बिलावल ने हाफिज़ सईद-मसूद अजहर को भारत को सौंपने की बात कही, हाफिज़ का बेटा बोला- 'तौहीन'
Pakistan के पूर्व विदेश मंत्री Bilawal Bhutto ने कहा कि पाकिस्तान Hafiz Saeed और Masood Azhar को भारत को सौंपने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि India को प्रत्यर्पण प्रक्रिया में 'इच्छा' दिखानी चाहिए.

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुखिया हाफिज मुहम्मद सईद और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना मसूद अजहर के भारत प्रत्यर्पण पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'विश्वास बहाली' के तौर पर पाकिस्तान को हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने में कोई एतराज नहीं है.
शुक्रवार, 4 जुलाई को कतर के अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान भारत को 'चिंता के विषय' वाले व्यक्तियों के प्रत्यर्पण के लिए तैयार है, बशर्ते कि नई दिल्ली इस मामले में सहयोग करने की 'इच्छा' दिखाए.
उन्होंने यह बयान हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपने पर एक सवाल के जवाब में दिया, जो भारत के लिए एक संभावित समझौता और अच्छे इरादे का संकेत हो सकता है.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा,
"पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत हो, जिसमें आतंकवाद भी एक मुद्दा हो, तो मुझे पूरा यकीन है कि पाकिस्तान को इन बातों पर कोई आपत्ति नहीं होगी."
पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (NACTA) के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) दोनों पर पाकिस्तान में बैन है. बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान में इन आतंकियों के खिलाफ जो केस चल रहे हैं, वे पाकिस्तान से जुड़े मामलों, जैसे आतंक की फंडिंग पर आधारित हैं.
प्रतिबंध के बावजूद ऐसे आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं और अपने संगठनों को चलाते रहते हैं. उन्हें पाकिस्तानी फौज और खुफिया एजेंसियों का समर्थन भी मिलता है. इस पर बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान में इन आतंकियों के खिलाफ जो केस चल रहे हैं, वे पाकिस्तान से जुड़े मामलों, जैसे आतंक की फंडिंग पर आधारित हैं. उन्होंने दावा किया कि भारत की 'सहयोग ना करने की नीति' की वजह से हाफिज सईद और मसूद अजहर को सीमा पार आतंकवाद के मामलों में सजा दिलाना मुश्किल है.
बिलावल ने कहा,
"भारत कुछ बुनियादी कानूनी चीजों में सहयोग नहीं करता, जैसे सबूत देना, भारतीय गवाहों का कोर्ट में आना और आरोपों का सामना करना. अगर भारत इसमें सहयोग करे, तो ऐसे लोगों को भारत को सौंपने में कोई रुकावट नहीं होगी."
बिलावल ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकियों को पकड़ने की भारत की नीति अब 'न्यू एब्नार्मल' (नई असामान्यता) बन चुकी है. उन्होंने कहा, "यह ना तो पाकिस्तान के हित में है और ना ही भारत के हित में है."
हाफिज सईद और मसूद अजहर की लोकेशन के सवाल पर बिलावल ने कहा कि हाफिज सईद जेल में है और पाकिस्तान को लगता है कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में छिपा है.
बिलावल ने आगे कहा,
"ये कहना सही नहीं है कि हाफिज सईद आजाद है. वो पाकिस्तान सरकार की कस्टडी में है."
उन्होंने साथ में यह भी कहा,
"हमारा मानना है कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में है. अगर भारत सबूत दे कि वह पाकिस्तान में है, तो हम उसे खुशी-खुशी गिरफ्तार कर लेंगे."
तल्हा सईद को बिलावल पर आया गुस्सा
बिलावल के बयान पर हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद गुस्से से तिलमिला उठा. उसने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता (बिलावल) को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. तल्हा ने आगे कहा कि हाफिज सईद को भारत को सौंपने की बात करके बिलावल ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान की तौहीन करा दी है.
तल्हा सईद खुद भी एक घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है. उसने कहा कि उनका परिवार और बाकी लोग इस प्रत्यर्पण (भारत को सौंपने) के सख्त खिलाफ हैं.
हाफिज सईद और मसदू अजहर के जुर्म
हाफिज सईद 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सईद पाकिस्तान में आतंक की फंडिंग के मामले में 33 साल की सजा काट रहा है. वहीं मसूद अजहर को भी NACTA ने प्रतिबंधित किया है. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है.
मसूद अजहर भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक है. उस पर कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोप हैं, जैसे- 2001 का संसद हमला, 26/11 मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला. उसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के कंधार हाईजैक के दौरान भारत ने छोड़ा था. उस दौरान हवाई यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार ने तीन आतंकियों को रिहा किया था.
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