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बांग्लादेश में भारतीयों के लिए एडवाइजरी, ताजा हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत, पूरे देश में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद

Bangladesh protests LIVE updates: आंदोलनकारी छात्र संगठन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. 4 अगस्त को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं.

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Bangladesh Violence
बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. (फोटो- AP)
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सौरभ
4 अगस्त 2024 (Updated: 5 अगस्त 2024, 08:10 AM IST) कॉमेंट्स
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बांग्लादेश (Bangladesh protests) एक बार फिर से हिंसा की चपेट में है. छात्र संगठनों द्वारा घोषित असहयोग आंदोलन के पहले दिन 4 अगस्त को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. इस हिंसा में खबर लिखे जाने तक कम से कम 98 लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों घायल हैं. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 14 पुलिसवाले भी मारे गए हैं.

छात्र संगठन स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन ने सरकार के इस्तीफे की एक सूत्रीय मांग के साथ आज से पूर्ण असहयोग आंदोलन का आह्वान किया था. 4 अगस्त को हिंसा बढ़ने के बीच बांग्लादेश सरकार ने आज शाम 6 बजे से पूरे देश में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है. कल से तीन दिन की सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की गई है. मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है. देश में फेसबुक और वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक बार फिर से बंद कर दिए गए हैं.

इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्हें सख्ती से दबाने की जरूरत है. PTI के इनपुट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और प्रशासन के प्रमुखों अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया. उन्होंने कहा-

"मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों को सख्ती से कुचलने की अपील करती हूं."

प्रधानमंत्री हसीना ने 4 अगस्त को छात्र आंदोलन के कोऑर्डिनेटर्स के साथ बातचीत करने की पेशकश की. लेकिन संगठनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा कर दिया.

बांग्लादेश में हालात बेकाबू

विरोध प्रदर्शन के चलते ढाका में अधिकांश दुकानें और मॉल बंद हैं. ढाका के शाहबाग में सैकड़ों छात्रों समेत लोगों जमावड़ा लगा है. जिसकी वजह से यातायात बाधित होने की खबर है. न्यूज पोर्टल बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के मुताबिक, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे और दर्शनों के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए.

डेली स्टार अखबार के मुताबिक, रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों में आग लगा दी. अखबार के अनुसार, लाठी-डंडे लिए लोगों को अस्पताल परिसर में निजी कारों, एंबुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते देखा गया जिससे मरीजों, डॉक्टरों और कर्मचारियों में डर का माहौल देखा गया.

कई स्थानों पर पुलिस वाहनों और सरकारी इमारतों पर तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें आई हैं. चटगांव में, शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नोफेल और चटगांव सिटी कॉरपोरेशन के मेयर रेजाउल करीम चौधरी के आवास पर हमला किया गया. सांसद मोहम्मद मोहिउद्दीन बच्चू के कार्यालय पर भी हमला किया गया.

दूसरी तरफ स्थायी समिति के सदस्य अमीर खोसरू महमूद चौधरी सहित विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कई नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया. बीएनपी और उसके सहयोगियों के साथ-साथ कई राजनीतिक, पेशेवर और सांस्कृतिक समूहों ने छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन को अपना समर्थन दिया था, जो सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षित कोटा में सुधार की मांग के लिए शुरू किया गया था.

इससे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक भड़काऊ बयान पर पिछले महीने हिंसा भड़की थी. पुलिस और अधिकतर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे. ये प्रदर्शनकारी विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वालों के परिवारजनों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. भयानक हिंसा के बाद 21 जुलाई को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण व्यवस्था को रद्द करने का फैसला सुनाया था.

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश में हिंसा से भारत को कैसा ख़तरा है?

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