CJI चंद्रचूड़ ने मोदी सरकार के इन तीन कानूनों की बहुत तारीफ कर दी
तीनों नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे. इनके लागू होने के साथ ही देश की आपराधिक न्याय प्रणाली कई बदलाव देखने को मिलेंगे.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने पिछले साल बने तीन नए कानून की तारीफ की हैं. उन्होंने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) की प्रशंसा की. विधि एवं न्याय न्याय मंत्रालय की तरफ से नए कानूनों पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तीनों नए कानून समाज के लिए बेहद जरूरी है. भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है.
CJI ने शनिवार, 20 अप्रैल को कार्यक्रम में संबोधन के दौरान आगे कहा,
"नए कानूनों ने आपराधिक न्याय के लिए भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है. नए कानून जरूर सफल होंगे, यदि हम नागरिक के रूप में उन्हें अपनाएंगे. पीड़ितों के हितों की रक्षा करने, अपराध की जांच और मुकदमों को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए तीनों कानूनों में कई सुधार पेश किए गए हैं. संसद से इन कानूनों का पास होना एक स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है. भारत आगे बढ़ रहा है. हमारा देश मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नई कानूनी जरूरतों को अपना रहा है."
CJI ने कहा कि पुराने कानूनों की सबसे बड़ी खामी उनका दशकों पुराना होना था. ये कानून 1860, 1873 से चले आ रहे थे. हमें मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीके चाहिए, जो नए कानूनों से हमें मिलने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए कानूनों के अनुसार छापेमारी के दौरान साक्ष्यों की ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग होगी, जिससे अभियोजन पक्ष के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
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एक जुलाई से लागू होंगे ये कानूनइस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे. इसके अलावा अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे. तीनों नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1 जुलाई, 2024 से लागू होने जा रहे हैं. इनके लागू होने के साथ ही देश की आपराधिक न्याय प्रणाली कई मायनों में बदली नज़र आएगी. हालांकि, हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधानों को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. तीनों कानून पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से पास हुए थे. 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतिम मंजूरी दी थी.
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