The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Bihar, cbi declares witness de...

बिहार: पत्रकार की हत्या में CBI ने जिन गवाह को मृत बताया, वो कोर्ट पहुंचकर बोलीं -'हुजूर मैं जिंदा हूं'

कोर्ट में CBI ने बताया कि उनकी तो मौत हो चुकी है. जब बादामी को ये पता चला तो वे अपनी परिवार के सदस्यों के साथ अदालत में पहुंच गई. पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में गवाह हैं बादामी देवी.

Advertisement
badami devi
अपने परिजनों के साथ कोर्ट पहुंचीं बादामी देवी (फोटो: आजतक)
pic
आयूष कुमार
5 जून 2022 (Updated: 5 जून 2022, 10:24 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में CBI ने कुछ ऐसा किया, जिसे सुनकर लोगों के साथ-साथ कोर्ट भी हैरान रह गया. मामला पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड से जुड़ा है. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, लेकिन सीबीआई ने ही मामले की गवाह को मृत बताकर मुजफ्फरपुर कोर्ट में उनकी प्रोफाइल दाखिल कर दी. सीबीआई के इस कारनामे के बारे में तब पता चला, जब कागजों में मृत बताई गईं गवाह शुक्रवार, 3 जून को कोर्ट में गवाही देने के लिए पहुंच गईं. फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में CBI की लापरवाही पर उससे जवाब मांग है. 

‘CBI ने बहुत टॉर्चर किया’

दरअसल, बादामी देवी सिवान में हुई पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की गवाह हैं. आजतक से जुड़े चंदन कुमार से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रही CBI ने उन्हें खुद इस केस में गवाह बनाया था. लेकिन कोर्ट में CBI ने बताया कि उनकी तो मौत हो चुकी है. जब बादामी को ये पता चला, तो वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ अदालत में पहुंच गईं. 

लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है. बादामी देवी ने आरोप लगाया है कि कोर्ट जाते वक्त रास्ते में उनके ऊपर हमला हुआ है. परिवार के सदस्यों ने भी CBI पर बादामी देवी को परेशान करने का आरोप लगाया है. CBI पर ये भी आरोप लगाया है कि कोर्ट में हाजिर होने के बाद अगले दिन 4 जून को जांच एजेंसी के 5 अधिकारी उनके घर पहुंच गए और उनसे पूछताछ करने लगे.

बादामी की नातिन सरिता साह ने आजतक से बात करते हुए कहा,

“देश की इतनी बड़ी सुरक्षा एजेंसी, जिसपर लोग भरोसा करते हैं, वही कोर्ट में जब गवाह को मृत बता देती है, तो अब किस पर भरोसा किया जाए.”

सरिता ये भी दावा करती हैं कि उनका पड़ोसी वीरेंद्र पांडेय उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहता है. जब उनके पति विजय प्रसाद ने उसका विरोध किया, तो उसी ने विजय को राजदेव रंजन की हत्या के मामले में फंसा दिया. फिलहाल सरिता के पति विजय प्रसाद जेल में हैं. 

बता दें कि राजदेव रंजन हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई की विशेष कोर्ट के स्पेशल जज पुनीत कुमार गर्ग कर रहें हैं.  

क्या है पत्रकार राजीव रंजन हत्याकांड मामला?

इंडिया टुडे से जुड़े चंदन कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई, 2016 को सीवान के स्टेशन रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. इससे पहले सीबीआई ने हत्याकांड की गवाह बादामी देवी से पूछताछ के लिए कोर्ट से समन जारी करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. हालांकि, बाद में 24 मई को केंद्रीय जांच एजेंसी ने बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया और अदालत के समक्ष उनकी मौत की कथित सत्यापन रिपोर्ट भी पेश कर दी.

वीडियो: सुसाइड केस सुलझाने में सीबीआई की गाड़ी बहुत स्लो है!

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement