12 अगस्त 2016 (Updated: 12 अगस्त 2016, 06:53 AM IST) कॉमेंट्स
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शोभा डे ने कहा कि इंडियन खिलाड़ी सेल्फी लेने ओलंपिक जाते हैं, जीत-वीत कुछ पाते नहीं, पैसे की बर्बादी होती है. कितनी खराब बात. वही ये बात कह सकता है जो भारत में खेल स्ट्रक्चर को न समझता हो. खिलाड़ियों की मेहनत का अपमान! उनकी भावनाओं की बेकद्री!
लेकिन कुछ लोग हैं जो सेल्फी खेंचणे ही रियो ओलंपिक गए हैं. और वहां कायदे-कानून तोड़कर अपने देश की घणी बेज्जती करवा रहे हैं. ये हैं खेल राज्यमंत्री विजय गोयल. रियो में इंडिया के खिलाड़ी मेडल्स के पीछे दौड़ रहे हैं और विजय गोयल चार दिनों से इन खिलाड़ियों के पीछे दौड़ रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा तस्वीरें खिंचवाने के लिए.
ओलंपिक की अलग-अलग जगहों पर जाने के लिए अलग-अलग एक्रिडिएशन कार्ड की जरूरत होती है. हर आदमी खेल के मैदान पर कदम नहीं रख सकता.
चुनिंदा लोगों को ये एक्रिडिएशन जारी किया जाता है. रियो ओलंपिक आयोजकों का आरोप है कि विजय गोयल बिना एक्रिडिएशन वाले लोगों को लेकर भी पाबंदी वाली जगहों पर घुस जाते हैं. ऊपर से उनके साथ के लोगों का बर्ताव 'आक्रामक और रूखा' होता है. ओलंपिक आयोजकों ने चेतावनी दी है कि हरकतें नहीं सुधारीं तो आपका एक्रिडिएशन रद्द कर देंगे.
ओलंपिक की ऑर्गनाइजिंग कमेटी की कॉन्टिनेंटल मैनेजर सारा पीटरसन ने इंडियन चीफ ऑफ मिशन राकेश गुप्ता को इस बारे में चिट्ठी लिखी है. इसमें लिखा है,
'हमारे पास कई रिपोर्ट आई हैं कि आपके खेल मंत्री ने एक्रिडिएटेड जगहों पर बिना एक्रिडिएशन वाले लोगों को लेकर घुसने की कोशिश की. जब स्टाफ उन्हें समझाने चला तो मंत्री के साथ आए लोगों ने एग्रेसिव और रूखा बर्ताव किया और कई बार तो स्टाफ को धक्का तक दे दिया. आप जानते हैं कि इस तरह का बर्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता. कई चेतावनियों के बाद भी रियो ओलंपिक एरीना (जिम्नास्टिक वेन्यू) में दोबारा ऐसी घटना हुई.'
इस चिट्ठी में आगे लिखा गया,
'आइंदा हमारी प्रोटोकॉल टीम को ऐसी और शिकायतें मिलीं तो आपके खेल मंत्री का एक्रिडिएशन कैंसल कर दिया जाएगा और ओलंपिक में उनको मिली सुविधाएं वापस ले ली जाएंगी. हमें विश्वास है कि हमारा संदेश आप तुरंत उन तक पहुंचा देंगे.'
विजय गोयल सरकार की तरफ से ओलंपिक खिलाड़ियों को चीयर करने रियो पहुंचे हैं. लेकिन वह तस्वीरें खींचने और खिंचवाने में ज्यादा उत्साह दिखा रहे हैं.
इंडियन बॉक्सर विकास कृष्णन जब प्रीक्वार्टर में अमेरिका के चार्ल्स कॉनवेल को हराकर रिंग से निकले तो थकान से बुरी तरह हांफ रहे थे. लेकिन एक्साइटेड विजय गोयल ने उन्हें धर लिया और बांह पकड़कर फोटो खिंचवाने लगे. जबकि विकास ने कैमरे की तरफ देखना भी ठीक नहीं समझा.
कई भारतीय खिलाड़ियों के साथ उनकी जीत के तुरंत बाद विजय गोयल ने तस्वीरें खिंचवाई हैं. दीपा कर्मकार, विमेंस हॉकी टीम, बॉक्सर मनोज कुमार इन सबके साथ उनकी तस्वीरें हैं. तस्वीर खिंचवाने में कुछ बुरा नहीं है. लेकिन आयोजकों का कहना है कि वो अपने साथ के लोगों की तस्वीरें भी खिंचवाने लगते हैं और इस चक्कर में प्रोटोकॉल का ख्याल नहीं रखते.
भारतीय ओलंपिक मिशन के चीफ राकेश गुप्ता का कहना है मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है. विमेंस हॉकी टीम के साथ मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने एक बयान में कहा, 'इंडिया-जापान हॉकी मैच के बाद मंत्री जी को खिलाड़ियों से मुलाकात का न्योता दिया गया था. वो ऑर्गनाइजिंग कमेटी के वॉलंटियर्स के साथ फील्ड पर गए. लेकिन जैसे ही उन्हें प्रोटोकॉल के बारे में बताया गया, वे मैदान से वापस आ गए और खिलाड़ियों से बाहर मिले. इसके बाद से वो जब भी किसी वेन्यू पर खिलाड़ी से मिले हैं, स्पेशल पास लेकर मिले हैं.'
विजय गोयल ने भी ट्वीट करके कहा है कि उनकी जानकारी के मुताबिक वो सारे नियम फॉलो कर रहे हैं और आयोजकों को कुछ गलतफहमी हो गई है.
लेकिन रियो ओलंपिक वालों की पर्सनल दुश्मनी थोड़े है जो वो बेवजह किसी मंत्री को लगेंगे. हमारे देश के खेल मंत्री को उंगली दिखाकर आयोजक कह रहे हैं कि हरकतें ठीक कर लीजिए, वरना एक्रिडिएशन छीन लेंगे! बताइए! देश की बदनामी होती है गोयल सर. ख्याल रखिए.