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आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच मीटिंग में क्या निकला?

दो मुद्दों पर बात बन गई है.

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दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल. (फोटो- PTI)
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अभिषेक त्रिपाठी
30 दिसंबर 2020 (Updated: 30 दिसंबर 2020, 03:46 PM IST) कॉमेंट्स
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केंद्र सरकार और किसान 30 दिसंबर, बुधवार को एक बार फिर साथ बैठे. पिछले 35 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ सरकार की ये छठे दौर की बातचीत थी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में किसानों से बात हुई, और दो मसलों पर बात बन भी गई. ये हैं- इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट और पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश. इसके अलावा MSP को लेकर भी सरकार ने लिखित भरोसा देने को बात कही है. बाकी बातों पर 4 जनवरी को फिर से वार्ता की जाएगी. बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने कहा –
“पर्यावरण से संबधित जो अध्यादेश है, उसमें पराली और किसान शामिल हैं. उनकी (किसानों की) शंका थी कि किसानों को इसमें नहीं होना चाहिए. इस पर दोनों पक्षों में सहमति हो गई है. इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट, जो अभी आया नहीं है. उन्हें लगता है कि यह ऐक्ट आएगा तो इससे किसानों को नुकसान होगा. सिंचाई के लिए जो बिजली की सब्सिडी दी जाती है, वो उसी तरह चलनी चाहिए जैसे राज्य देते रहे हैं. इस पर भी सरकार और किसान यूनियनों के बीच सहमति हो गई है:”
बताया जा रहा है कि पराली जलाने के मामले में सरकार ने किसानों को जुर्माने के दायरे से बाहर कर दिया है. वहीं पावर बिल 2020 को वापस लेने पर सहमति जताई है.माझा किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने दो मांगें मान ली हैं, लेकिन अभी दो विषय रह गए हैं. MSP और तीन कृषि कानून. इन दोनों विषय पर आगे बात होगी. तोमर ने भी कहा कि कानून के विषय में और MSP के विषय में चर्चा पूरी नहीं हुई है. हम लोग (किसान नेता और सरकार) 4 जनवरी को 2 बजे फिर से बैठेंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे. कुछ संतुष्ट नजर आए किसान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद संतुष्टि जताई और कहा कि सरकार ने पराली और बिजली कानून वापस ले लिया है. उन्होंने कहा–
हम कुछ तो संतुष्ट है। दो मांगों को मान लिया गया है। अगली बैठक में हम MSP और 3 क़ानूनों को लेकर सरकार से बात करेंगे। कल की ट्रैक्टर रैली को हमने स्थगित कर दिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता pic.twitter.com/xvHu7Ftfnx
हालांकि ऐसा नहीं है कि किसानों और सरकार के बीच गतिरोध पूरी तरह ख़त्म हो गया है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा –
“तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अभी भी गतिरोध है. MSP के मुद्दे पर अभी आम सहमति नहीं बनी है.”
वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार ने किसान यूनियन से तीन कृषि बिल और MSP पर एक प्रपोज़ल मांगा है. सरकार का अभी भी ये कहना है कि MSP ख़त्म नहीं होने जा रही है. 2 जनवरी को किसान यूनियन मिलकर ये प्रपोज़ल तैयार करेंगे. उसके बाद आगे बात होगी.

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