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'रामायण' के रावण एक्टर अरविंद त्रिवेदी नहीं रहे, पता है उन्हें रावण का रोल कैसे मिला था?

300 से ज़्यादा फिल्मों में काम कर चुके अरविंद त्रिवेदी सांसद भी रह चुके थे.

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'रामायण' में रावण का किरदार निभाते हुए अरविंद त्रिवेदी.
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श्वेतांक
6 अक्तूबर 2021 (Updated: 6 अक्तूबर 2021, 06:33 AM IST) कॉमेंट्स
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रामानंद सागर की 'रामायण' में रावण का किरदार निभाने वाले एक्टर अरविंद त्रिवेदी नहीं रहे. ई-टाइम्स से बात करते हुए उनके भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने इस खबर की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि अरविंद पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से बीमार चल रहे थे. मंगलवार की रात उन्हें एक हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इससे उनका निधन हो गया. अरविंद 82 साल के थे. बुधवार 6 अक्टूबर को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया जाना है.
अरविंद त्रिवेदी का जन्म 8 नवंबर, 1938 को इंदौर में हुआ था. उन्होंने अपने करियर में कुल 300 से ज़्यादा गुजराती और हिंदी फिल्मों में काम किया. उन्होंने 1971 में बलराज साहनी की फिल्म ‘पराया धन’ से हिंदी फिल्मों में अपना एक्टिंग करियर शुरू किया. आगे वो ‘जंगल में मंगल’, ‘प्रेम बंधन’ और ‘हम तेरे आशिक’ समेत कई फिल्मों में नज़र में आए. 'रामायण' ने उन्हें इस देश के हर घर में पहुंचा दिया.
रामानंद सागर के इस शो में उनकी कास्टिंग को लेकर दो वर्ज़न चलते हैं. कहा जाता है कि रामानंद सागर ने 'रामायण' में उन्हीं एक्टर्स को कास्ट किया, जिनके साथ वो 'विक्रम और बेताल' में काम कर चुके थे. ऐसे में अरविंद त्रिवेदी भी 'रामायण' का हिस्सा बन गए.
रामानंद सागर की 'रामायण' में रावण का रोल करने वाले एक्टर अरविंद त्रिवेदी.
रामानंद सागर की 'रामायण' में रावण का रोल करने वाले एक्टर अरविंद त्रिवेदी.


दूसरा वर्ज़न ये है कि अरविंद को पता चला कि रामानंद सागर अपने नए शो 'रामायण' की कास्टिंग कर रहे हैं. अरविंद उनके पास आए और शो में केवट का रोल मांगा. रामानंद सागर ने उन्हें रावण की स्क्रिप्ट पकड़ा दी. अरविंद ने वो स्क्रिप्ट पढ़ी और बिना कुछ कहे वहां से चले गए. कुछ समय बाद दोनों की मुलाकात हुई, तो सागर ने अरविंद से कहा कि वो रावण का रोल कर रहे हैं. अरविंद ने उत्सुकता और कंफ्यूज़न के मिले-जुले भाव के साथ पूछा कि उन्हें किस बेसिस पर रावण का रोल दे दिया गया. इसके जवाब में सागर ने कहा कि वो अरविंद जैसे ऐटिट्यूड वाले एक्टर की तलाश में थे. जिनके ऊपर रावण का किरदार सूट करे. और ऐसे अरविंद त्रिवेदी बन गए इंडिया के चर्चित विलन.
कुछ समय पहले भी अरविंद के गुज़रने की खबर फैल गई थी. तब उनके साथी एक्टर सुनील लहरी ने इन डेथ होक्स का खंडन किया था. मगर इस बार अरविंद त्रिवेदी के वाकई गुज़रने की खबर से 'रामायण' की पूरी स्टारकास्ट दुखी है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अरविंद को याद करते हुए उन्हें आखिरी विदाई दी. 'रामायण' में राम का रोल करने वाले अरुण गोविल ने ट्वीट करते हुए लिखा-
''आध्यात्मिक रूप से रामावतार का कारण और सांसारिक रूप से एक बहुत ही नेक, धार्मिक, सरल स्वभावी इंसान और मेरे अतिप्रिय मित्र अरविंद त्रिवेदी जी को आज मानव समाज ने खो दिया. नि:संदेह वे सीधे परमधाम जाएंगे और भगवान श्रीराम का सानिध्य पाएंगे.''


लॉकडाउन के दौरान टीवी पर 'रामायण' को दोबारा टेलीकास्ट किया गया था. इस दौरान अरविंद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो अपनी फैमिली के साथ बैठकर सीता की किडनैपिंग वाला सीन देख रहे थे. इस सीन को देखते ही उन्होंने अपनी फैमिली के सामने हाथ जोड़ लिए थे. मानों किसी गलती के लिए माफी मांग रहे हों. उनके गुज़रने की खबर पर सीता का रोल करने वाली दीपिका चिखालिया ने इंस्टाग्राम पर उन्हें याद दिया. दीपिका ने उनकी तस्वीर के साथ लिखा-
''उनके परिवार को प्रति मैं हार्दिक संवेदना प्रकट करती हूं. बड़े अच्छे इंसान थे.''
लक्ष्मण का रोल करने वाले सुनील लहरी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखते हैं-
''बहुत दुखद समाचार है कि हमारे सबके प्यारे अरविंद (रामायण के रावण) अब हमारे बीच नहीं रहे. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. इस दुख को बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैंने अपने गाइड, फादर फिगर और शुभचिंतक को खो दिया.''

 



 

 

 

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अरविंद त्रिवेदी के गुज़रने की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट किया. वो लिखते हैं-
''हमने अरविंद त्रिवेदी को खो दिया, जो न सिर्फ एक कमाल के एक्टर थे बल्कि लोगों की सेवा को लेकर भी पैशनेट थे. टीवी सीरियल रामायण में उनके काम के लिए भारत की आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद करेंगी. उनके परिवार और करीबियों के प्रति संवेदनाएं. ऊं शांति.''

एक्टिंग के अलावा अरविंद 1991 में वो बीजेपी की टिकट से गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़े और सांसद बन गए. मशहूर फिल्ममेकर और देव आनंद के भाई विजय आनंद ने जब वैचारिक मतभेद की वजह से 2002 में सेंसर बोर्ड चेयरमैन का पद छोड़ा, तब अरविंद को ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था.

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