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दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में घटिया माल की सप्लाई, डॉक्टरों-अधिकारियों की 'मिलीभगत', 10 लोग गिरफ्तार

इस मामले में डॉक्टर और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगा है, जिसकी जांच की जा रही है. ACB ने कुछ फर्जी बिल और रिसीप्ट भी बरामद किए हैं, जिन्हें माल की सप्लाई किए बिना ही तैयार किया गया था.

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ACB investigation supply of sub-standard items to delhi govt hospitals
अस्पतालों से लिए गए चीजों के सैंपल खराब क्वालिटी के पाए गए. (सांकेतिक तस्वीर: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
14 फ़रवरी 2024 (Published: 12:01 AM IST) कॉमेंट्स
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एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में घटिया क्वालिटी के माल की सप्लाई के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 7 आरोपी सप्लायर और 3 आरोपी लैब के मालिक हैं. ACB के मुताबिक एक इन्सपेक्शन के दौरान अस्पतालों को सप्लाई की गई कई चीजों की क्वालिटी खराब पाई गई थी. इसकी शिकायत मिलने पर ACB ने जांच शुरू की थी. 

इस मामले में डॉक्टर और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगा है, जिसकी जांच की जा रही है. ACB ने कुछ फर्जी बिल और रिसीप्ट भी बरामद किए हैं, जिन्हें माल की सप्लाई किए बिना ही तैयार किया गया था. 

ये भी पढ़ें- डॉक्टर्स बोले स्प्लीन हटा दी, 5 महीने बाद शरीर में ही मिली, दिल्ली के नामी अस्पताल पर कितना 'जुर्माना' ठुका?

कैसे सामने आया ये मामला?

रिपोर्ट के मुताबिक 18 अगस्त, 2023 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की विजिलेंस विंग की छह टीमों ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों का दौरा किया था. कई चीजों के सैंपल लिए थे. इन सैंपल को अलग-अलग लैबों में भेजा गया था. एक सीनियर अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि इनमें से ज्यादातर सैंपल या तो घटिया पाए गए या टेस्ट में फेल रहे.

शुरुआती जांच में ऐसे संकेत मिले कि आरोपी फर्मों और सप्लायरों ने GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) पोर्टल के जरिए चीजें सप्लाई कीं. इन चीजों को सरकार से मंजूरी पाए लैब से सर्टिफिकेट के साथ डिलीवर किया जाना था. 

सप्लाई से जुड़ी चौदह फर्मों का निरीक्षण किया गया. अधिकारी ने बताया कि सप्लाई डिटेल्स वाले डॉक्यूमेंट जब्त किए गए और सप्लायरों से पूछताछ की गई. ACB हेड मधुर वर्मा ने कहा कि मामले में आगे की जांच से पता चला कि सरकारी अधिकारियों ने जानबूझकर जरूरी लैब रिपोर्ट और लाइसेंस लेने से परहेज किया.

कुछ मामलों में, सप्लायर की ओर से दिए गए लाइसेंस नंबर नकली पाए गए. अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर मामलों में, डिलीवर किए गए आइटमों के बैच नंबर निर्माता या सप्लायर की ओर से बताए गए बैच नंबरों से मेल नहीं खाते. जांच में ये भी सामने आया है कि लोकल मार्केट से बिना किसी पैरामीटर के घटिया चीजें खरीदी गईं और अस्पतालों को आपूर्ति की गई. 

वीडियो: डॉक्टर, दवाइयां, सर्जन...इस अस्पताल के फर्जीवाड़े ने कई लोगों की जान ली, बुरा फंसे!

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