7 अगस्त 2016 (Updated: 7 अगस्त 2016, 08:58 AM IST) कॉमेंट्स
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बुरहान वानी तो सबके जहन में होगा ही. वो तो चला गया, पर उसका बोया चरस कश्मीर अब तक काट रहा है. बुरहान की बोयी चरस को खाद-पानी देने की जिम्मेदारी पता है कौन संभाल रहा है. बुरहान वानी के अब्बा मुजफ्फर अहमद वानी. खबर है कि मुजफ्फर अब आतंकियों के लिए बाप बन गए हैं. आतंकी हथियारों से लैस आते हैं, मुजफ्फर को इधर से उधर पहुंचाते हैं. और स्वयं मुजफ्फर कहीं भी खड़े होकर इत्ती भीड़ जुटा लेते हैं, जित्ती बड़े-बड़े अलगाववादी नेता भी नहीं जुटा पा रहे हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को मुजफ्फर वानी ने हजारों लोगों के साथ पंपोर में खूब बड़ा सा एक जुलूस निकाला. हचककर भीड़ रही. मुजफ्फर वानी को सुनने के लिए लोगों ने हुर्रियत पार्टी के जलसे तक को इग्नोर कर दिया. हाल ही में बने अंब्रेला सेपरेटिस्ट ग्रुप ने शुक्रवार को कश्मीरियों को 'दरगाह चलो' का बुलावा भेजा. ये एक तरह का जलसा था, पर लोगों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. और कट लिए बुरहान वानी के अब्बा को सुनने. लोगों ने इसके लिए घाटी में लगे कर्फ्यू की भी चिंता नहीं की.
प्रोटेस्ट में मौजूद लोगों के मुताबिक बुरहान के अब्बा उस जलसे का सेंटर ऑफ अटरैक्शन था. बोलेरो से आया था. हथियार से लैस मिलिटेंट्स मुजफ्फर के आस-पास थे. उसने प्रोटेस्ट कर रहे लोगों से कहा,
'मैं अपने दोनों बेटों को खो चुका हूं. इसके बाद भी अपनी इकलौती बेटी को भारतीय कब्जे के खिलाफ लड़ाई के लिए देता हूं.
बता दें कि बुरहान वानी का भाई खालिद मिलिटेंट्स और सिक्योरिटी फोर्स के बीच हुई मुठभेड़ में मारा गया था. ये साल 2010 की बात थी.
हथियार से लैस लोग जो बुरहान के अब्बा को प्रोटेक्ट कर रहे थे, इनमें से एक ने जलसे के मंच से भाषण दिया. उसने लोगों से तोड़-फोड़ न करने की अपील की. उसने कहा कि ऐसा करने से पुलिस सख्त एक्शन लेगी और लोग मारे जाएंगे. मुजफ्फर वानी के इस ताम-झाम से हुर्रियत नेताओं का कोई ताल्लुक नहीं था. साउथ कश्मीर के लोगों का मूड भांपते हुए गिलानी के सपोर्टर्स ने उसका वीडियो मोबाइल पर चला दिया.
31 जुलाई को हुर्रियत नेताओं ने पुलवामा के करीमाबाद में हुए एक प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया. ये प्रोटेस्ट कब्रिस्तान में हुआ, जहां आतंकियों को दफनाया गया था. बुरहान के अब्बा भी वहां मौजूद थे. इस प्रोटेस्ट में करीब 50 हजार लोग आए थे. यहीं पर इसके सपोर्टर्स ने शुक्रवार के जलसे के लिए कहा था. हुर्रियत नेताओं ने अपना अलग प्रोटेस्ट करने का मन बनाया और दरगाह चलो के लिए लोगों को बुलाया.