अमेठी से स्मृति ईरानी क्यों हारीं? हराने वाले किशोरी लाल शर्मा ने वजह बताई
किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी और बीजेपी के लिए कहा कि वे बिना होमवर्क के राजनीति कर रही थीं.

अमेठी के लोकसभा चुनाव के नतीजे (Amethi Loksabha Results) ने चुनाव एक्सपर्ट्स को भी हैरान कर दिया. कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने यहां केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी को हराया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में राहुल गांधी को मात दी थी. अब किशोरी लाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि वो अमेठी के अपने कार्यकर्ताओं का मूड भांप गए थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ‘बिना होमवर्क’ के राजनीति कर रही थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव में कम आंका था.
किशोरी लाल शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
कौन हैं किशोरी लाल शर्मा?"मैं 40 साल से अमेठी में काम रहा हूं. इस चुनाव में मैं अपने कार्यकर्ताओं का मूड भांप गया था. इस दौरान गांधी परिवार ने भी मेरी बहुत मदद की है. अमेठी में स्मृति ईरानी ने 5 साल तक सिर्फ अहंकार की राजनीति की थी. इसलिए अमेठी की जनता ने स्मृति का अहंकार देखकर हरा दिया. बीजेपी अमेठी में बिना होमवर्क के राजनीति कर रही थी. शायद इसलिए इस लोकसभा चुनाव में स्मृति ने मुझे बहुत कम आंका था. क्योंकि मैं लो प्रोफाइल में रहता हूं."
किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं. साल 1983 में जब पहली बार राजीव गांधी ने रायबरेली और अमेठी में कदम रखा, तब शर्मा भी उनके साथ आए. राजीव गांधी की मौत के बाद भी गांधी परिवार से उनके रिश्ते अच्छे रहे. जब सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में उतरीं तो किशोरी लाल शर्मा उनके करीबी सहयोगी बन गए. उनके साथ लगातार रायबरेली और अमेठी जाते रहे. जब सोनिया गांधी ने राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ी तो किशोरी शर्मा को अमेठी का जिम्मा सौंप दिया गया. तब से वह लगातार राहुल गांधी का इलेक्शन मैनेज करते आ रहे थे.
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कैसे अमेठी में लोकप्रियता बनाई?2004 में जब पहली बार राहुल गांधी अमेठी से सांसद बने, तब से लगातार किशोरी लाल शर्मा उनके साथ वहां जाते रहे. शर्मा को करीब से जानने वाले बताते हैं कि जब तक राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे, तब तक किशोरी लाल शर्मा का हर दूसरे महीने अमेठी आना-जाना होता रहा. राहुल की हार के बाद भी उन्होंने अमेठी नहीं छोड़ा और वहां के लोगों के संपर्क में रहे. दिल्ली में इलाज से लेकर तमाम दूसरी चीजों में अमेठी के लोगों की मदद करते रहे. केएल शर्मा की अमेठी के हर गांव-मोहल्ले तक पैठ थी. इसी वजह से इस बार कांग्रेस ने उन्हें अपनी पारंपरिक सीट से चुनाव मैदान में उतारा था.
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