25 जनवरी 2016 (Updated: 25 जनवरी 2016, 11:42 AM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात में है बांसकांठा, वहां के दीसा कस्बे की रहने वाली बारह साल की श्रेया दर्जी के कान में कुछ सूं-सा चल रहा था. उसने अपने पापा को दिखाया. पापा को नजर आया कान में तो चीटियां हैं. बड़ी-बड़ी चींटी देख पापा उसे ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास ले गए. डॉक्टर ने गिन के कान से नौ-दस चींटियां निकालीं. डॉक्टर ने लेप्रोस्कोपिक कैमरे से भी देखा. कुछ नजर न आया. कहीं रानी चींटी भी नजर नहीं आई जो अंडे दे रही हो.
दो हफ्ते बाद फिर ले गए, फिर बड़ी-बड़ी चींटी निकलीं. मम्मी-पापा सकते में आ गए. दीसा ले गए, पाटन ले गए, अहमदाबाद ले गए. जित्ता अच्छा नाक, कान, गला एक्सपर्ट मिल सकता था सबको दिखाया. लेकिन किसी को समझ नहीं आ रहा था. डॉक्टर कहते हैं हमने तो अपने पच्चीस-पच्चीस, तीस-तीस साल के करियर में ऐसा केस न देखा. अब डॉक्टर कहते हैं ऐसा चलता रहा तो बची को कैमरे की निगाह में रख के देखेंगे. चीटियां आ कहां से रही हैं.