The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • ayodhya illegal land purchasing case authority list includes mla mayor and others

अयोध्या में 'अवैध' तरीके से जमीन खरीदने वालों की 'लिस्ट' लीक, अथॉरिटी ने कहा- गलत है

लिस्ट सामने आने के बाद अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन ने कहा कि विकास प्राधिकरण अवैध कॉलोनियों को चिह्नित करने की कार्यवाही अभी कर रहा है. जब काम पूरा होगा तो सूची सार्वजनिक की जाएगी.

Advertisement
Ayodhya
बाएं से दाहिने. अयोध्या सिटी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और अयोध्या सदर से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता. (सोशल मीडिया)
pic
सौरभ
8 अगस्त 2022 (Updated: 8 अगस्त 2022, 07:30 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अयोध्या में कथित रूप से अवैध तरीके से जमीन खरीदे जाने के मामले में 40 लोगों के नाम सामने आएं हैं. लिस्ट में कई रसूखदारों के नाम हैं. मसलन, अयोध्या सदर के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अयोध्या शहर के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और जिले के मिल्कीपुर से पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी इस लिस्ट में है. आरोप है कि इन लोगों ने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा किया और उस पर निर्माण भी कराया.

40 लोगों की ये लिस्ट अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) ने जारी की है. इस पर ADA के लेखपाल अजय भारती के दस्तखत हैं. ADA के वाइस चेयरमैन विशाल सिंह ने इस बारे में न्यूज़ एजेंसी PTI से बात करते हुए बताया कि अथॉरिटी की जमीन पर अवैध कब्जा या निर्माण करने वाले लोगों की ये लिस्ट शनिवार 6 अगस्त को जारी की गई थी. 

ये भी पढ़ें- अयोध्या पर SC के फैसले के बाद दलितों की 'दान' की जमीनें अधिकारियों, MLA और उनके रिश्तेदारों ने खरीदीं

हालांकि इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए विशाल सिंह ने कहा,

"ये लिस्ट अभी अपरिपक्व है. किसी ने जानबूझ कर इस लिस्ट को लीक कर दिया. ये गलत है. जांच की जा रही है कि किसने इस लिस्ट को लीक कराया है."

वहीं ट्विटर पर जारी एक बयान में विशाल सिंह ने कहा कि विकास प्राधिकरण अवैध कॉलोनियों को चिह्नित करने की कार्यवाही अभी कर रहा है. जब यह काम पूरा होगा तो अवैध कॉलोनियों की सूची सार्वजनिक की जाएगी.

पिछले साल दिसंबर में इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई रसूखदार लोगों ने तेजी से अयोध्या में जमीनें खरीदी थीं. इनमें विधायक, मेयर, बड़े सरकारी अधिकारी और उनके रिश्तेदारों के नाम सामने आए थे. इस मामले में विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भांजे का नाम और मेयर ऋषिकेश का नाम भी सामने आया था.

ये भी पढ़ें- अयोध्या में दलितों से ली गई जमीन का ट्रांसफर अवैध घोषित, अब कौन होगा मालिक?

यूपी सरकार ने जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. लेकिन इस साल जनवरी में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है.

एक हफ्ते पहले 31 जुलाई को अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर ये मांग की थी कि ‘भू-माफियाओं’ द्वारा जमीन की अवैध बिक्री और खरीद की SIT से जांच कराई जाए. अपने पत्र में उन्होंने कहा,

"भू-माफिया का ऐसा प्रभाव है कि जो अधिकारी/कर्मचारी पहले अयोध्या में पोस्टेड थे, उनकी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर और लोगों को गुमराह कर जमीन अपने नाम लिखवा रहे हैं. जमथरा घाट और गोलाघाट के बीच की जमीन पर भू-माफिया का धंधा फल-फूल रहा है."

उधर इस मामले में विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने अपना पक्ष रखा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा,

“लेखपाल के पास ऐसी सूची जारी करने का अधिकार नहीं है. किसी भी जमीन की खरीद फरोख्त में मेरी कोई भूमिका नहीं है.”

वहीं, सिटी मेयर उपाध्याय ने भी कुछ ऐसी ही बात दोहराई. उन्होंने कहा कि ऐसी सूचियां उचित जांच के बाद ही जारी की जाती हैं. ऐसे किसी भी जमीन की अवैध खरीद फरोख्त में उनकी कोई भूमिका नहीं है.

वीडियो: अयोध्या में रैली का वीडियो हिंदू राष्ट्र की मांग के दावे के साथ वायरलॉ

Advertisement