अखिलेश यादव ने विधायक पूजा पाल को सपा से निकाला, सीएम योगी की जमकर तारीफ की थी
पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पूजा ने बीजेपी को वोट दिया था. तब सपा ने उन पर कार्रवाई नहीं की थी. लेकिन विधानसभा में सीएम योगी की तारीफ के बाद पूजा पाल को सपा से निकाल दिया गया.

विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने वाली पूजा पाल को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया है. यूपी की चैल से विधायक पूजा पाल पर सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया है. निष्कासन पत्र में कहा गया है कि पूजा को पहले भी पार्टी की तरफ से सचेत किया गया था लेकिन उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियां बंद नहीं कीं.

विधानसभा में पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि प्रयागराज में सीएम की नीतियों से महिलाओं को न्याय मिला. पूजा पाल ने कहा कि अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा था, “मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे वह न्याय दिलाया.”
निष्कासन के बाद पूजा पाल का बयान भी आया है. उन्होंने कहा,
शायद आप प्रयागराज की उन महिलाओं की आवाज़ नहीं सुन पाए, जो मुझसे भी ज़्यादा परेशान थीं. लेकिन मैं उनकी आवाज़ हूं. मुझे विधायक चुनकर विधानसभा भेजा गया है. मैं उन माताओं और बहनों की आवाज़ हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. उन्होंने मुझे यहां भेजा है. प्रयागराज के सभी लोगों को, जो अतीक अहमद के कारण परेशान थे, मुख्यमंत्री ने न्याय दिलाया है . सिर्फ पूजा पाल को नहीं.
निष्कासन के बाद भी पूजा ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा,
बीजेपी के संपर्क में हैं पूजामैं यह बात पहले दिन से कह रही हूं, तब भी जब मैं पार्टी में थी. मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं. मैं बाद में विधायक बनी, पहले एक पीड़ित महिला हूं, एक पत्नी हूं... हम घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकते, जो हमारे साथ हुई.
ये लोग पीडीए की बात करते हैं. मैं भी पिछड़े वर्ग से हूं, मैं परेशान थी. मेरे पति की दिनदहाड़े हत्या हुई, तो मैं घर से बाहर निकली. मैं नई-नई दुल्हन थी और घर में कोई नहीं था... उन्होंने साबित कर दिया है कि वे पूरी तरह PDA के खिलाफ हैं.
सूत्र बताते हैं कि पूजा पाल लंबे समय से बीजेपी के संपर्क में हैं. अतीक अहमद पर कार्रवाई और उसकी हत्या के बाद पूजा सीएम योगी के करीबियों के संपर्क में रहीं. पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पूजा ने बीजेपी को वोट दिया था. तब सपा ने उन पर कार्रवाई नहीं की थी. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि पूजा पाल का नाम सपा की एग्जिंट लिस्ट में शामिल था.
पूजा पाल के बयान पर सपा की प्रतिक्रिया भी आई. सपा के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर ने इसे उनका निजी मामला बताया और कहा कि अगर उन्हें पार्टी से असहमति थी तो उन्हें पार्टी में नहीं रहना चाहिए था.
विधानसभा में पूजा पाल का बयानपूजा ने अतीक अहमद पर कार्रवाई को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की थी. विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर हुई 24 घंटे की मैराथन चर्चा के दौरान पूजा ने कहा था,
“सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या किसने की. मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहती हूं कि जब कोई और मेरी बात नहीं सुन रहा था, तब उन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात सुनी. मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मेरे जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया, ज़ीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लागू कर अतीक अहमद जैसे अपराधियों का सफाया किया. आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री को भरोसे की नज़रों से देखता है. मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया. मैंने आवाज़ तब उठाई जब देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों से लड़ना नहीं चाहता. जब इस लड़ाई में मैं थकने लगी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिया.”
इस बयान के कुछ ही घंटों में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्ताक्षर वाला निष्कासन पत्र जारी किया गया. पत्र में कहा गया कि पहले चेतावनी देने के बावजूद पूजा पाल ने अपनी गतिविधियां नहीं रोकीं, जिससे पार्टी को 'काफी नुकसान' हुआ.
सपा की कार्रवाई के बाद यूपी की मंत्री बेबी रानी मौर्य ने पूजा का समर्थन किया है. उन्होंने कहा,
शादी के 9 दिन बाद हुई थी पति की हत्या“उन्होंने (पूजा पाल ने) सरकार की तारीफ़ की थी. कहा था कि सरकार अच्छा काम कर रही है और विकसित उत्तर प्रदेश की बात की थी. क्या सपा इस राज्य को फिर से गुंडागर्दी और लूटपाट की भूमि बनाना चाहती है? समाजवादी पार्टी की नीति ही यही है कि वे कभी महिलाओं का सम्मान नहीं करते.”
साल 2004 में अतीक अहमद ने पूजा पाल के पति राजू की हत्या करवा दी थी. हत्या की वजह राजनीतिक बताई गई. राजू पाल ने 2004 में इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव में अतीक अहमद के भाई मोहम्मद अशरफ को हरा दिया था. चुनाव के बाद राजू पाल की हत्या कर दी गई. हत्या से सिर्फ 9 दिन पहले ही राजू और पूजा की शादी हुई थी. इसके बाद 2007 में पूजा ने इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव लड़ा और जीता भी. पूजा दो बार इलाहाबाद पश्चिम से विधायक रह चुकी हैं. फिलहाल कौशांबी की चैल विधानसभा से MLA हैं.
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