कृषि मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद किसान नेताओं ने आंदोलन के अगले चरण का ऐलान कर दिया है
अब आगे क्या करेंगे किसान, जान लीजिए
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सरकार की ओर से एक बार फिर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (बाएं) ने भरोसा दिलाने की कोशिश की. वहीं किसान नेता बूटा सिंह (दाएं) ने रेल पटरियां ब्लॉक करने की धमकी दी है. (फोटो-ANI)
हमने किसानों को एक प्रपोजल बनाकर दिया था. उन लोगों ने विचार विमर्श भी किया. किसानों के प्रश्नों का उत्तर देने के बाद भी वो लोग किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे निश्चित रूप से मेरे मन में भी कष्ट है. किसानों से चर्चा के दौरान जो प्रश्न उठाए थे, उनके समाधान के लिए लिखित में भारत सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. किसान उन प्रस्ताव पर विचार करें. आपकी ओर से जब भी चर्चा के लिए कहा जाएगा, सरकार तैयार रहेगी.
Any law cannot be entirely defective. Government is ready to discuss the provisions that may adversely affect the farmers: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on being asked if #FarmLaws will be repealed pic.twitter.com/poXurJtmYG
— ANI (@ANI) December 10, 2020
कृषि मंत्री ने और क्या कहा?
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों का मानना है कि कृषि राज्य का विषय है और केंद्र कानून नहीं बना सकता. हमने उन्हें बताया है कि ट्रेड के लिए केंद्र को कानून बनाने का अधिकार है. इन कानूनों को हमने ट्रेड तक ही सीमित रखा है. राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सकती है. राज्य सरकारें रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत होंगी, और अपने हालात के हिसाब से नियम बना सकेंगी. हमने किसानों को न्यायालय जाने का विकल्प देने की बात भी कही है. भूमि से संबंधित लीज, पट्टा या करार नहीं हो सकेगा, ये भी कहा है. भूमि की कुर्की और नीलामी पर हमने उन्हें स्पष्टीकरण देने की बात कही थी. MSP पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ये पहले की तरह चलती रहेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन को अगले चरण के आंदोलन की घोषणा वापस लेनी चाहिए क्योंकि बातचीत टूटी नहीं है. अगर सरकार और यूनियन के बीच बातचीत टूट जाए, तब तो अगले चरण के आंदोलन की घोषणा की बात समझ आती है. सरकार चाहती है कि किसान बातचीत करें. हमारे प्रपोजल को लेकर कोई आपत्ति है तो बताएं.किसान नेताओं का क्या कहना है?
किसान नेता बूटा सिंह ने कहा,हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेल पटरियों को ब्लॉक कर देंगे. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे. संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख तय करेगा और फिर घोषणा करेगा.
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा,The Central government has admitted that the laws have been made for traders. If agriculture is State subject, they do not have the right to make laws regarding it: Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R)#FarmLaws https://t.co/mjH9zAqbEx pic.twitter.com/E0DZMpQDlk
— ANI (@ANI) December 10, 2020
केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं. यदि कृषि राज्य विषय है, तो उन्हें इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है.किसानों के समर्थन में TMC के 3 दिन के प्रदर्शन के अंतिम दिन पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक नियमों और संघीय ढांचों का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा,
किसानों के आंदोलन को भुनाने के लिए वे नौटंकी करेंगे... कहेंगे कि पाकिस्तान हम पर हमला करने वाला है... उनके पास विरोध-प्रदर्शनों को रोकने के लिए ऐसे कई खेल हैं.ममता बनर्जी ने नए संसद भवन की भी आलोचना करते हुए कहा कि नए संसद भवन की कोई जरूरत नहीं थी. यह पैसा अभी किसानों को दिया जाना चाहिए.