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मणिपुर में तैनात जवानों की जाति बताई, इंडियन आर्मी ने 'करारा जवाब' दे दिया!

"सैनिक सभी के लिए एक समान हैं और किसी से नहीं डरते."

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Army crticizes social media leaks meitei kuki Manipur conflict
कुकी और मैतेई समुदाय के बीच तनाव बना हुआ है. (फोटो: ANI)
2 जून 2023 (Updated: 2 जून 2023, 15:04 IST)
Updated: 2 जून 2023 15:04 IST
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मणिपुर (Manipur) में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच तनाव बना हुआ है. इस बीच कुकी समुदाय से आने वाले DGP पी. डौंगेल के ट्रांसफर की खबर आई. जिसके बाद मणिपुर में तैनात कुछ मैतेई आर्मी अफसरों के नामों की लिस्ट सोशल मीडिया पर चलने लगी. मांग हुई कि कुकी समुदाय के लोगों की सेफ्टी के लिए इनका भी ट्रांसफर किया जाए. इस बीच इस पूरे मामले पर सेना की तरफ से बयान आया है.

भारतीय सेना की दीमापुर स्थित III कोर या स्पीयर कोर ने एक जून को अफसरों के नाम लीक करने की कोशिशों की कड़ी निंदा की है. 

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ से जुड़े अभिनय लक्ष्मण की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्कुलेट की गई लिस्ट में 22 मैतेई आर्मी अफसरों के नाम थे. ये लिस्ट कुकी छात्र संगठन (KSO), कांग्रेस नेता लामतिनथांग हाओकिप और कई अन्य वैरिफाइड ट्विटर अकाउंट से पोस्ट की गई थी. KSO ने बाद में ट्वीट हटा दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्वीट्स के जरिए उन अफसरों के ट्रांसफर की मांग की गई थी. आरोप लगाया गया कि लिस्ट में शामिल कुछ अफसरों ने मैतेई समुदाय का पक्ष लिया और उन्हें बदला जाना चाहिए. 

सेना ने क्या कहा? 

स्पीयर कोर ने बयान में कहा कि उन अधिकारियों को बदनाम किया जा रहा है जिन्होंने रातों में बिना सोए काम कर रहे हैं, बिना खाये पिये लगे हुए हैं, हजारों लोगों को बचाया है और मणिपुर में धर्म, जाति या पंथ से परे लोगों को शरण दी है. कोर ने कहा कि वो लिस्ट ट्विटर, फेसबुक और मैसेजिंग ऐप पर सर्कुलेट की गई जिसमें अफसरों के नाम, रेजीमेंट्स और उनकी कथित तैनाती की लोकेशन मेंशन की गई है.

ये भी पढ़ें- हिंसाग्रस्त मणिपुर के DGP को क्यों हटाया गया? क्या 'कुकी फैक्टर' बना वजह?

स्पीयर कोर ने बयान में कहा,

भारतीय सेना के सभी रैंक नस्ल, जाति, पंथ और लिंग से परे हैं. सैनिक सभी के लिए एक समान हैं और किसी से नहीं डरते. सेना के अफसरों और सैनिकों को संगठन की आवश्यकता के अनुसार देश के सभी हिस्सों में तैनात किया जाता है. ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि लिस्ट में दर्ज संख्या मणिपुर की सभी यूनिट में मौजूद अधिकारियों की कुल संख्या का एक छोटा हिस्सा है.

कोर की तरफ से आगे कहा गया कि ऐसी पोस्ट्स एक ऐसी संस्था को कमजोर करने की कोशिश हैं, जिसने कभी भी क्षेत्रीय पूर्वाग्रहों को अपने कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करने दिया. 

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