The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • beautiful aansu lake in khyber...

पायलट ने खोजा पाकिस्तान का सबसे बड़ा 'आंसू'

पाकिस्तानी लोग इस आंसू के करीब आने से घबराते हैं. खौफ खाते हैं.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
विकास टिनटिन
21 अगस्त 2016 (Updated: 21 अगस्त 2016, 05:28 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
करीबी के चेहरे पर आंसू आ जाएं तो मूड की 'दैया-मैया' हो जाती है. मन करता है कुछ करके चेहरे पर खिलखलाती मुस्कान लौट आए. लेकिन हमारे करीबी मुल्क पाक में एक ऐसा आंसू है, जिसके पाकिस्तान से कभी न दूर होने की दुआ हर कोई करेगा. अगर आप इमोशन्स वाले हैं. तो ठहरिए. आगे चढ़ाई है. पथरीली, हरियाली और सुकून से भरी चढ़ाई. क्योंकि हम जिस पाकिस्तानी आंसू की बात कर रहे हैं वो आंख से नहीं टपकता. बल्कि पाकिस्तानी वादियों में चमकता है. खैबर पख्तूनख्वा की काघन वैली में एक खूबसूरत झील है, आंसू झील. जमीन से ऊंचाई करीब 14 हजार फुट. दुनिया की सबसे खूबसूरत झीलों में शामिल है. aansu-lake अब आप ये सोच रहे होंगे कि इस झील को आंसू झील क्यों कहते हैं? तो रॉकेट साइंस की तरह दिमाग न लगाइए. जवाब सिंपल है. झील की शेप आंसू की तरह है.  झील के अंदर एक आइलैंड सा है. आंख की पुतली की तरह दिखता है. झील के ऊपर की शेप भी कुछ ऐसी है कि आईब्रो सी लगती है. गर्मियों में जब बर्फ इसी आइब्रो शेप से गलते हुए आती है, तो देखने वालों की आंखें झील सी गहरी महसूस होने लगती हैं. हालांकि 2005 में पाकिस्तान में आए भूकंप के बाद यहां की सुंदरता थोड़ी कम हुई है. इस झील का दीदार करने के लिए बेस्ट टाइमिंग है 10 जुलाई से 15 अगस्त. 22 साल पहले दिखा आंसू आंसू झील के बारे में 22 बरस पहले ज्यादा लोगों को पता नहीं था. साल 1993 में पाकिस्तानी एयरफोर्स के पायलट जब इस इलाके से गुजर रहे थे, तब इस बारे में पता चला. लोकल लोगों को भी इस झील के बारे में ज्यादा नहीं पता था. आंसू झील के पास रुकने का कोई इंतजाम नहीं है. यहां आने वाले लोग झील से कुछ दूरी पर कैंप लगाते हैं लेकिन इसे भी खतरनाक ही माना जाता है. aansu-lake-3झील तक पहुंचने के दो रास्ते... काघन वैली में सैफुल मुलूक लेक से आंसू झील का करीब 7 घंटे का रास्ता है. ट्रैक के ज्यादातर हिस्सों पर बर्फ जमी रहती है. जुलाई-अगस्त में जाना आसान है. सैफुल मुलूक से सुबह 6 बजे निकलना ज्यादा मुनासिब रहता है, ताकि वक्त रहते सूरज ढलने से पहले वापसी भी की जा सके. घोड़ों और गाइड का इंतजाम भी इस रूट पर है. दूसरा रूट है नारन से 40 किलोमीटर दूर के गांव महानद्री से. महानद्री बाजार से मनूर गांव के लिए जीप से जाया जा सकता है. 6-7 घंटे में पहले ढेर नाम की जगह. फिर वहां से 3-4 घंटे की दूरी पर आंसू झील दिखने लगती है.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement