क्या है 'अम्फान', जो अगले 12 घंटे में ओडिशा में भयंकर तबाही मचा सकता है
पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी बड़ी आफत आने वाली है.

18 मई की शाम ओडिशा के कई ज़िलों में जमकर बारिश हो सकती है. जोरदार हवाएं चल सकती हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के भी कई इलाकों में 19 मई को बिजली की गड़गड़ाहट के साथ तेज़ बारिश हो सकती है. तूफान आ सकता है. 21 मई को सिक्किम में भी बारिश हो सकती है. और ये सब कुछ होगा चक्रवात 'अम्फान' की वजह से. बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात 'अम्फान' बहुत तेज़ गती से सुपर साइक्लोन (भयंकर चक्रवाती तूफान) में बदल रहा है. भारतीय मौसम विभाग ने 18 मई की सुबह इस बात की जानकारी दी.
वैसे तो मौसम विभाग ने 15 मई को ही 'अम्फान' के आने की आशंका जता दी थी, लेकिन उसकी तीव्रता क्या होगी, कितना भयंकर होगा, इसके बारे में उस वक्त जानकारी नहीं दी गई थी.
Super Cyclonic Storm ‘AMPHAN’ (pronounced as UM-PUN) : 18th May 2020 (1130 to 1157 IST). pic.twitter.com/7kkrjGiMOd
— India Met. Dept. (@Indiametdept) May 18, 2020
18 मई की सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर मौसम विभाग ने अपनी वेबसाइट पर एक स्टेटमेंट जारी किया
. बताया कि 'अम्फान' अगले 12 घंटों में भयंकर चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा. इसी के साथ ही 'ऑरेंज मैसेज' भी जारी कर दिया.
कहां-कहां क्या होगा?
# ओडिशा
यहां के तटीय इलाकों में 18 मई की शाम से हल्की से सामान्य बारिश होना शुरू हो जाएगी. गंजम, गजवती, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपारा ज़िले में यही बारिश तेज़ हो जाएगी. ओडिशा के उत्तरी तटीय इलाकों में (जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, जाजपुर, भद्रक, बालेश्वर और मयुरभंज ज़िले) 19 मई को ज़ोरदार बारिश होगी. 20 मई को भी होगी.
# पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल करे तटीय इलाकों में 19 मई को हल्की से सामान्य बारिश होगी. 20 मई को ईस्ट एंड वेस्ट मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और आस-पास के ज़िलों में बहुत तेज़ बारिश हो सकती है. 21 मई को भी इसके आसार बने हुए हैं.
# सिक्किम
21 मई को ही ये चक्रवात पश्चिम बंगाल के हिमालय से लगे इलाकों से होते हुए सिक्किम पहुंचेगा. इस दिन इन इलाकों में हल्की से सामान्य बारिश होगी.

रामेश्वरम में 'अम्फान' के कारण चली हवाओं और बारिश से मछुआरों की नाव बर्बाद हो गई. (तस्वीर- PTI)
हवा कैसी बहेगी?
18 मई की शाम 'अम्फान' ओडिशा के तटीय इलाकों को हिट करेगा. 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बहेगी. धीरे-धीरे हवा का गति भी बढ़ती जाएगी. 20 मई की सुबह तक तूफान की गति 95 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी. इसी स्पीड से ओडिशा से जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, भद्रक, बालेश्वर और मयूरभंज ज़िलों में तूफान आने की आशंका है. पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भी इसी स्पीड से तूफान आएगा. 20 मई की दोपहर तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तूफान की गति 110 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे होने की भी आशंका है.
18, 19, 20 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के समुद्र तटों की लहरों में काफी बदलाव आ सकता है. इसलिए मछुआरों को 18 से 20 मई तक तट के किनारे न जाने की सलाह दी गई है.

