The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • arpita mukherjee insurance pol...

SSC Scam: अर्पिता मुखर्जी की 31 बीमा पॉलिसी में पार्थ चटर्जी नॉमिनी, ED का दावा

ED ने कहा कि ये बताता है कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी एक-दूसरे के कितने करीब हैं.

Advertisement
Arpita Mukherjee and Partha Chatterjee
अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी.
pic
धीरज मिश्रा
4 अगस्त 2022 (Updated: 4 अगस्त 2022, 24:31 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Scam) में गिफ्तार अर्पित मुखर्जी के बारे में एक और जानकारी सामने आई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ में पता चला है कि अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम बतौर नॉमिनी दिया हुआ है. इसी मामले में पार्थ चटर्जी से भी ED की पूछताछ जारी है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अर्पिता ने अपनी 31 एलआईसी बीमा पॉलिसी में पार्थ चटर्जी का नाम नॉमिनी के रूप में दर्ज कराया है. ये पता चलने के बाद ED ने कहा, 

'ये दर्शाता है कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी दोनों एक दूसरे के बेहद करीबी हैं.' 

इसके साथ ही ED की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पार्थ और अर्पिता ने बराबर की साझेदारी में एक नवंबर 2012 को मेसर्स एपीए यूटिलिटी सर्विसेस (M/s APA Utility Services) नाम से एक कंपनी बनाई थी. इसके बाद इसी फर्म के नाम पर संपत्तियां खरीदी गई थीं. ED ने कहा कि आरोपियों द्वारा कुछ प्रॉपर्टी कैश में भी खरीदी गई थी.

ED ने कहा कि इस फर्म से जुड़े बैंक अकाउंट की जानकारी, बैलेंस शीट वगैरह प्राप्त कर ली गई है. अब इसकी पड़ताल की जाएगी और उसके निष्कर्षों के आधार पर आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.

ED की जांच में सामने आई जानकारी.

मालूम हो कि कोलकाता की एक विशेष अदालत ने SSC घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 5 अगस्त तक के लिए ED हिरासत में भेज दिया था.

ED ने 22 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारा था और 21.90 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे. जांच एजेंसी ने 56 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और 76 लाख रुपये का सोना भी बरामद किया था.

इसके कुछ दिनों बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के दूसरे अपार्टमेंट पर छापा मारा था, जहां से 28.90 करोड़ रुपये नकद, 5 किलो से अधिक सोना और कई दस्तावेज बरामद किए गए थे. ED ने आरोप लगाया है कि बरामद की गई राशि शिक्षक भर्ती घोटाले से अर्जित की गई है. 

वहीं अर्पिता मुखर्जी ने कहा है कि कोलकाता में उनके घरों से जो पैसा बरामद हुआ है, वह उनका नहीं है और यह उनकी गैरमौजूदगी में रखा गया था. हालांकि ED के नए दावों के बाद उनके इन बयानों पर सवाल उठता है.

एजेंसी ने पिछले महीने टीचर भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. जिस समय ये घोटाला होने का दावा किया जा रहा है, उस वक्त राज्य का शिक्षा विभाग पार्थ चटर्जी के पास था. ED इस घोटाले में शामिल मनी ट्रेल की भी जांच कर रही है.

बाद में पार्थ चटर्जी ने कहा था कि बरामद किया गया धन उनका नहीं है और 'केवल समय ही बताएगा कि किसने उनके खिलाफ साजिश की है.' बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री और पूर्व टीएमसी नेता ने दावा किया था कि वह 'इस तरह के सौदों में कभी शामिल नहीं हुए'.

शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ED द्वारा गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने पार्थ चटर्जी को निलंबित कर दिया था और उन्हें बंगाल मंत्रालय से हटा दिया था.

दी लल्लनटॉप शो: रिटायरमेंट से पहले चीफ जस्टिस रमना ने जो कहा, क्या मोदी और केजरीवाल मानेंगे?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement