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शेख हसीना के भारत में रहने पर बोले बांग्लादेशी नेता- 'भारत को सिर्फ उनसे ही संबंध नहीं रखना चाहिए'

Bangladesh Party on India: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेताओं ने कहा है कि हसीना को शरण देने पर भारत के लिए बांग्लादेश से प्रतिकूल प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. और क्या-क्या बोले बांग्लादेशी नेता?

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शेख हसीना और खालिदा जिया (फाइल फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
10 अगस्त 2024 (Updated: 10 अगस्त 2024, 13:37 IST)
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बांग्लादेश में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत ने शरण दी (Bangladesh Party on India Sheikh Hasina). इस बात को लेकर शेख हसीना की सबसे बड़ी विरोधी नेता खालिदा जिया की पार्टी ने भारत के लिए बयान जारी किया है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता खांडेकर मोशर्रफ हुसैन ने कहा कि हसीना को शरण देने पर भारत के लिए बांग्लादेश से प्रतिकूल प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार आगे चलकर अवामी लीग का समर्थन नहीं करेगी.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, खांडेकर मोशर्रफ हुसैन ने कहा,

शेख हसीना को भारत में शरण मिलने का असर स्वाभाविक है. उदाहरण के लिए अगर मैं आपको पसंद नहीं करता और कोई तीसरा व्यक्ति आपका समर्थन कर रहा है तो स्वाभाविक रूप से मेरे मन में उस व्यक्ति के लिए भी नापसंदगी होगी. प्रतिकूल प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है.

भारत के साथ रिश्तों को लेकर खांडेकर मोशर्रफ हुसैन बोले,

सच्चाई ये है कि चाहे अवामी लीग या शेख हसीना सत्ता में हों, भारत-बांग्लादेश ने हमेशा अच्छे संबंध साझा किए हैं. भारत बांग्लादेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उसने लगातार हमारे लोगों का समर्थन किया है. बांग्लादेश के लोगों को उम्मीद है कि भारत सरकार हमेशा अवामी लीग जैसे भ्रष्ट और तानाशाही शासन का समर्थन नहीं करेगी.

हुसैन ने जिक्र किया कि जब BNP सत्ता में थी तब उन्होंने सरकार में मंत्री के तौर पर काम किया था और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध देखे थे. बांग्लादेश और वहां के लोग भारत को मित्र के रूप में देखते हैं.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति का सिर मिलने से हड़कंप, पूरी बात हमें पता चली

वहीं BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस मसले पर इंडिया टुडे से बातचीत की है. उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा,

'भारत को केवल बांग्लादेश की एक पार्टी के साथ संबंध नहीं रखना चाहिए. भारत हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है. लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. सभी देश हमारे मित्र होने चाहिए. बांग्लादेश में लोकतंत्र की अनुमति दी जानी चाहिए और शेख हसीना को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. कोई भी उन्हें शरण क्यों नहीं दे रहा है? शेख हसीना को शरण देने से पहले भारत को सोचना चाहिए, इससे लोगों के आपसी रिश्ते प्रभावित होंगे.'

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, BNP के ही वरिष्ठ नेता अमीर खासरू महमूद चौधरी ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शेख हसीना बांग्लादेश में 'मोस्ट वांटेड' हैं और उन पर भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन समेत कई आरोप हैं. उन्होंने कहा कि हसीना को उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए अदालत का सामना करना होगा. बोले- बांग्लादेश में लोग हसीना के भारत में रहने को अच्छी नजर से नहीं देखेंगे.

बता दें, बांग्लादेश से शेख हसीना के जाने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ले ली है.

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश में आंदोलन करने वाले छात्रों का क्या होगा? शेख हसीना की वापसी होगी?

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