बिहार: डिलीवरी के बाद 'एसिड' से कर दी बच्ची और मां की सफाई, स्किन पड़ गई काली!
सफाई के तुरंत बाद महिला ने बहुत तेज जलन होने की शिकायत की. उसके और बच्ची के शरीर पर फफोले निकलने लगे. त्वचा काली पड़ने लगी. इसके बाद दोनों को आनन-फानन में मुंगेर सदर अस्पताल में रेफर किया गया.

बिहार के मुंगेर जिले के एक अस्पताल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. आरोप है कि अस्पताल में डिलीवरी के बाद बच्ची और उसकी मां के शरीर को तेल की जगह एसिड से साफ कर दिया गया. इससे उनकी स्किन बुरी तरह से जल गई. इस मामले में अस्पताल के सिविल सर्जन और एनएएम के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. वहीं मां और बच्ची को बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सफाई करते ही हुई जलनइंडिया टुडे से जुड़े गोविंद कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा मामला मुंगेर के जमालपुर थाना क्षेत्र का है. यहां के बड़ी दरियापुर गांव में रहने वालीं सुभाषिनी कुमारी को 22 मई को लेबर पेन हुआ था. इसके बाद उन्हें जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. सुभाषिनी कुमारी ने 23 मई को एक बच्ची को जन्म दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, डिलीवरी के बाद एनएएम ने बच्ची और उसकी मां के शरीर की सफाई के लिए सरसों का तेल मंगाया. सुभाषिनी के परिजनों ने इतनी रात में तेल उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई. रिपोर्ट के अनुसार, एनएएम ने एक सफाई कर्मचारी से सामने रखी बोतल मांगी और उसमें मौजूद लिक्विड से बच्ची और मां के शरीर की सफाई कर दी.

इस सफाई के तुरंत बात सुभाषिनी कुमारी ने बहुत तेज जलन की बात कही. सुभाषिनी कुमारी और बच्ची के शरीर पर फफोले निकलने लगे. दोनों की त्वचा काली पड़ने लगी. उनकी हालत देख उन्हें आनन फानन में मुंगेर सदर अस्पताल में रेफर किया गया. सुभाषिनी कुमारी ने आरोप लगाया कि उनके और उनकी बच्ची के शरीर की सफाई एसिड से की गई. ये जानने के बाद सुभाषिनी के परिजनों की तरफ से जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सिविल सर्जन और एनएएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.
इधर मुंगेर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन शंकर शरण सिंह का कहना है कि महिला और बच्ची के शरीर की सफाई एसिड से नहीं की गई थी. उन्होंने कहा कि सफाई तेल से ही की गई थी और उसी से रिएक्शन हुआ है. हालांकि शंकर सिंह ने ये आशंका भी जताई कि शायद तेल में कुछ मिला हुआ था. उन्होंने ये भी बताया कि डिलीवरी के समय तैनात एनएएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. साथ ही साथ उसे ड्यूटी से भी हटा दिया गया है. अगर एनएएम की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ने आगे बताया कि लिक्विड के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है और स्वास्थ्यकर्मियों को हिदायत दी गई है कि आगे से ऐसा ना हो.
एनएएम का स्पष्टीकरणइधर एनएएम मीना देवी ने जमालपुर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी को भेजे गए स्पष्टीकरण में सफाईकर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मीना देवी ने कहा कि डिलीवरी के बाद उनका काम बच्चे की देखरेख और सुश्रुषा का होता है. उन्होंने बताया कि जब उस दिन सुभाषिनी कुमारी की डिलीवरी हुई, तो वो बरामदे में कपड़ा फाड़ रही थीं. डिलीवरी के तुरंत बाद नर्स विद्या ने सफाईकर्मी गुड्डी से तेल मांगा. बाद में गुड्डी ने अंदर बुलाया और बच्ची और उसकी मां के शरीर पर कपड़ा डालने को कहा.

मीना देवी ने अपने स्पष्टीकरण में आगे कहा कि जब वो कपड़ा डालने जा रही थीं तो उन्होंने देखा कि सुभाषिनी कुमारी का पेट काला था और वो कह रही थीं कि देखिए मेरे पेट पर क्या डाल दिया, बहुत जलन हो रही है. तब नर्स ने गुड्डी से पूछा कि वो तेल कहां से लाई है. मीना देवी के मुताबिक, गुड्डी ने कहा कि डिब्बा कंबल में घुसा हुआ था और उसने खोलकर नहीं देखा और तेल समझकर बच्ची की पीठ पर डाल दिया. मीना देवी के स्पष्टीकरण के मुताबिक, गुड्डी ने कहा कि डिब्बे में तेल नहीं एसिड था और उससे गलती हो गई. इस स्पष्टीकरण के आधार पर मीना देवी ने खुद को निर्दोष बताया है.
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