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शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में मुकदमा शुरू, बांग्लादेश में हिंसा भड़काने का आरोप है

इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) में दायर इस मुकदमे में Sheikh Hasina पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. याचिका में कहा गया कि बांग्लादेश में शेख हसीना की वजह से हिंसा भड़की.

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Bangladesh former pm Sheikh Hasina Trial in ICT Crimes against humanity cases
शेख हसीना (फोटो: आजतक)
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अर्पित कटियार
3 अगस्त 2025 (Published: 08:49 PM IST) कॉमेंट्स
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बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू हो गया है. यह मामला 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक दमन से जुड़ा हुआ है. इस मामले में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व IG चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को भी सह-आरोपी बनाया गया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की तरफ से ताजुल इस्लाम पेश हुए. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की वजह से हिंसा भड़की. उन्होंने हसीना के खिलाफ अधिकतम सजा की मांग की. शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री कमाल पर उनकी गैर-मौजूदगी में मुकदमा चल रहा है. जबकि पूर्व आईजी अल मामून हिरासत में हैं. मामून ने सरकारी गवाह बनने पर सहमति जताई है. बताते चलें कि हसीना भारत में हैं और बांग्लादेश उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है. 

ICT में दायर इस मुकदमे में शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिनमें सबसे प्रमुख 2024 में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा है. आरोप है कि शेख हसीना ने इस विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, इसी आंदोलन ने 5 अगस्त, 2024 को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को गिरा दिया था. जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री के पद से अपदस्थ कर दिया गया था और वे भारत चली आई थीं. बाद में, पूर्व गृह मंत्री कमाल ने भी कथित तौर पर पड़ोसी देश में शरण ले ली.

ये भी पढ़ें: मुहम्मद यूनुस पर फिर भड़क गईं शेख हसीना, इतिहास मिटाने के लगाए आरोप

अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए लोगों के बयान पेश करेगा. पिछले महीने ICT ने शेख हसीना को अदालत की अवमानना के आरोप में 6 महीने की सजा सुनाई थी. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की वजह से 1,400 लोग मारे गए थे.

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश, शेख हसीना का प्रत्यर्पण क्यों चाहता है? क्या भारत वापस भेजेगा?

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