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अमेरिका में भारतीय मूल के चार बुजुर्गों की सड़क हादसे में मौत, पांच दिन से थे लापता

US Car Accident: भारतीय मूल के चारों बुजुर्गों को आखिरी बार 29 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के एरी में पीच स्ट्रीट पर बर्गर किंग आउटलेट पर देखा गया था. उनके क्रेडिट कार्ड में आखिरी लेनदेन भी उसी जगह पर हुआ था.

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US Car Crash
चारों बुजुर्गों की उम्र 80 साल से ज्यादा थी. (फोटो- इंडिया टुडे)
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हरीश
3 अगस्त 2025 (Published: 10:20 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया राज्य में भारतीय मूल के चार बुजुर्गों की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य थे और पिछले पांच दिनों से न्यूयॉर्क के बफेलो से लापता थे. अमेरिकी पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी. आखिरकार इनकी क्षतिग्रस्त कार और शव मार्शल काउंटी के बिग व्हीलिंग क्रीक रोड पर एक चट्टान के पास मिले.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये चारों एक हल्के हरे रंग की टोयोटा कैमरी में सवार थे. मृतकों की पहचान आशा दीवान (85), किशोर दीवान (89), शैलेश दीवान (86) और गीता दीवान (84) के रूप में हुई है. वेस्ट वर्जीनिया की मार्शल काउंटी पुलिस ने एक फेसबुक पोस्ट में भारतीय मूल के चारों बुजुर्गों की मौत की पुष्टि की है. मार्शल काउंटी शेरिफ कार्यालय की तरफ से बताया गया,

"उनकी कार शनिवार, 2 अगस्त को स्थानीय समयानुसार रात लगभग 9:30 बजे बिग व्हीलिंग क्रीक रोड पर एक चट्टान के पास क्षतिग्रस्त हालत में मिली."

यह काफी दूर-दराज का इलाका था. रेस्क्यू टीम को भी वहां पहुंचने में पांच घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग गया. पुलिस ने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है. इन चार बुजुर्गों को आखिरी बार 29 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के एरी में पीच स्ट्रीट पर बर्गर किंग आउटलेट पर देखा गया था. उनके क्रेडिट कार्ड में आखिरी लेनदेन भी उसी जगह पर हुआ था.

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बताया जा रहा है कि चारों बुजुर्ग मार्शल काउंटी में मौजूद पैलेस ऑफ गोल्ड जा रहे थे. पैलेस ऑफ गोल्ड इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद के शिष्यों का बनाया हुआ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो वेस्ट वर्जीनिया शहर में पड़ता है. वो बफेलो शहर निकले हुए थे.

मृतकों की गाड़ी पर न्यूयॉर्क की लाइसेंस प्लेट (EKW2611) लगी थी. 29 जुलाई की रात को उनकी योजना पैलेस ऑफ गोल्ड में रुकने की थी. हालांकि, स्थानीय मीडिया ने पुलिस के हवाले से बताया कि इन चारों ने वहां चेक-इन ही नहीं किया.

29 जुलाई के बाद से किसी भी व्यक्ति ने अपने फोन का जवाब नहीं दिया था. बीते चार दिनों में पुलिस और एजेंसियां उनके तलाशी अभियान में जुटी हुई थीं.

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