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कनाडा में सांप्रदायिक रक्तपात का खतरा वास्तविक? ट्रूडो के सांसद ने कही डराने वाली बात

लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण उग्रवादियों का हौसला बढ़ गया है.

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. (फोटो: PTI और ट्विटर)
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सुरभि गुप्ता
25 सितंबर 2023 (Published: 06:01 PM IST) कॉमेंट्स
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की पार्टी के एक सांसद ने खालिस्तानी उग्रवाद के लिए अपनी ही सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके चलते ये गलत धारणा बन गई है कि कनाडा की सरकार खालिस्तान समर्थकों के पक्ष में है. चंद्र आर्य (Chandra Arya) ने कहा कि चरमपंथियों की धमकियों के बाद हिंदू कनाडाई डरे हुए हैं. ये बातें उन्होंने कनाडा के CBC न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं. उनसे जस्टिन ट्रूडो के संसद में दिए बयान पर सवाल किया गया था. वही बयान जिसमें ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है.

यहां पढ़ें- "खालिस्तानी आतंकी की हत्या के पीछे भारत"- कनाडा की संसद में ट्रूडो ने जो कहा, बवाल और बढ़ेगा!

इंटरव्यू के दौरान चंद्र आर्य ने कहा कि वो प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान के बाद बने हालात को लेकर अधिक चिंतित हैं. उन्होंने कहा,

"हिंदू कनाडाई लोगों की सुरक्षा की चिंता है, वे डरे हुए हैं."

उन्होंने एक लोकप्रिय अखबार के कॉलम का भी हवाला दिया, जिसमें लिखा गया था कि 'कनाडा में जातीय और सांप्रदायिक रक्तपात का खतरा वास्तविक है.'

यहां पढ़ें- 'निज्जर' उल्टा पड़ गया, कनाडाई मीडिया और अपने ही MP ने ट्रूडो की नीयत पर खड़े किए सवाल

आर्य ने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि हिंदू कनाडाई लोगों के साथ हिंसा न हो. आर्य ने इस डर के पीछे तीन प्रमुख कारणों पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 

“पहली बात यह है कि खालिस्तान आंदोलन का इतिहास हिंसा और हत्याओं से भरा है. आंदोलन के इतिहास में खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हजारों हिंदुओं और सिखों की हत्या की गई. कनाडाई लोग भूल गए हैं कि 38 साल पहले एयर इंडिया बम विस्फोट में इतिहास की सबसे बड़ी सामूहिक हत्या हुई थी. 9/11 से पहले वह सबसे बड़ा एविएशन आतंकवाद था और यह काम कनाडा स्थित एक खालिस्तानी आतंकवादी ने किया था. तथ्य यह है कि उन आतंकवादियों की कनाडा में कुछ स्थानों पर अभी भी पूजा की जाती है.”

चंद्र आर्य ने बताया कि कुछ महीने पहले टोरंटो में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कटआउट की एक सार्वजनिक परेड निकाली गई. कटआउट पर दो लोग बंदूक ताने हुए थे. उन्होंने कहा, 

“सार्वजनिक तौर पर आतंकी हमले का जश्न मनाया गया. यह आतंकवाद का मूल है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के विधिवत निर्वाचित प्रधानमंत्री की हत्या का जश्न मनाने की मंजूरी दी गई थी. मुझे बताएं, कौन सा देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसा होने देगा?”

तीसरी वजह उन्होंने ये बताई कि हाल ही में सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिंदू कनाडाई लोगों को देश छोड़ने और भारत जाने की धमकी दी थी.

चंद्र आर्य ने कहा कि इस तरह का हेट क्राइम खुलेआम, सार्वजनिक तौर पर किया जा रहा है. कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन 38 से 40 साल पुराना है. उन्होंने कहा कि कुछ खालिस्तानी समर्थकों के बीच यह गलत धारणा है कि सरकार उनके पक्ष में है, जबकि ऐसा नहीं है. लेकिन आतंकवाद का जश्न मनाने, आतंकवादी की प्रशंसा करने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसलिए उनका हौसला बढ़ गया है.

वीडियो: अमेरिका के इंडिया और कनाडा के रिश्ते पर इस बयान से खुश हो जाएंगे जस्टिन ट्रुडो?

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