कोयंबटूर में 17 फरवरी को चली तेज़ हवा से गिरा पेड़. (तस्वीर- PTI)
तमिलनाडु में पेड़ गिर गए
'लाइव मिंट' की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु की सरकार का कहना है कि 'अम्फान' का उनके राज्य पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बीती शाम (17 मई) कोयंबटूर में तेज़ हवाएं चली थीं, जिसकी वजह से पेड़ गिर गए थे. वहीं रामेश्वरम में मछुआरों की करीब 50 नांव भी डैमेज हुई थीं.
Tamil Nadu: Around 50 boats of fishermen damaged in Rameswaram following the thunderstorm and rainfall which hit parts of the state last night. pic.twitter.com/Tc8Bftx5V9
— ANI (@ANI) May 18, 2020
निपटने के लिए क्या तैयारी है?
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के खतरे वाले इलाकों में तैनात कर दिया गया है. 11 लाख लोगों को संभावित खतरे वाले इलाकों से हटाया जा रहा है. ओडिशा के करीब 12 ज़िले हाई अलर्ट पर हैं. स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (SRC) पीके जेना ने बताया कि इन 12 ज़िलों में 809 साइक्लोन शेल्टर हैं, लेकिन इनमें से 242 अभी शेल्टर लॉकडाउन के दौरान राज्य लौटने वाले लोगों के मेडिकल कैम्प के नाम कर दिए गए हैं. बचे हुए शेल्टर पर पीके जेना ने कहा,
'हमारे पास 567 साइक्लोन शेल्टर हैं. अगर लोगों को उनके घरों से बाहर निकालना पड़ा, तो उन्हें इन शेल्टरों में रखा जाएगा. हमने 7,092 बिल्डिंग की भी व्यवस्था कर ली है.'
वहीं लॉकडाउन के दौरान चलने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का रूट भी बदला गया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि 'अम्फान' के रास्ते से गुज़रने वाली ट्रेनों को अस्थाई तौर पर स्थगित किया जाए. ऐसे में दिल्ली से भुवनेश्वर और भुवनेश्वर से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों का रूट 'अम्फान' को देखते हुए बदला गया है.
पीएम मोदी मीटिंग करने वाले हैं
चक्रवात के हालात और तैयारियों का जायजा लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी मीटिंग करने वाले हैं. पीएम 18 मई की शाम चार बजे गृह मंत्रालय और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (NDMA) के साथ मीटिंग करेंगे.
To review the arising cyclone situation in various parts of the country, PM @narendramodi
— Amit Shah (@AmitShah) May 18, 2020
ji will chair a high level meeting with MHA & NDMA, today at 4pm.
वैसे क्या होता है चक्रवात?
जब समंदर 27 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म हो जाता है, तो खूब सारी भाप उठती है. ये भाप और गर्म होती हवा आसमान में उपर उठती है. जैसे रोडवेज़ की बस में किसी के जगह छोड़ते ही आजू-बाजू खड़े रहने वाले लोग वो जगह लेने दौड़े चले आते हैं, वैसे ही ऊपर उठती गर्म हवा की जगह लेने आस-पास की हवा में भसड़ मच जाती है.
अब ये गर्म हवा ऊपर उठकर ठंडी होने लगती है और बनते हैं नमी से भरे बड़े-बड़े बादल. आसमान में ऊपर उठते बादल कोरियोलिस फोर्स (धरती के घूमने से पैदा होने वाला एक बल) के चलते गोल-गोल घूमने लगते हैं. हवा के इधर-उधर होने और बादल बनने का सिस्टम जब लगातार चलता है, तो बात सीरियस हो जाती है और एक तूफान का जन्म होता है. जितनी गर्मी और नमी होगी, तूफान उतना ही ज़ोर का होगा.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक चक्रवात 'अम्फान' के बारे में जानकारी लेते हुए. फोटो- PTI.
नाम कैसे रखते हैं?
हिंद महासागर में आने वाले तूफानों को नाम देने का चलन 2004 में शुरू हुआ. भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाइलैंड ने मिलकर नाम देने का एक फॉर्मूला बनाया. इसके मुताबिक, सभी देशों ने अपनी ओर से आठ-आठ नामों की एक लिस्ट वर्ल्ड मीटियोरोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (WMO) को दी. नाम देने लायक चक्रवात आने पर आठ देशों के भेजे नामों में से बारी-बारी एक नाम चुना जाता रहा. 'अम्फान' इस लिस्ट का आखिरी नाम था, जिसे थाइलैंड ने दिया था.
हिंद महासागर में आने वाले अगले चक्रवात को नाम देने के लिए नई लिस्ट भी तैयार हो चुकी है. IMD ने इस महीने अप्रैल में ये लिस्ट जारी की थी. इस बार आठ पुराने देशों के अलावा पांच नए देशों के नाम भी शामिल हैं. ये पांच देश हैं- इरान, कतर, सऊदी अरेबिया, UAE और यमन. इन सभी देशों ने अपनी-अपनी तरफ से चक्रवातों के नाम सुझाए और 169 नाम डिसाइड भी कर लिए गए.
वीडियो देखें: अटलांटिक के सबसे मजबूत चक्रवात इरमा का कारनामा