आपकी इस गलती से बैंक को इतना बड़ा फायदा हो जाएगा, ये कभी नहीं सोचा होगा!
Average Minimum Balance की गिनती कैसे की जाती है? 2020 में SBI ने अपने ग्राहकों के लिए इस पर लगने वाला जुर्माना खत्म कर दिया था. सरकारी बैंकों ने पिछले 5 वित्त वर्षों में जुर्माने के तौर पर 8500 करोड़ रुपये वसूले हैं. इस संबंध में RBI की गाइडलाइन क्या कहती है?
सभी 12 सरकारी बैंकों ने पिछले 5 वित्त वर्षो में ‘एवरेज मिनिमम बैलेंस’ (Average Minimum Balance) को मेनटेन ना रखने के चलते लोगों से 8500 करोड़ रुपये वसूले हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने मार्च 2020 से इस पर जुर्माना लगाना बंद कर दिया था. इसके बावजूद पब्लिक सेक्टर के बैंकों द्वारा 5 सालों में इन जुर्मानों में करीब 34 फीसदी का इजाफा हुआ है. लोकसभा में वित्त मंत्रालय से इस बारे में सवाल पूछा गया था. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में 29 जुलाई को इसका जवाब दिया.
2019-20 में इन बैंकों ने 1738 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है. इसी तरह 2020-21 में 1142 करोड़, 2021-22 में 1429 करोड़, 2022-23 में 1855 करोड़ और 2023-24 में 2331 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. किस बैंक ने जुर्माने के तौर पर कितना पैसा वसूला है, नीचे देखें-
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कैसे तय होता है Average Minimum Balance?अधिकतर बैंकों ने अपनी वेबसाइट पर ‘एवरेज मिनिमम बैलेंस’ के तय होने का तरीका बताया है. इसका फॉर्मूला है-
एवरेज मिनिमम बैलेंस = हर रोज के अंत में अकाउंट में जितना पैसा है, उन सबका जोड़ / महीने में दिनों की संख्या.
आसान भाषा में, दिन के अंत में बैंक अकाउंट में जितने पैसे बचे हैं उसे नोट करें. अगले दिन भी ऐसा ही करें. पूरे महीने यही करें. अब इन सबको जोड़ दें. जितना आए उसको महीने में दिनों की संख्या से भाग दें.
कुछ सरकारी बैंकों में मिनिमम बैंलेस की गिनती तीन महीने के आधार पर की जाती है. मतलब कि तीन महीने में बैंक खाते में जितना पैसा रहता है उसका एक एवरेज निकाला जाता है. तीन महीने के आधार पर गिनती करने वाले सरकारी बैंक हैं- पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक और यूको बैंक. कुछ बैंक तीन महीने की जगह हर महीने का औसत निकालते हैं. ऐसे बैंक हैं- इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया.
नियम क्या कहते हैं?‘एवरेज मिनिमम बैलेंस’ के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने इससे जुड़े नियमों के बारे में भी बताया है. इसके अनुसार,
“भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवंबर 2014 और जुलाई 2015 में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे. बैंकों को अपने बोर्ड द्वारा तय की गई पॉलिसी के अनुसार बचत खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने पर दंडात्मक शुल्क निर्धारित करने की अनुमति दी गई है. इसलिए, बैंकों ने भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर जुर्माने की वसूली के लिए 'स्लैब' तैयार किया है.”
बैंकों के लिए ये जरूरी है कि अकाउंट खोलते समय कस्टमर को इस ‘एवरेज मिनिमम बैलेंस’ के बारे में सारी जानकारी दी जाए. साथ ही अगर कभी इस पॉलिसी में बदलाव किया जाता है तो इसकी जानकारी भी कस्टमर को दी जानी चाहिए. अगर कोई कस्टमर ‘एवरेज मिनिमम बैलेंस’ को मेनटेन नहीं रख पाया तो जुर्माना लगाने से पहले उसे इस बारे में जानकारी देना भी जरूरी है. बैंकों को ये भी सुनिश्चित करना होता है कि इस जुर्माने के कारण बैंक अकाउंट का बैलेंस निगेटिव नहीं होना चाहिए.
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