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निज्जर विवाद का ऐसे बदला ले रहे ट्रूडो? कनाडा ने भारतीय स्टूडेंट्स को क्या टेंशन दे दी?

साल 2023 में कनाडा द्वारा भारतीय छात्रों को जारी किए गए स्टडी परमिट की संख्या में तेजी से गिरावट आई है.

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canada india student permit
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो और PM मोदी (फोटो सोर्स- AP)
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शिवेंद्र गौरव
17 जनवरी 2024 (Published: 12:33 PM IST)
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कनाडा द्वारा भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले स्टडी परमिट (canada study permit) की तादाद में भारी गिरावट आई है. कनाडा के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के चलते साल 2023 में कनाडा द्वारा भारतीय छात्रों को जारी किए गए स्टडी परमिट की संख्या में तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने ये भी कहा कि उनका मानना है कि भारतीयों के लिए स्टडी परमिट की तादाद जल्द बढ़ने की संभावना नहीं है.

ये भी पढ़ें: कनाडा और खालिस्तानियों पर भारत ने कौन सा खुलासा कर दिया?

परमिट क्यों घटे?

दोनों देशों के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद राजनयिक स्तर का विवाद शुरू हो गया. बीते साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेटों के शामिल होने के सबूत हैं. इसके बाद भारत के निर्देशों के चलते कनाडा को अपने 41 (कुल संख्या के दो तिहाई) राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा था. इस विवाद के चलते कनाडा के स्टडी परमिट के लिए अप्लाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की तादाद पहले से कम हो गई. कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि जब भारत ने परमिट की प्रक्रिया देखने वाले कनाडाई डिप्लोमेट्स को निकाल दिया, उसके बाद ही परमिट घटे हैं.

सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच 'संबंध ख़राब होने के चलते बीते साल की आखिरी तिमाही में पिछली तिमाही के मुकाबले परमिट्स की तादाद 86 फीसदी तक घटी. संख्या की बात करें तो ये 1 लाख 8 हजार 940 से 14 हजार 910 रह गई. जबकि हालिया सालों में कनाडा में भारतीय स्टूडेंट्स की तादाद काफी रही है. कनाडा में कुल विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या के 41 फीसद से ज्यादा (2 लाख 25 हजार 835) भारतीय स्टूडेंट्स के पास कनाडा का एजुकेशन परमिट है.

मार्क मिलर ने कहा,

"भारत के साथ हमारे संबंधों के चलते, भारत से आई एप्लीकेशंस को प्रॉसेस करने की हमारी क्षमता आधी हो गई है. मैं आपको इस बारे में नहीं बता सकता कि राजनयिक संबंध कैसे रहेंगे. मैं ये भी नहीं कह रहा कि मुझे अंत में कोई सकारात्मक रौशनी दिखती हो."

मिलर ने आगे कहा,

"अभी हमारे सामने बड़ी तादाद में आने वाले स्टूडेंट्स की चुनौती है. चीजें अब नियंत्रण से बाहर हो गई हैं. मैं कहूंगा कि जल्दी ही इन स्थितियों को सुधारने की जरूरत है."

मिलर ने ये भी कहा कि सरकार इस साल की पहली छमाही के दौरान, कनाडा की सरकार, विदेशी छात्रों की तादाद कम करने के लिए कुछ कदम उठाएगी. साथ ही सरकार का इरादा पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट्स के लिए एक उदार कार्यक्रम पेश करना और फ्लाई-बाई यूनिवर्सिटीज (जिनके पास उचित रजिस्ट्रेशन नहीं होता) पर नकेल कसने का है.

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