूसरा हाथ में रिमोट लेकर बैठा हो, अपने मन से चैनल बदले और आपको रिमोट न दे. वो कुछ भी कर के चुनाव जीतना चाहते हैं.

पचीसियों साल से उत्तर प्रदेश में पॉवर से बाहर कांग्रेस वाले कुछ भी कर रहे हैं. जाति-वाति बाम्हनवाद भी उसी का हिस्सा है.

इस टाइम यूपी कांग्रेस के महासचिव उमेश पंडित ने मथुरा में पोस्टर लगवाए. जिसमें राहुल गांधी को बड़े-बड़े अक्षरों में पंडित राहुल गांधी लिखा गया है. ये पोस्टर पार्टी के ऑफिशियल टाइप का ही दिखता है. प्रोफेशनल ने बनाया है. png काटना आता था उसको अच्छे से. राहुल के नाम के आगे पंडित जोड़ दिया गया है. जब शीला दीक्षित को सीएम उम्मीदवार बनाने की चली तो कहा गया बम्ह्नौती कार्ड खेला गया है. अंदरखाने से आवाज आई. याद करो. याद करो परशुराम के वंशजों. 1989 में यूपी में कांग्रेस के ही एन. डी. तिवारी आखिरी बाम्हन सीएम थे. उसके बाद हर पार्टी की सरकार बनी लेकिन कोई बाम्हन सीएम नहीं हुआ. ऐसे में जब आलाकमान ने ही डायरेक्टली-इनडायरेक्टली, कहे- न कहे. शीला दीक्षित को आगे कर दिया तो पंडित जी लोग काहे पीछे रहते. उमेश इन्क्लूडिंग पंडित AKA उमेश पंडित ने राहुल गांधी को पंडित राहुल गांधी लिखकर अपने लिए भाई-भाई वाला कार्ड खेल लिया.

पंडित जवाहरलाल नेहरू and 108 others Unlikes this. 

तो ऐसे तमाम मौकों पर टेम्पलेट दाग दिया जाता है. व्यक्तिगत राय है. पार्टी का इससे लेना-देना नहीं. पर प्लीज ब्रो. क्या मैं घोंघा लगता हूं. सबको पता है क्या कर रहे हो. यही बचा है? कब सीरियस होवोगे. आपकी जाति का न पतंग बनेगा, न मांझा. चुनाव है, वैवाहिकी नहीं. आप नेता चुन रहे हैं, सरकार चुन रहे हैं, दामाद नहीं.

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