The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • CBI case against DHFL Kapil and Dheeraj Wadhawan in biggest bank fraud of India

सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड केस में सीबीआई ने DHFL के वधावन ब्रदर्स के खिलाफ दर्ज किया केस

34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी का मामला.

Advertisement
CBI case against DHFL Kapil and Dheeraj Wadhawan
डीएचएफएल बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई की छापेमारी (सांकेतिक तस्वीर: आजतक)
pic
सुरभि गुप्ता
22 जून 2022 (Updated: 22 जून 2022, 07:23 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सीबीआई (CBI) ने अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड (Banking Fraud) के मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले में बैंकों के एक समूह को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था. बैंकों के इस समूह की अगुवाई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) कर रहा था.

12 ठिकानों पर सीबीआई का छापा

DHFL का ये मामला सीबीआई के पास रजिस्टर्ड अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड है. इंडिया टुडे के मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने महाराष्ट्र में DHFL और इसके प्रमोटरों कपिल वधावन, धीरज वधावन, कारोबारी सुधाकर शेट्टी और अन्य आरोपियों से जुड़े 12 ठिकानों पर छापा भी मारा था.

रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल वधावन, तत्कालीन डायरेक्टक धीरज वधावन, कारोबारी सुधाकर शेट्टी और अन्य ने मिलकर बैंक धोखाधड़ी की साजिश रची थी. एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी कपिल वधावन और अन्य ने कंसोर्टियम बैंकों को 42,871 करोड़ रुपये का कर्ज देने के लिए प्रेरित किया था. 

बैंक धोखाधड़ी मामले के आरोपी

सीबीआई ने इस मामले में DHFL के कपिल वधावन, धीरज वधावन, कारोबारी सुधाकर शेट्टी और अन्य लोगों के अलावा छह कंपनियों को भी आरोपी बनाया है. इनमें स्काईलार्क बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिगटिया कंस्ट्रक्शन बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शिशिर रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड और सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. सभी आरोपियों के खिलाफ चीटिंग, फ्रॉड और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों ने 2010 से आरोपी फर्मों को कर्ज देना शुरू कर दिया था. 9 साल बाद 2019 में 34,615 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित किया गया था.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से 11 फरवरी 2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की. मामले में कपिल वधावन और धीरज वधावन पहले से ही जेल में हैं. इन दोनों को यस बैंक के साथ फ्रॉड के मामले में सीबीआई और ईडी के केस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. दोनों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के साथ मिलकर बैंक के साथ फ्रॉड किया. अभी कपूर भी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं. 

Advertisement