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"ओबामा पर तो खूब बोले, लेकिन चीन और मणिपुर..."- ओवैसी ने मोदी सरकार के मंत्रियों को क्या सुनाया?

बराक ओबामा के भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर दिए गए बयान पर कई BJP नेताओं ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है.

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Asaduddin owaisi statement Narendra modi USA Barack obama on muslim Nirmala sitharaman
सीतारमन के बयान पर ओवैसी का पलटवार. (फोटो: PTI)
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रविराज भारद्वाज
27 जून 2023 (Updated: 27 जून 2023, 03:23 PM IST) कॉमेंट्स
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पिछले हफ्ते अमेरिका के राजकीय दौरे पर थे. इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने एक इंटरव्यू के जरिए PM मोदी को भारत के अल्पसंख्यकों पर ध्यान देने की नसीहत दी थी. जिसके बाद BJP के कई नेताओं ने ओबामा पर हमला बोला था. अब इसे लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को घेरा है.

ओवैसी ने 26 जून को एक साथ तीन ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने लिखा,

‘क्या किसी को इस बात का आश्चर्य होता है कि जो चीन हमारे सैनिकों को लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट पर गश्त करने से रोकता है, मोदी सरकार के मंत्री उसका नाम लेने से ज्यादा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर हमला करने को तैयार हैं.’

ओवैसी ने आगे लिखा,

‘उम्मीद करतें हैं कि मोदी जी की विदेश यात्रा से उन्हें चीन की दादागिरी के आगे झुकने के बजाय उसका नाम लेने का साहस मिलेगा. और वो मणिपुर पर भी अपनी चुप्पी तोड़ेंगे जो लगभग आठ हफ्तों से जल रहा है.’

इसके साथ ही ओवैसी ने एक और ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा,

‘मणिपुर में राज्य के शस्त्रागारों से चार हजार से अधिक हथियार छीन लिए गए और किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. कश्मीर की तो बात ही छोड़िए, अगर इस हिंसा का एक छोटा सा भी हिस्सा किसी विपक्ष शासित राज्य में हो जाता तो आप हमारी मीडिया के गुस्से की कल्पना करते. आखिर ये नया भारत जो है.’

सीतारमन ने साधा निशाना

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने 25 जून की शाम मीडिया से बात की. उनसे बराक ओबामा की नसीहत पर सवाल किया गया. निर्मला ने ओबामा पर निशाना साधते हुए कहा,

“ये आश्चर्यजनक बात है कि जब पीएम मोदी US के दौरे पर थे, तब ही US के एक पूर्व राष्ट्रपति भारतीय मुसलमानों पर बयान दे रहे थे. विदेश का विषय है, मैं संयम रखते हुए बोल रहीं हूं. हम अमेरिका से अच्छी दोस्ती चाहते हैं. मगर उधर से भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर बयान आ जाते हैं. शायद 6 ऐसे देश हैं, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है, बॉम्बिंग हुई, उन्हीं (बराक ओबामा) के कार्यकाल में. सीरिया से यमन से लेकर सऊदी से लेकर इराक... बॉम्बिंग नहीं हुई? मेरे पास स्पष्ट डेटा नहीं है, पर उसी दौर में ऐसे 7 देशों के खिलाफ जंग जैसे माहौल पैदा हुए. 26,000 से भी ज्यादा बम इन देशों पर गिराए गए...”

वहीं ओबामा के बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा था कि ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है. उनको अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है.

ओबामा ने क्या कहा था?

बीते 22 जून को CNN की सीनियर एंकर क्रिश्टीन अमनपौर ने ओबामा का इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू का एक क्लिप उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया था. अमनपौर ने ओबामा से लोकतंत्र पर सवाल किए. पूछा,

“राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह कहा है. वो फिलहाल यूएस में नरेंद्र मोदी का स्वागत कर रहे हैं, जिन्हें भी तानाशाह या संकुचित लोकतांत्रिक माना जाता है. ऐसे लीडर्स से कैसे डील किया जाना चाहिए?''

ओबामा ने विस्तार से इस सवाल का जवाब देते हुए चीन और भारत के अल्पसंख्यकों का रुख किया. उइगर मुसलमानों का जिक्र करते हुए कहा,

'ये आसान काम नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति को कई चीज़ें स्वीकार करनी पड़ती हैं. मैं जब राष्ट्रपति था, मैं भी लोगों से मिलता था. मेरा सवाल होता था कि क्या ये लोग अपनी सरकार, अपनी राजनीतिक पार्टी को प्रजातंत्रीय तरीके से चलाते हैं या नहीं. और कई बार इसका जवाब 'नहीं' होता था. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति का ये कहना जरूरी है कि चीन में उइगर मुसलमानों को कैंप्स में रखना और उन्हें फिर से 'पढ़ाना' एक समस्या है. हम सबके लिए. इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए.'

ओबामा ने आगे कहा,

‘अगर अमेरिकी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो उन्हें मोदी को भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों की सुरक्षा पर ध्यान देने को कहना चाहिए. मैं और मोदी एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं. अगर मेरी उनसे बात होती तो मैं उनसे कहता - अगर आप भारत के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे, तो एक वक्त ऐसा आ सकता है जब भारत टूटने लगेगा. हमने देखा है, जब ऐसे आंतरिक कलह होते हैं, तब क्या होता है. ये सिर्फ मुसलमानों के भारत के लिए खराब नहीं, हिंदुओं के भारत के लिए भी चिंता का विषय होगा.’

बताते चलें कि निर्मला सीतारामन के अलावा हिमंता बिस्वा सरमा समेत कई नेताओं ने ओबामा के बयान को लेकर हमला बोला था.

वीडियो: PM मोदी का नाम लेकर राजीव गांधी पर क्या बोलने लगे राजनाथ सिंह?

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