कोई बोल रहा अग्निपरीक्षा, कोई बोले नाटक, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के एलान को कैसे देखा गया?
दिल्ली के सीएम Arvind Kejriwal ने कहा है कि वो दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. उनके इस फैसले को AAP ने अग्निपरीक्षा, तो कांग्रेस नेता ने नाटक बताया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया है. उनके इस एलान के बाद इस पर तमाम राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने केजरीवाल के इस फैसले को ‘अग्निपरीक्षा’ बताया है. उन्होंने कहा है कि केजरीवाल ‘अग्निपरीक्षा’ देने को तैयार हैं. वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने CM केजरीवाल के इस्तीफे के फैसले को 'नाटक' कहा है. AAP छोड़कर BJP ज्वॉइन करने वाले कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के इस्तीफे के एलान के बाद आज के दिन को ‘जश्न का दिन’ बताया है.
मेरा केजरीवाल ईमानदार है: राघव चड्ढाAAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली की जनता अगले साल होने वाले चुनाव में अरविंद केजरीवाल को ईमानदार घोषित करेगी. राघव चड्ढा बोले,
“मुख्यमंत्री जी अग्निपरीक्षा से गुजरने के लिए तैयार हैं और दिल्ली तय करेगी कि मुख्यमंत्री ईमानदार हैं कि नहीं. अरविंद केजरीवाल जी ने 2020 में काम के नाम पर वोट मांगा था और कहा कि अगर मैंने काम किया है, तो मुझे वोट देना. मैंने काम नहीं किया, तो मुझे वोट नहीं देना. आज उन पर तोहमतें लगाई गईं... आरोप लगाया गया. आज मुख्यमंत्री जी ने अपनी ईमानदारी की परीक्षा... अग्निपरीक्षा देने का फैसला लिया है.”
राघव चड्ढा ने आगे कहा,
बहुत पहले पद छोड़ देना चाहिए था: संदीप दीक्षित"दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री को ईमानदार घोषित करेगी झाड़ू का बटन दबाकर और अब आने वाला 2025 का दिल्ली चुनाव... दिल्ली की जनता उस चुनाव के माध्यम से अपने मुख्यमंत्री को ईमानदार घोषित करेगी. जैसे दीवार पिक्चर में अमिताभ बच्चन के हाथ पर लिखा था, वैसे ही दिल्ली की जनता उसके ठीक उलट अपने हाथ पर लिखेगी कि मेरा केजरीवाल ईमानदार है."
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने CM अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को केवल ‘नाटक’ बताया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि केजरीवाल को बहुत पहले मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए था. संदीप दीक्षित बोले,
"सीएम बनने या न बनने का कोई मतलब ही नहीं है. हम लोग तो बहुत पहले से कह रहे थे कि उन्हें CM पद छोड़ देना चाहिए. जब आपको जेल हो गई थी, भले किसी कारण से हुई हो. आपको तो बहुत पहले मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए था और अब बचा क्या है. अब इनका जो CM पद छोड़ने का है, वो केवल एक नाटक है. दुनिया के इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ है कि कोई चुना हुआ व्यक्ति जो जेल जाता है, जब जेल से निकले, तो उसको सुप्रीम कोर्ट कहे कि... तुम खबरदार जो एक फाइल तक छुई या तुम कुर्सी पर बैठे."
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उन्होंने आगे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का उदाहरण देते हुए कहा,
BJP नेता कपिल मिश्रा बोले- 'आज जश्न का दिन है'"आपने देखा होगा हेमंत सोरेन साहब जेल गए थे, जब वो निकले तो उन पर कोई शर्त नहीं लगाई गई. बहुत से मुख्यमंत्री हैं, बाकी मंत्री हैं, जो जब रिहा हुए हैं बेल पर तब उन पर तो कोई शर्तें नहीं लगाई गईं. केवल इन पर क्यों शर्त लगाई गई? और इसलिए शर्त लगाई गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि ये आदमी जाकर जो सबूत हैं उनको मिटा देगा. ये डराएगा-धमकाएगा. जब मुख्यमंत्री जैसे व्यक्ति को कहा जाता है कि खबरदार कि तुम किसी गवाह से मिले भी... इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट एक क्रिमिनल की तरह उन्हें ट्रीट कर रहा है. इसलिए पद पर रहने के लिए कोई नैतिकता नहीं बच जाती है."
BJP नेता कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद एक वीडियो जारी किया. वीडियो में कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर कई आरोप लगाए हैं. कपिल मिश्रा ने कहा,
केजरीवाल के एलान पर क्या बोली RJD और JDU?"आखिरकार एक भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ रही है. दिल्ली की जनता की बड़ी जीत हुई है. आज जश्न का दिन है. हमने कहा था कि भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. कपिल मिश्रा ने कहा कि ये दिल्ली के ऐसे दूसरे सीएम हैं जिनको भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा देने पड़ा है..."
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने केजरीवाल के फैसले को साहसिक बताया है. RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा,
"अरविंद केजरीवाल ने साहसिक फैसला किया है. उन्होंने अपने फैसले से बीजेपी को आईना दिखाते हुए चुनाव में जाने की बात कही है. बीजेपी क्या अब चुनाव में जाने से भी भागेगी? केजरीवाल ने मिसाल पेश की है और साबित किया है कि उन्हें सत्ता का लालच नहीं है. बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ जो साजिश की, उसका जवाब जनता चुनाव में देगी."
वहीं जनता दल यूनाइटेड (JDU) का कहना है कि केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण पद छोड़ने को मजबूर हुए हैं. JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा,
“अरविंद केजरीवाल ने मजबूरी में इस्तीफे का फैसला लिया. वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण मजबूर हुए. केजरीवाल के सीएम ऑफिस जाने पर भी रोक थी और उनके पास कोई विकल्प नहीं था. केजरीवाल ने कहा था कि जेल में रहने से उनका आत्मबल बढ़ता है, तो फिर उन्होंने जमानत के लिए याचिका क्यों दायर की थी? केजरीवाल अपने मन से इस्तीफा नहीं देने जा रहे बल्कि उनके पास कोई चारा नहीं बचा था.”
दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मामले में जेल गए CM अरविंद केजरीवाल 13 सितंबर को ही तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं. इसके बाद 15 सितंबर को उन्होंने घोषणा की कि वो दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में समय से पहले चुनाव कराने की मांग करेंगे.
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