The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Bengal teacher recruitment scam: TMC MP Abhishek Banerjee's plea against ED summons dismissed in SC

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: TMC सांसद अभिषेक बनर्जी राहत पाने SC गए थे, कोर्ट ने झटका देकर लौटाया

TMC सांसद Abhishek Banerjee और उनकी पत्नी रुजिरा ने शिक्षक भर्ती घोटाले में ED समन को चुनौती दी थी.

Advertisement
TMC MP Abhishek Banerjee (PTI)
ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी हैं. (PTI)
pic
निहारिका यादव
9 सितंबर 2024 (Updated: 9 सितंबर 2024, 06:23 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने अभिषेक और उनकी पत्नी की याचिका खारिज कर दी है. दोनों ने SC में याचिका दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को चुनौती दी थी. यह समन पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले से संबंधित एक मामले में जारी हुआ था.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, TMC नेता और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी पर ED ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षक भर्ती से संबंधित करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. इसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले जांच के लिए ED ने अभिषेक और उनकी पत्नी को समन भेजा था. बनर्जी ने इस समन को चुनौती देने के लिए SC का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने प्रक्रियात्मक उल्लंघन का हवाला देते हुए ED के समन का विरोध किया था.  

अभिषेक बनर्जी को ED ने दिल्ली में पेश होने का आदेश दिया था. इस पर उन्होंने कहा कि प्रक्रियाएं स्पष्ट नहीं हैं. क्रिमिनल प्रोसीज़र कोड लागू होना चाहिए, जिसके लिए कोलकाता में ही जांच टीम के सामने उनकी पेशी होनी चाहिए. हालांकि, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने उनकी दलील खारिज कर दी है. इस केस की पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने 13 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था.

अभिषेक बनर्जी पर क्या आरोप लगे?

ED ने पिछले साल जून में दायर की गई एक चार्जशीट में अभिषेक बनर्जी का नाम लिया था. ED के अनुसार, स्कूलों में नौकरी पाने के लिए TMC नेताओं को घूस देने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसने जो पैसा तृणमूल नेता कुंतल घोष को दिया था, वो सुजय कृष्ण भद्र को दे दिया गया. सुजय भद्र अभिषेक बनर्जी के वित्तीय मामले तब से संभालते रहे हैं जब वो अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे.

एजेंसी ने कथित घोटाले में अभिषेक बनर्जी के परिवार की संलिप्तता का भी आरोप लगाया है. एजेंसी के मुताबिक, अभिषेक की पत्नी रुजिरा एक निजी कंपनी के डायरेक्टर्स में से एक रहीं हैं. इस कंपनी का इस्तेमाल कथित तौर पर घोटाले के पैसे के लेन-देन के लिए किया गया था. इससे पहले अभिषेक और रुजिरा दोनों से केंद्रीय एजेंसी ने पूछताछ की थी. हालांकि, अभिषेक बनर्जी और TMC ने आरोपों को खारिज कर दिया था.

क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला? 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में पश्चिम बंगाल के स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था. लेकिन, ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. इस भर्ती प्रक्रिया में आवेदकों ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. आरोप लगाया लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई. जिनके नंबर कम हैं उन्हें भी नौकरियां दी गईं. जबकि नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने टीईटी क्लीयर नहीं किया था. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए TET की परीक्षा पास होना अनिवार्य है. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान दिया गया. कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दी गई. उस समय पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे.

इस मामले में लगभग पांच साल तक चली सुनवाई के बाद मई 2022 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को भर्ती की प्रक्रिया जांच करने के आदेश दिए. दरअसल, शिकायतकर्ताओं ने भर्ती के लिए पांच से 15 लाख रुपये की रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए थे. ऐसे में ED ने भी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की. सबूत हाथ लगने पर ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को पद से हटाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. 
 

वीडियो: कांग्रेस पार्टी क्यों जॉइन करना चाहते हैं 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे' गाने वाले कन्हैया मित्तल?

Advertisement